अब योग गुरु स्वामी रामदेव ने बताया इस जाति के थे रामभक्त हनुमान
- यूपी के सीएम योगी ने हनुमान को बताया था दलित
- रामदेव ने कहा
- क्षत्रिय वर्ण के थे महाज्ञानी हनुमान
- स्वामी रामदेव ने बताई भगवान हनुमान की जाति
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा भगवान हनुमान को दलित जाति का बताने पर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। कोई उन्हें ब्राह्म्ण बता रहा है, कोई जैन तो किसी ने उन्हें आर्य बताया है। इसी कड़ी में योग गुरू बाबा रामदेव ने भगवान हनुमान को क्षत्रिय बताया है। बाबा रामदेव ने कहा, भगवान हनुमान महाज्ञानी और क्षत्रिय थे।
इन दिनों देशभर में हनुमान की जाति बताने की मानों होड़ सी मची हुई है। हनुमान जी की जाति पर हर नेता रिसर्च वर्क कर रहा है। इस वजह से हर दिन नए-नए तर्कों के साथ हनुमान जी की जाति बताने के लिए नई-नई परिभाषाएं गढ़ी जा रही हैं। रांची में एक कार्यक्रम में पहुंचे बाबा रामदेव से जब हनुमान जी की जाति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा वो रामभक्त हैं। वे अष्ट सिद्धि के ज्ञानी होने के साथ-साथ क्षत्रिय भी हैं।
इससे पहले मोदी सरकार में मानव संसाधन राज्यमंत्री और उत्तर प्रदेश के बागपत से भारतीय जनता पार्टी के सांसद सत्यपाल सिंह ने बजरंग बली को आर्य बताया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भगवान राम और हनुमान जी के युग में जाति व्यवस्था नहीं हुआ करती थी, इसलिए उस समय कोई दलित, वंचित या शोषित भी नहीं था।
जानकारी के मुताबिक ऐसी मान्यता है कि झारखंड के गुमला जिले के आंजन ग्राम में हनुमानजी की जन्मस्थली है। यहां मां अंजना की गोद में वीर हनुमान के बाल्यकाल की एक प्रतिमा है। लोगों की आस्था है कि इस आंजन गांव में हनुमान जी का ननिहाल है। यहां के पांडा हरिओम सुधांशु का कहना है कि यहां निवास करने वाली जनजाति उरांव है, जो वास्तव में ओराम है। कालांतर में लोग अब इसे उरांव के नाम से जानने लगे हैं. वहीं एक जनजाति के लोग अपने टाइटल में बनरा का प्रयोग करते हैं. इतना ही नहीं झारखंड की एक जनजाति टिग्गा भी है इसका शाब्दिक अर्थ बन्दर है।
Created On :   2 Dec 2018 9:52 AM IST