उत्तरखंड जंगल आग मामला: सुप्रीम कोर्ट ने जंगलों की आग पर अपनाया सख्त रुख, निर्वाचन आयोग को दिए ये आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने जंगलों की आग पर अपनाया सख्त रुख, निर्वाचन आयोग को दिए ये आदेश

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड में धधक रहे जंगलों के मामले का संज्ञान लिया। कोर्ट ने बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान उत्तराखंड सरकार को जंगलों में आगजनी घटनाओं पर काबू पाने और एक्शन लेने को कहा। कोर्ट ने कहा कि इस संबंध में राज्य सरकार ने मामले को लेकर कोई तत्काल कार्रवाई का रूख नहीं अपनाया। इसके अलावा कोर्ट ने वन विभाग के कर्मचारियों को चुनावी काम और चारधाम यात्रा से अलग करने पर जोर दिया। कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को राज्यों में चुनावी ड्यूटी में वन विभाग के कर्मचारी और वाहन के प्रवेश पर रोक लगाने का आदेश दिया है।

वन विभाग में खाली पड़े पद

शीर्ष न्यायलय ने कहा कि नेशनल और स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट फंड का त्वरित और सोच समझकर प्रयोग किया जाए। जंगलों में आग पर काबू पाने के लिए समुचित वर्कफोर्स को मुहैय कराए जाए। इस दौरान किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आनी चाहिए। राज्य में वन विभागों में खाली पदों पर शीघ्र भर्तियां कराई जाएं।

इसके बाद कोर्ट ने उत्तराखंड के चीफ सेक्रेटरी को अगली सुनवाई पर पेश होने का आदेश दिया। इस सुनवाई में चीफ सेक्रेटरी को कोर्ट के समक्ष उत्तराखंड में फायर डिपार्टमेंट में खाली पद पर भर्ती न होने का कारण और आग पर काबू पाने के प्रयासों के बारे में बताना होगा।

केंद्र सरकार को देने होंगे 6 करोड़ रुपये

सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई में कहा कि भारत सरकार ने 9.23 करोड़ रुपये की मंजूरी दी थी। मगर, इस राशि का इस्तेमाल गैर कानून गतिविधियों में किया गया। केंद्र सरकार इनमें से बचे 6 करोड़ रुपये की रकम राज्य सरकार को दे। राज्य सरकार इस बात का जवाब दे कि वन विभाग में कितने पद खाली पड़े हैं? इन रिक्तियों पर कब भर्ती कराई जाएगी? कोर्ट ने कहा कि हमने इस बात का संज्ञान लिया कि अव्वल तो राष्ट्रीय और राज्य के आपदा प्रबंधन कोश के बावजूद फंड नहीं मिला, कर्मचारी और वाहन नहीं मिले। जिस वजह से जंगलों में आग फैलती रही। राज्य सरकार को खाली पदों पर थोड़ी रियायत की आवश्यकता है।

Created On :   15 May 2024 1:12 PM GMT

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