राष्ट्रीय पठन दिवस: शिक्षा और किताबें किसी भी व्यक्ति और समाज की तरक्की की सबसे बड़ी चाबी

शिक्षा और किताबें किसी भी व्यक्ति और समाज की तरक्की की सबसे बड़ी चाबी
  • हर साल आज के दिन नेशनल रीडिंग डे मनाया जाता है
  • केरल के प्रसिद्ध शिक्षक पी.एन. पणिक्कर को समर्पित ये दिन
  • आज के दिन का मकसद लोगों को किताबें पढ़ने, खरीदने और पढ़ने की आदत को बढ़ावा देना

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आज 19 जून को राष्ट्रीय पठन दिवस है, हर साल इस दिन नेशनल रीडिंग डे मनाया जाता है। इसकी शुरुआत साल 1996 में 19 जून से हुई थी। यह दिन केरल के प्रसिद्ध शिक्षक पी.एन. पणिक्कर को समर्पित है। आज के दिन लोगों को किताब पढ़ना चाहिए, लाइब्रेरी में जाकर शांति और एकाग्रता से किताबों की रीडिंग करना चाहिए। इस खास दिन को मनाने के पीछे की वजह पणिक्कर की विरासत को सम्मान देना है। शिक्षा और किताबें किसी भी व्यक्ति और समाज की तरक्की की सबसे बड़ी चाबी हैं।

किताब पढ़ने से लोगों का ज्ञान के साथ साथ अपने जीवन का उद्देश्य और सुकून मिलता है। सोचने समझने और स्मरण शक्ति में इजाफा होता है। आज का दिन बहुत खास इसलिए हो जाता है क्योंकि लोगों में मौजूदा दौर में किताबें पढ़ने का चलन कम हो गया है, लोगों में पढ़ने की आदत में कमी कहीं ना कहीं समाज और राष्ट्र की प्रगति में बाधा बनती जा रही है। पढ़ेगा भारत तो बढ़ेगा भारत। इस समय रीता राममूर्ति गुप्ता और मीनाक्षी लेखी ने इंडिया रीड्स इंडिया राइज की मुहिम चलाई है।

आपको बता दें पणिक्कर को भारत के पुस्तकालय आंदोलन का जनक माना जाता है। उनका मानना था कि शिक्षा और किताबें किसी भी व्यक्ति ,समाज और राष्ट्र की तरक्की की सबसे बड़ी चाबी हैं। उन्होंने लोगों को पढ़ने के लिए प्रेरित किया और इसी सोच के चलते साल 1945 में केरल में पहली सार्वजनिक लाइब्रेरी शुरू हुई। इसके बाद पूरे प्रदेश में पुस्तकालयों का एक बड़ा अभियान चलाया गया। उनके इसी योगदान को सम्मान देने के लिए साल 1996 में 19 जून को राष्ट्रीय पठन दिवस घोषित किया गया। इस दिन लोगों को किताबें पढ़ने, खरीदने और पढ़ने की आदत को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

Created On :   19 Jun 2025 5:31 PM IST

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