दिल्ली में IPS अधिकारी के कार्ड से साइबर अपराधियों ने निकाले 30 हजार रुपये

Wow Ri Delhi Police: First Joint Commissioner, now DCP Thug and Rita. Additional DCP was robbed!
दिल्ली में IPS अधिकारी के कार्ड से साइबर अपराधियों ने निकाले 30 हजार रुपये
दिल्ली में IPS अधिकारी के कार्ड से साइबर अपराधियों ने निकाले 30 हजार रुपये

डिजिटले डेस्क, नई दिल्ली। देखने-दिखाने को कार्यप्रणाली और अत्याधुनिक हथियारों की उपलब्धता में दिल्ली पुलिस के पास कोई कमी नहीं है। सवाल यह है कि फिर भी राजधानी में पब्लिक आखिर सुरक्षित क्यों नहीं है? कुछ वक्त पहले दिल्ली पुलिस मुख्यालय में बैठे-बैठे संयुक्त पुलिस आयुक्त (आईपीएस) के कार्ड से करीब 30 हजार रुपये साइबर अपराधियों ने निकाल लिए।

अब सुप्रीम कोर्ट के डीसीपी को साइबर अपराधियों ने शिकार बना डाला। डीसीपी का कार्ड उनके पास ही था। उसके बाद भी साइबर सेंधमारों ने डीसीपी के बैंक खाते से एक लाख 76 हजार रुपये गायब कर दिए और करीब 30 हजार रुपये की खरीदारी कर डाली।

गंभीर बात यह है कि, पुलिस उपायुक्त भी किसी बटालियन की नहीं वरन सुप्रीम कोर्ट की सुरक्षा की जिम्मदारी संभाल रहे हैं। नाम है एस.के. तिवारी। दूसरे मामले में पूर्वी जिले के लक्ष्मी नगर इलाके में रहने वाले एक रिटायर्ड एडिशनल पुलिस कमिश्नर को बदमाशों ने निशाना बना डाला। एडिश्नल डीसीपी का नाम जी.एल. मीणा है। मीणा का परिवार जब घर से बाहर था तो बदमाश उनके घर पर हाथ साफ कर गए।

पहली घटना के मुताबिक, डीसीपी सुप्रीम कोर्ट के पद पर तैनात एसके तिवारी के डेबिट कार्ड की क्लोनिंग करके उन्हें ठगा गया। 12 अक्टूबर को सुबह ग्यारह से एक बजे के बीच उनके डेबिट कार्ड से दो बार में करीब 1 लाख 76 हजार रुपये निकाले जाने के मैसेज मोबाइल पर आए। जबकि डेबिट कार्ड उनके पास मौजूद था। पीड़ित डीसीपी ने तुरंत कार्ड ब्लॉक करा दिया।

दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक, कार्ड ब्लॉक कराए जाने के बाद भी डीसीपी के खाते से करीब 30 हजार रुपये की खरीदारी कर डाली गई। जोकि बैंकों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाता है। साथ ही ब्लॉक्ड कार्ड से अगर पैसे निकल रहे हैं तो इसका मतलब साफ है कि साइबर ठगों से कहीं न कहीं किसी रूप में बैंक कर्मचारी भी मिले हुए होंगे। पीड़ित डीसीपी इन दिनों वसंतकुंज इलाके में रह रहे हैं।

फिलहाल अपने ही डीसीपी के साथ की गई साइबर ठगी की घटना में जुटी दिल्ली पुलिस को पता चला है कि, अधिकांश लेन-देन ऑनलाइन और एप्पल स्टोर से हुए हैं। मामला चूंकि डीसीपी साहब को ठगे जाने का है लिहाजा ऐसे में दिल्ली पुलिस ने चुस्ती दिखाते हुए जांच थाने-चौकी के बजाये साइबर सेल के हवाले की है।

दूसरी घटना में बदमाशों ने दिल्ली पुलिस के रिटायर्ड एडीशनल डीसीपी जी एल मीणा के घर पर हाथ साफ कर दिया। मीणा लक्ष्मी नगर के विजय चौक (पूर्वी दिल्ली) पर रहते हैं। 25 अक्टूबर को मीणा का परिवार दिवाली मनाने घर से बाहर गया हुआ था।

वापस लौटने पर देखा कि चोर घर में सेंधमारी करके फरार हो चुके हैं। घटना की जानकारी सबसे पहले दिवाली के अगले दिन यानि 28 अक्टूबर को पड़ोसियों ने दी थी। छानबीन में पता चला कि चोर घर से नकदी, सोना, चांदी और एक डेबिट कार्ड ले गए हैं।

गंभीर बात यह है कि, एक-एक दिन में 10-15 से ज्यादा गली-कूचों में शराब के छोटे-मोटे तस्करों को पकड़ने की सूचनाएं मीडिया को देने वाली दिल्ली पुलिस इन दोनों ही हाई-प्रोफाइल मामलों को छिपाये बैठी है। इस सिलसिले में पुलिस प्रवक्ता और डीसीपी मध्य दिल्ली जिला मनदीप सिंह रंधावा ने भी अभी तक कोई अधिकृत बयान जारी नहीं किया है। उनसे संपर्क की कोशिश की गई, मगर तब भी कोई जवाब नहीं मिला है।

उल्लेखनीय है कि, कुछ दिन पहले ही आईपीएस अतुल कुमार कटियार को भी साइबर ठगों ने शिकार बना डाला था। कटियार इन दिनों संयुक्त आयुक्त (पुलिस ट्रांसपोर्ट) पद पर हैं। जब उनके साथ साइबर ठगों ने ठगी करके कार्ड से करीब 30 हजार रुपये ठग लिए, उस वक्त वे आईटीओ स्थित दिल्ली पुलिस मुख्यालय में अपने कार्यालय में ही बैठे हुए थे। उस मामले को भी दिल्ली पुलिस की मीडिया सेल आज तक छिपाए हुए हैं। हालांकि बाद में साइबर शाखा ने उन साइबर ठगों को गिरफ्तार कर लिया था।

 

Created On :   1 Nov 2019 4:00 AM GMT

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