यूपी कांग्रेस की नजर अब नई पीढ़ी पर

UP Congress is now eyeing the new generation
यूपी कांग्रेस की नजर अब नई पीढ़ी पर
यूपी कांग्रेस की नजर अब नई पीढ़ी पर

लखनऊ, 26 अगस्त (आईएएनएस)। कांग्रेस से छिटकी नई पीढ़ी के वोटरों को जोड़ने की कवायद में विपक्षी पार्टी लगातार लगी है। इसके लिए नए-नए फॉर्मूले अपनाकर वह युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करने के प्रयास में है। इसी क्रम में कांग्रेस में 13 और 14 सितंबर को समान्य ज्ञान प्रतियोगिता कराने जा रही है।

प्रतियोगिता में कांग्रेस के जमाने में हुए आंदोलनों और यूपीए 1 और 2 की विकास यात्रा से जुड़े सवाल पूछे जाएंगे। इस आयोजन को लेकर पार्टी खासी गंभीर है, क्योंकि उसे लगता है कि इसके माध्यम नई पीढ़ी को कांग्रेस से जोड़ा जा सकता है। उसकी नजर अब नई पीढ़ी पर है।

कांग्रेस के उत्तर प्रदेश सोशल मीडिया के चेयरमैन मोहित पांडेय ने आईएएनएस से कहा, सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन कांग्रेस ने पिछले वर्ष भी किया था। इस बार फिर वही प्रतियोगिता 13 और 14 सितंबर को होने जा रही है। भारत की सशक्तीकरण यात्रा नामक विषय रखा गया है। इसमें हरित और कम्प्यूटर क्रांति, नेहरू जी के पंचवर्षीय योजना और इंदिरा जी के भूमि सुधार आंदोलन से जुड़े सवाल रहेंगे। इसमें सारे भारत को सशक्त बनाने वाले सवालों को जोड़ा जाएगा।

उन्होंने बताया, इसमें 16 से 22 वर्ष के लोगों इसमें हिस्सा ले पाएंगे। यह प्रतियोगिता पूरे 75 जिलों में आयोजित होगी। इसमें हमारे सारे फंट्रल संगठन सहयोगी होंगे। उन्होंने बताया कि इस बार कोरोनाकाल को देखते हुए प्रतियोगिता ऑनलाइन कराई जानी है। इसमें करीब 10 लाख नौजवानों के हिस्सा लेने की संभावना है।

कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से स्कूल-कॉलेज बंद हैं, इसलिए प्रतियोगिता कराने में चुनौती भी सामने है। इसी को देखते हुए यह प्रतियोगिता ऑनलाइन कैसे आयोजित हो, इस पर विचार हो रहा है। इसे लेकर हर जिले के प्रमुख पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की गई है और उन्हें छात्रों से फॉर्म भरवाने व उन तक प्रतियोगिता से संबंधित पाठ्य सामग्री पहुंचाने की जिम्मेदारी सौंपी गई।

वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक रतनमणि लाल का कहना है कि किसी भी राजनीतिक दल द्वारा इस तरह कि प्रतियोगिता आयोजित करने से ज्यादा कोई सफलता नहीं मिलती है। ऐसे प्रयोग वामपंथी पार्टी भी कर चुकी है। वे लोग अपनी पत्रिकाओं में लेफ्ट मूवमेंट से जुड़ी सामग्री छापते थे। ये पत्रिकाएं सिर्फ उसी विचारधारा के लोग पढ़ते हैं।

उन्होंने कहा, कई राजनीतिक दलों ने मीडिया में दखल दी थी। शिक्षा और ज्ञान से संबधित चीजों में लोगों को राजनीतिक दखल पसंद नहीं आता है। उदाहरण के तौर संघ के मुखपत्र को भी उनकी विचारधारा से जुड़े लोग ही पढ़ते हैं। ऐसे आयोजनों को कोई व्यक्ति इसको ज्ञानवर्धक एक्टिविटी के बजाय बतौर राजनीतिक एक्टिविटी ही लेगा। लोग जानते हैं कि यह राजनीतिक दल का काम है। आम लोगों पर इसका कोई ज्यादा असर होने वाला नहीं है।

वीकेटी/एसजीके

Created On :   26 Aug 2020 2:30 PM IST

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