यूएस एक्सपर्ट का दावा, पुलवामा हमले में है पाकिस्तानी इंटेलिजेंस एजेंसी का हाथ

यूएस एक्सपर्ट का दावा, पुलवामा हमले में है पाकिस्तानी इंटेलिजेंस एजेंसी का हाथ
हाईलाइट
  • अमेरिकी विशेषज्ञों ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तानी इंटेलिजेंस एजेंसी ISI का हाथ बताया है।
  • गुरुवार को हुए हमले में CRPF के 37 जवान शहीद हो गए थे।
  • विशेषज्ञों ने संदेह जताया है कि हमले की साजिश रचने वालों की ISI ने मदद की है।

डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। अमेरिकी विशेषज्ञों ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तानी इंटेलिजेंस एजेंसी ISI का हाथ बताया है। विशेषज्ञों ने संदेह जताया है कि हमले की साजिश रचने वालों की ISI ने मदद की है। बता दें कि पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने जम्मू-कश्मीर में घातक आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है। गुरुवार को हुए इस हमले में CRPF के 37 जवान शहीद हो गए थे।

विशेषज्ञों ने कहा कि आतंकी हमले से पता चलता है कि अमेरिका पाकिस्तान को जैश-ए-मोहम्मद और अन्य आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मनाने में विफल रहा है।

सीआईए के एक पूर्व विश्लेषक ब्रूस रीडेल ने कहा, "JeM की हमले की जिम्मेदारी लेना ISI की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाती है।"

ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूट थिंक-टैंक के स्कॉलर रिडेल ने कहा कि आतंकवादी हमला, जिसके तार सीधे पाकिस्तान से जुड़े है पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए बड़ी चुनौती है।ओबामा प्रशासन में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के एक पूर्व अधिकारी अनीश गोयल ने कहा कि यह हमला बताता है कि किस तरह से कश्मीर में अभी भी सक्रिय रूप से पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन अपनी गतिविधियां चला रहा है।

उन्होंने कहा, हमले के बाद जैश-ए-मोहम्मद द्वारा तत्काल इसकी जिम्मेदारी लेना स्पष्ट रूप से संकेत दे रहा है कि वह इस क्षेत्र में परेशानी पैदा करता रहेगा और पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव बढ़ाएगा।

गोयल ने कहा इस हमले के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कश्मीर में सक्रिय सभी उग्रवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए दबाव बढ़ने की संभावना होगी।

काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस की एलिसा अयर्स ने कहा, "दुर्भाग्य से ये हमला अमेरिका और अंतर्राष्ट्रीय नीति के पाकिस्तान को इन समूहों के खिलाफ गंभीर कार्रवाई करने के लिए राजी करने के प्रयासों की लिमिट को दिखाता है। ऐसे में सवाल उठता है कि कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय और क्या कर सकता है?

हिंदू स्कॉलर डेविड फ्रॉले ने कहा कि कश्मीर में आतंकवादी हमले एक विचारधारा या धर्मशास्त्र के बिना संभव नहीं हैं, जो आतंकवाद को सही ठहराते हैं और अपने अनुयायियों का ब्रेनवॉश करते हैं कि दूसरों का नरसंहार किसी व्यक्ति को स्वर्ग की ओर ले जाता है। उन्होंने कहा आतंकियों के खात्मे के साथ-साथ उनकी मानसिकता को भी मिटाना होगा।

वाशिंगटन स्थित हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन ने कहा कि जैश-ए-मोहम्मद का ताजा हमला इस बात का एक और उदाहरण है कि कैसे पाकिस्तान की खुफिया सेवाएं भारत में आतंकवादी घटनाओं को प्रायोजित करती हैं।

हालांकि यह देखकर खुशी होती है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का एक व्यापक दल इस हमले की निंदा कर रहा है, एकजुटता के ऐसे बयानों को ऐसे कार्यों द्वारा समर्थित किया जाना चाहिए जो ऐसे आतंकवादी समूहों की क्षमता को खत्म करने में मदद करते हैं।

ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी (ओएफबीजेपी) -यूएसए ने एक बयान में मांग की कि संयुक्त राष्ट्र मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट के रूप में नामित करे।

संयुक्त राष्ट्र में अज़हर के प्रतिबंध को रोकने में चीन को खुद पर शर्म आनी चाहिए। भारतीय प्रवासी मांग करते हैं कि यदि पाकिस्तान भारत के साथ शांति की मांग कर रहा है, तो उसे मौलाना मसूद अजहर और उसके साथियों को गिरफ्तार करना चाहिए और पाकिस्तान में सभी आतंकवादी संगठनों को बंद करना चाहिए।

पाकिस्तान भी तरह एक राष्ट्र है और अगर वह वास्तविक दुनिया में अस्तित्व में रहना चाहता है, तो उसे खेल नहीं खेलना चाहिए, झूठ का सहारा नहीं लेना चाहिए और आतंकवाद को समाप्त करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उसे अपनी मिट्टी को आतंकवाद मुक्त बनाना चाहिए।

जम्मू-कश्मीर में हुए सबसे घातक आतंकी हमलों में गुरुवार को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कम से कम 37 जवान शहीद हो गए और पांच घायल हो गए, जब एक जैश आत्मघाती हमलावर ने पुलवामा जिले में 100 किलोग्राम से अधिक विस्फोटकों से लदे एक वाहन से सेना के वाहन को टक्कर मार दी थी।
 

Created On :   15 Feb 2019 11:46 AM GMT

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