गरबा उत्सव में एंट्री नियम: विवाद से बचने के मकसद से नागपुर-भोपाल में ‘नो एंट्री’ रुल, गैर-हिंदुओं को प्रवेश नहीं

डिजिटल डेस्क नई दिल्ली। नवरात्रि पर देश के अलग-अलग इलाकों में गरबा आयोजित किया जा रहा है। लेकिन इस साल गरबा में प्रवेश को लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है। भोपाल में गरबा पंडालों में गैर-हिन्दुओं की एंट्री पर बैन लगा दिया है। गरबा पंडाल के बाहर बैनर लगाकर प्रवेश को लेकर हिदायत दी गई है, कई जगह ‘जिहादियों’ का आना सख्त मना जैसे वाक्य लिखे है। खबरों से मिली जानकारी के अनुसार हर आने वाले को तिलक लगाने और गंगा जल पिलाने की बात कही जा रही है।
21 सितंबर को विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीराज नायर ने मीडिया से कहा कि गरबा देवी की एक रुप है, न कि मात्र नृत्य. जो लोग मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं करते, उन्हें इसमें शामिल होने का अधिकार नहीं होना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि ऐसे आयोजनों में गैर-हिंदुओं की मौजूदगी से धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कई गरबा पंडालों पर विवादित होर्डिंग लगाए गए हैं। अवधपुरी श्रीकृष्ण सेवा समिति द्वारा लगाए गए एक होर्डिंग में लिखा है। गरबे के पंडाल में जिहादियों का आना सख्त मना है। पकड़े जाने पर घर वापसी कराई जाएगी या उचित कार्रवाई होगी। इस होर्डिंग पर लट्ठ और जूते-चप्पल की तस्वीर भी लगी हुई है।
नागपुर और भोपाल से लेकर मध्य प्रदेश के कई जिलों में चल रहे गरबा-पंडालों में गैर-हिंदुओं को प्रवेश न देने के निर्देशों ने सार्वजनिक विवाद को हवा दे दी है। हिंदू संगठनों और कुछ राजनैतिक नेताओं ने यह मांग की है कि गरबा-डांडिया आयोजनों में प्रवेश के लिए तिलक लगाना, गंगाजल पीलाना, पहचान पत्र दिखाना जैसे शर्तें लागू की जाएं। भोपाल में जिला कलेक्टर ने आदेश दिया है कि गरबा आयोजनों में बिना पहचान पत्र प्रवेश न मिले। वहीं, भाजपा विधायक ने बयान दिया कि गैर-हिंदुओं को तभी प्रवेश मिलेगा जब वे सनातन धर्म अपनाएं, तिलक लगाएं और गंगाजल पीलाएं।
Created On :   25 Sept 2025 4:35 PM IST