Shahdol News: जरूरतमंद छात्रों को आरटीई का लाभ ना देने के रास्ते तलाश रहे निजी स्कूल

जरूरतमंद छात्रों को आरटीई का लाभ ना देने के रास्ते तलाश रहे निजी स्कूल
  • आरटीई : 2 साल में 61 स्कूल घटे, लाभान्वित छात्रों की संख्या में भी 481 की गिरावट
  • आरटीई के तहत इस शैक्षणिक सत्र के लिए 1547 छात्रों ने आवेदन किया।
  • जिले के प्रमुख निजी स्कूल जहां सर्वाधिक बच्चे पढ़ाई करते हैं, उनमें आरटीई का लागू नहीं है।

Shahdol News: 6 से 14 वर्ष के प्रत्येक बच्चे को अनिवार्य शिक्षा के लिए लागू शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) से बचने निजी स्कूल नए-नए रास्ते तलाश रहे हैं। इसका नुकसान यह हो रहा है कि प्रवेश पाने वाले छात्रों की संख्या में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। शहडोल जिले में वर्ष 2023-24 में प्रवेश पाने वाले स्कूलों की संख्या 274 रही, जहां 1315 छात्रों को प्रवेश मिला।

इसके अगले साल वर्ष 2024-25 में आरटीई के तहत जरूरतमंद छात्रों को लाभ दिलाने वाले स्कूलों की संख्या गिरकर 222 और इस शिक्षण सत्र 2025-26 में संख्या घटकर 213 रह गई, जहां 834 छात्रों को प्रवेश मिला है। दो वर्ष में 61 स्कूल कम हुए और छात्रों की संख्या में 481 की गिरावट दर्ज की गई। आरटीई से बचने के लिए स्कूलों की रणनीति को ऐसे भी समझा जा सकता है कि जिले के प्रमुख निजी स्कूल जहां सर्वाधिक बच्चे पढ़ाई करते हैं, उनमें आरटीई का लागू नहीं है।

इन स्कूलों में कार्मल कान्वेंट स्कूल अमलाई, गुड शेफर्ड कान्वेंट स्कूल शहडोल, ग्रीन बेल्स बुढ़ार, एमजीएम धनपुरी और सेंट एलायसिस स्कूल शहडोल शामिल हैं। इन स्कूलों ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान आयोग से मान्यता लगाकर आरटीई के दायरे से बाहर हुए। इसमें बताया कि स्कूल का संचालन अल्पसंख्यक के दायरे में आने वाले लोग करते हैं, इसलिए इन स्कूलों को आरटीई से बाहर रखा गया है।

इस साल 1547 आवेदन, 834 का प्रवेश

आरटीई के तहत इस शैक्षणिक सत्र के लिए 1547 छात्रों ने आवेदन किया। इसमें सत्यापन उपरांत 1324 छात्र पात्र पाए गए। इसमें 834 छात्रों को प्रवेश मिला। प्रवेश के लिए चयनित छात्रों में इस बात की भी खुशी है कि लाटरी सिस्टम से मौका मिलने के बाद वे बेहतर पढ़ाई कर पाएंगे।

आरटीई के समन्वयक विनोद प्रधान ने बताया कि इस शिक्षण सत्र के लिए आरटीई में चयनित स्कूलों की संख्या एक हजार रही। इनमें कुछ स्कूलों में आवेदन नहीं आए और कहीं विद्यालयों में डाइस कोड में प्रवेश संख्या दर्ज नहीं की, इसलिए प्रवेशित संख्या 898 रही। इसमें 11 जून तक 834 ने प्रवेश लिया।

दस वर्ष में आरटीई से लाभान्वित छात्र

वर्ष स्कूल छात्र

2016-17 113 1113

2017-18 212 1555

2018-19 241 1650

2019-20 259 1753

2020-21 169 773

2021-22 221 1419

2022-23 233 1298

2023-24 274 1315

2024-25 222 672

2025-26 213 834

स्कूल प्रवेश नहीं देने पर होगी कार्रवाई

आरटीई के तहत सभी चयनित स्कूलों को प्रवेश देने कहा गया है। अगर कहीं प्रवेश नहीं दिया जा रहा है तो संबंधित छात्रों के अभिभावकों को जानकारी देने कहा गया है। ऐसे स्कूलों के खिलाफ शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।

अमरनाथ सिंह डीपीसी शहडोल

Created On :   16 Jun 2025 2:32 PM IST

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