विहिप राम महोत्सव का बदल सकती है स्वरूप

VHP Ram Mahotsav may change its appearance
विहिप राम महोत्सव का बदल सकती है स्वरूप
विहिप राम महोत्सव का बदल सकती है स्वरूप
हाईलाइट
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अयोध्या, 21 फरवरी (आईएएनएस)। राम मंदिर निर्माण का ट्रस्ट बन जाने के बाद हुई एक बैठक के बाद विश्व हिंदू परिषद (विहिप) मंदिर निर्माण के लिए माहौल बनाने में जुटी है।

ट्रस्ट बनने के बाद बदली परिस्थितियों के अनुसार विहिप राम महोत्सव का स्वरूप भी बदलना चाहती है। इसके अलावा मंदिर निर्माण के अन्य क्रियाकलापों पर भी चर्चा करना चाहती है। इसके लिए वह अपनी कोर कमेटी की बैठक भी बुला चुकी है।

विहिप के सूत्र बता रहे हैं कि ट्रस्ट की अगली बैठक 15 दिनों के अंदर अयोध्या में बुलाई जा सकती है। संभावना है कि मार्च के प्रथम सप्ताह में आयोजित बैठक में मंदिर निर्माण की योजना से संबंधित जरूरी निणर्य लिए जा सकते हैं।

पूर्वी उत्तर प्रदेश के विहिप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री अंबरीश कुमार ने आईएएनएस से कहा, राम महोत्सव प्रदेश के प्रमुख मन्दिरों व ब्लाक स्तर पर आयोजित होगा। इसमें राममंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले कारसेवकों को सम्मानित किया जाएगा। इसके लिए कारसेवकों की सूची बनाई गई है। जो दिवंगत हो चुके हैं, उनके परिवारों को भी सम्मानित किया जाएगा।

उन्होंने कहा, राममंदिर निर्माण में आम जनता की सहभागिता हो। वह किस रूप में होगी, यह बैठक में तय होगा। कानूनी पेंच सब खत्म हो गया है।

अंबरीश ने कहा, मंदिर का स्वरूप मॉडल के आधार पर रहेगा। उसके आस-पास को कितना भव्य किया जाए, इसमें भी चर्चा हो सकती है। मंदिर निर्माण के लिए रखी शिलाओं की साफ-सफाई का कार्य नियमित चलता रहता है। मंदिर निर्माण की प्रक्रिया में तेजी लायी जा रही है।

उन्होंने ट्रस्ट में किसी तरह के विवाद से इनकार किया।

उन्होंने कहा, सभी लोग चाहते हैं कि अयोध्या में भव्य राममंदिर बने।

श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण से पूर्व अयोध्या के आस-पास के रामभक्तों से विहिप ने संपर्क साधना शुरू कर दिया है। 22 फरवरी को हनुमान मंडल के बैनर तले अयोध्या के चौरासी कोसी परिक्रमा क्षेत्र के मार्ग प्रमुखों की बैठक कारसेवकपुरम में आयोजित की जा रही है।

इसमें गोंडा, बस्ती, अंबेडकर नगर, अयोध्या व बाराबंकी जनपद के लोग भाग लेंगे। सूत्रों के अनुसार बैठक परिक्रमा से संबंधित जरूर है, लेकिन श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण से पूर्व राममय वातावरण तैयार करना बैठक का लक्ष्य बताया जा रहा है। अब सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के उपरांत राममंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया है। इससे पूर्व जनपद के रामभक्तों को बैठक के माध्यम से आमंत्रित करना व्यापक संदेश देने जैसा है।

दरअसल, संघ परिवार चाहता है मंदिर निर्माण में आम जनमानस की सहभागिता हो। ऐसा न हो कि शुरुआती दौर में भीड़ हो, लेकिन बाद में सन्नाटा हो। इसका विशेष ध्यान रखते हुए 1990-92 की तरह व्यवस्था हो। इसीलिए बीच-बीच में बैठकें और कार्यक्रम करके लोगों के बीच संदेश देने का काम कर रहे हैं।

गौरतलब है कि विश्व हिंदू परिषद ने प्रदेश में लगभग 40-50 हजार स्थानों पर और देश में करीब तीन लाख जगहों पर राम महोत्सव मनाने की योजना बनाई है। राम महोत्सव चैत्र शुक्ल प्रतिपदा (भारतीय नववर्ष) 25 मार्च से 9 अप्रैल तक आयोजित होंगे।

Created On :   21 Feb 2020 9:30 PM IST

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