गृह मंत्री का बड़ा बयान: 'जगदीप धनखड़ ने क्यों दिया इस्तीफा? अमित शाह ने तोड़ी चुप्पी, 130वें संविधान संशोधन विधेयक पर विपक्ष को गृह मंत्री का करारा जवाब

- अमित शाह का बड़ा बयान
- स्वास्थ्य कारणों के चलते धनखड़ ने दिया इस्तीफा- गृह मंत्री
- 130वें संविधान संशोधन विधेयक को लेकर शाह का दावा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इन दिनों विपक्ष की ओर से उठाए जा रहे मुद्दों पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने सोमवार (25 अगस्त) को एक इंटरव्यू में तमाम मुद्दों पर अपनी राय रखी है। इनमें जगदीप धनखड़ के पद से इस्तीफा देना, विपक्ष की ओर से उपराष्ट्रपति पद के लिए खड़े किए गए उम्मीदवार और 130वें संविधान संशोधन विधेयक जैसे मुद्दे शामिल हैं। गृह मंत्री ने पूर्व उपराष्ट्रपति के इस्तीफे की वजह बातई। उन्होंने कहा कि धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों के चलते पद छोड़ा है। दूसरी को 130वें संविधान संशोधन विधेयक को लेकर कहा कि उनका मानना है कि यह बिल पास हो जाएगा।
धनखड़ के इस्तीफे की क्या थी वजह?
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जगदीप धनखड़ एक संवैधानिक पद पर आसीन थे और अपने कार्यकाल में उन्होंने संविधान के अनुरूप अच्छा काम किया। उन्होंने अपनी व्यक्तिगत स्वास्थ्य समस्या के कारण इस्तीफा दिया है।
सुदर्शन रेड्डी का भी किया जिक्र
शाह ने विपक्षी गठबंधन INDIA के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी के बारे में कहा कि उन्होंने सलवा जुडूम को खारिज कर दिया और आदिवासियों के आत्मरक्षा के अधिकार को समाप्त कर दिया। यही कारण है कि इस देश में दो दशकों से अधिक समय तक नक्सलवाद कायम रहा। मेरा मानना है कि वामपंथी विचारधारा ही (सुदर्शन रेड्डी को चुनने का) मानदंड रही होगी।
बिल पारित हो जाएगा- शाह
गृह मंत्री ने 130वें संविधान संशोधन विधेयक पर भी अपनी राय साझा की। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि यह पारित हो जाएगा। कांग्रेस पार्टी और विपक्ष में ऐसे कई लोग होंगे जो नैतिकता का समर्थन करेंगे और नैतिकता के आधार को बनाए रखेंगे।
आपको बता दें कि, सरकार ने लोकसभा में 130वें संविधान संशोधन विधेयक पेश किया। इसमें राज्यों के मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और मंत्रियों को गंभीर आपराधिक मामलों में 30 दिनों के अंदर जमानत ना मिलने पर पद से हटाए जाने का प्रावधान है। विपक्ष की ओर से इस बिल का जमकर विरोध किया जा रहा है। उनका कहना है कि कई मामलों में जमानत मिलने में समय लगता है। विपक्ष के लगातार विरोध करने पर भी शाह ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि आज भी वे कोशिश कर रहे हैं कि अगर वे कभी जेल गए, तो वे जेल से ही आसानी से सरकार बना लेंगे। वे जेल को सीएम हाउस, पीएम हाउस में बदल देंगे और डीजीपी, मुख्य सचिव, कैबिनेट सचिव या गृह सचिव जेल से ही आदेश लेंगे। उन्होंने कहा कि लालू यादव को बचाने के लिए मनमोहन सिंह द्वारा लाए गए अध्यादेश को फाड़ने का राहुल गांधी का क्याऔचित्य था? अगर उस दिन नैतिकता थी, तो क्या आज नहीं है क्योंकि आप लगातार तीन चुनाव हार चुके हैं?
वोटिंग होगी, तो अपना मत व्यक्त करें- गृह मंत्री
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि संसद में चुनी हुई सरकार कोई भी विधेयक या संवैधानिक संशोधन लाए इसे सदन के समक्ष रखने में क्या आपत्ति हो सकती है? जबकि मैंने स्पष्ट कर दिया था कि हम इसे दोनों सदनों की संयुक्त समिति को सौंपेंगे। दूसरी बात जब इस पर मतदान होगा, तो आप अपनी मत व्यक्त कर सकते हैं। यह एक संवैधानिक संशोधन है, दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत आवश्यक है। हमारे पास (दो-तिहाई बहुमत) है या नहीं, यह उस समय साबित हो जाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि क्या लोकतंत्र में किसी भी सरकारी विधेयक या संविधान संशोधन को सदन में पेश न करने देना और इस तरह का व्यवहार करना उचित है? क्या देश की संसद के दोनों सदन बहस के लिए हैं या शोर-शराबे और हंगामे के लिए? हमने भी विभिन्न मुद्दों पर विरोध किया है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि विधेयक पेश न करने देने की मानसिकता लोकतांत्रिक है। विपक्ष को जनता को जवाब देना होगा।
'छोटे-मोटे आरोप के लिए पद नहीं छोड़ना'
130वें संशोधन विधेयक पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, जहां 5 साल से ज्यादा सजा का प्रावधान है, वहां व्यक्ति को पद छोड़ना होगा। किसी छोटे-मोटे आरोप के लिए पद नहीं छोड़ना। आज भी भारत के जनप्रतिनिधित्व अधिनियम में प्रावधान है कि अगर किसी निर्वाचित प्रतिनिधि को दो साल या उससे ज्यादा की सजा होती है, तो उसे संसद सदस्य के पद से मुक्त कर दिया जाएगा। कई लोगों की सदस्यता समाप्त हुई और सज़ा पर रोक लगने के तुरंत बाद बहाल हो गई।
Created On :   25 Aug 2025 9:53 AM IST














