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दैनिक भास्कर हिंदी: कुत्ते क्यों हमेशा परेशानी में अपने मालिकों को बचाते हैं

हाईलाइट
- कुत्ते क्यों हमेशा परेशानी में अपने मालिकों को बचाते हैं
न्यूयॉर्क, 31 मई (आईएएनएस)। आपका पालतू कुत्ता हमेशा आपकी परेशानी से बचाव के लिए आएगा। शोधकर्ताओं के अनुसार, ऐसा तब तक होता है, जब तक वे जानते हैं कि इसे कैसे करना है।
पीएलओएस वन जर्नल में प्रकाशित निष्कर्षों के लिए, शोधकर्ता यह जानना चाहते थे कि कुत्ते अपने मालिकों को बचाने के लिए कैसे मौके लेते हैं।
अमेरिका के एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता जोशुआ वान बोर्ग ने कहा, कुत्तों को किसी को बचाते हुए देखना आपको ज्यादा कुछ नहीं बताता, मुश्किल चुनौती यह जानना है कि वे ऐसा क्यों करते हैं।
परिणाम जानने के लिए रिसर्च टीम ने अपने मालिकों को बचाने के लिए 60 पालतू कुत्तों की प्रवृत्ति का आकलन करने एक प्रयोग किया। इस तरह के प्रयास में किसी भी कुत्ते ने कोई प्रशिक्षण नहीं लिया था।
मुख्य परीक्षण में, प्रत्येक मालिक को हल्के वजन वाले दरवाजे लगे एक बड़े बॉक्स में रखा गया, जिसे कुत्ता एक तरफ ले जा सकता था। मालिकों ने मदद या मेरी मदद करो कहकर उस दरवाजे को हटाने के लिए कहा।
शोधकर्ताओं ने मालिकों को पहले से प्रशिक्षित किया था, ताकि मदद के लिए उनका रोना असली लगे।
वान बोर्ग ने आगे कहा, लगभग एक-तिहाई कुत्तों ने अपने परेशान मालिक को बचाया, जो अपने आप में बहुत प्रभावशाली नहीं है, लेकिन वास्तव में प्रभावशाली है जब आप इसे करीब से देखते हैं।
अध्ययन के अनुसार, ऐसा इसलिए है, क्योंकि यहां दो चीजें दांव पर हैं। एक, कुत्तों की अपने मालिकों की मदद करने की इच्छा है, और दूसरा यह है कि कुत्तों ने उस सहायता की प्रकृति को अच्छी तरह से समझा है।
जबकि एक अन्य परीक्षण में, जब कुत्तों ने शोधकर्ता को बॉक्स में भोजन रखते हुए देखा, तो 60 में से केवल 19 कुत्तों ने भोजन लेने के लिए बॉक्स को खोला। जबकि इससे अधिक कुत्तों ने अपने मालिकों को बचाने के लिए बॉक्स खोला था।
वान बॉर्ग ने कहा, तथ्य यह है कि बचाव की जरूरत थी, इसलिए उन्होंने ऐसा किया। बॉक्स खोलने के लिए सिर्फ भोजन पाने की प्रेरणा जरूरी नहीं है। इसके अलावा एक और घटक है, वो है क्षमता। वो खोल सकते थे इसलिए उन्होंने बॉक्स खोला।
पूरे परीक्षण से सामने आया कि जो कुत्ते अपने लोगों को बचाने में विफल रहते हैं, वे समझ नहीं पाए कि क्या करना है। ऐसा नहीं है कि वे अपने लोगों की परवाह नहीं करते हैं।
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।
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