ईरानी तेल खरीदी छूट खत्म होने से बढ़ी भारत की टेंशन, US ने नहीं दिया सस्ती दर पर तेल बेचने का भरोसा

US to ensure oil supplies to India after forced to stop importing crude oil from Iran
ईरानी तेल खरीदी छूट खत्म होने से बढ़ी भारत की टेंशन, US ने नहीं दिया सस्ती दर पर तेल बेचने का भरोसा
ईरानी तेल खरीदी छूट खत्म होने से बढ़ी भारत की टेंशन, US ने नहीं दिया सस्ती दर पर तेल बेचने का भरोसा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका ने सोमवार को भारत को आश्वासन दिया कि वह सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों के साथ बात कर रहा है ताकि ईरान पर लगे अमेरिकी प्रतिबंधों का असर भारत की तेल आपूर्ति पर न पड़े। हालांकि अमेरिका ने भारत को यह भरोसा देने से इनकार कर दिया वह ईरान के सस्ते तेल का आयात रोकने से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए रियायती दर भारत को कच्चा तेल  दिलवाएगा। भारत में अमेरिकी राजदूत केनेथ जस्टर ने ट्रेड सेक्रेटरी विल्बर रॉस और वित्त मंत्री अरुण जेटली की मीटिंग के बाद ये स्टेटमेंट सार्वजनिक किया। रॉस ने कहा, "तेल पर मालिकाना हक निजी हाथों में है इसलिए सरकार दाम में छूट देने के लिए लोगों पर दबाव नहीं बना सकती।"

ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध का दूसरा चरण नवंबर 2018 के पहले हफ्ते से लागू हो गया था। हालांकि, प्रतिबंध के लागू होते ही अमेरिका ने 8 देशों को अस्थायी रूप से ईरानी तेल खरीदी जारी रखने की अनुमति दे दी थी। इन आठ देशों में चीन, भारत, ग्रीस, इटली, ताइवान, जापान, तुर्की और दक्षिण कोरिया है। स्टेट सेक्रेटरी माइक पोम्पियो ने कहा था कि 20 से ज्यादा देशों ने पहले से ही ईरान से अपने तेल आयात में कटौती की है, जिससे प्रति दिन 1 मिलियन से अधिक बैरल खरीददारी कम हो गई है। ईरानी तेल खरीदी जारी रखने की छूट 2 मई को खत्म हो गई है। इस कारण भारत के तेल आयात पर जबरदस्त तरीके से फर्क पड़ा है।

बता दें कि जुलाई 2015 में ईरान का अमेरिका समेत दुनिया की 6 बड़ी ताकतों के साथ परमाणु समझौता हुआ था, जिसे जॉइंट कॉम्प्रिहेंसिव प्लान ऑफ ऐक्शन (JCPOA) नाम से जाना जाता है। कुछ दिन पहले अमेरिका के प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान समझौते को गलतियों से भरा बताते हुए इसे तोड़ दिया था और उस पर कड़े प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया था। यह प्रतिबंध दो चरणों में लागू करने की घोषणा की थी।

सात अगस्त 2018 को प्रतिबंध का पहला चरण लागू किया गया था और चार नवंबर को दूसरा सेट लागू किया गया। ट्रंप ने दावा किया था कि ईरान उसे मिल रही परमाणु सामग्री का इस्तेमाल हथियार बनाने में कर रहा है। परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल बना रहा है। वह सीरिया, यमन और इराक में शिया लड़ाकों और हिजबुल्लाह जैसे संगठनों को हथियार सप्लाई कर रहा है। ट्रंप ने यह भी कहा था कि जो भी देश ईरान की मदद करेगा उसे भी प्रतिबंध झेलना पड़ेगा।

चीन के बाद भारत, ईरान का दूसरा सबसे बड़ा तेल खरीदार है। 31 मार्च (2018-19) को खत्म हुए फाइनेंशियल ईयर में भारत ने ईरान से करीब 24 मिलियन टन कच्चा तेल खरीदा। भारत ने पिछले साल 2018 में ईरान से तेल आयात बढ़ाने का फैसला किया था जब ईरान ने भारत को करीब-करीब मुफ्त ढुलाई और उधारी की मियाद बढ़ाने का ऑफर दिया था। पहले अमेरिकी प्रतिबंधों के बीच ईरान से व्यापारिक रिश्ते कायम रखने वाले मुट्ठीभर देशों में भारत भी एक था।

Created On :   6 May 2019 8:48 PM IST

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