पहली बार रख रही हैं 'करवा चौथ' तो अपनाएं ये पूजन-विधि...

By - Bhaskar Hindi |7 Oct 2017 4:44 AM IST
पहली बार रख रही हैं 'करवा चौथ' तो अपनाएं ये पूजन-विधि...
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। करवा चौथ का उत्साह देखते ही बन रहा है। मार्केट से लेकर घरों तक करवा चौथ की धूम है। ऐसे में वे महिलाएं ज्यादा एक्साइटेड हैं। इस वर्ष यह 8 अक्टूबर रविवार को मनाया जा रहा है। जिनका ये पहला करवाचौथ है। पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाने वाले इस व्रत में पूरे दिन निर्जला उपवास रखना होता है। अन्य व्रतों की तुलना में इसका पूजन आैर विधि विधान कठिन बताया गया है। ऐसे में पहली बार व्रत करने वाली महिलाओं के लिए यहां हम आपको पूरी विधि-विधान बताने जा रहे हैं...
- करवा चौथ के दिन सूर्योदय के पहले सुबह 4 बजे के आस-पास महिलाएं सरगी खाकर अपने व्रत की शुरुआत करती हैं। जिनका पहला करवा चौथ है उनके लिए उनकी सास की ओर से सरगी आती है।
- सरगी खाकर बहू अपने व्रत की शुरुआत करती है। सरगी में मिठाईयां और कपड़े के साथ सुहाग व श्रृंगार का सामान होता है।
- जिस तरह सास अपनी बहू को सरगी भेजती है उसी तरह लड़की के घर से बाया आता है। जिसमें मिठाईयां और कपड़े होते हैं। इस बाया के सामान का प्रयोग लड़की शाम की पूजा में करती है।
- व्रती बाया में आयी सामग्री, मिठाई का भोग लगाती है और यही कपड़े पहन पूजा कर श्रंगार के सामान को भेंट चढ़ाती है।
- करवा चाैथ में 16 श्रंगार का अत्यधिक महत्व है। ये सुहागिन की निशानी है अाैर मान्यता है कि इससे करवा माता प्रसन्न हाेती हैं।
- करवा चौथ के दिन इस व्रत के महत्व और पूजा के विधान को जानना जरूरी होता है। इसके लिए हर सुहागिन को खासतौर पर नई नवेली दुल्हन को इस दिन यह कथा सुनना चाहिए।
- इस व्रत की खासियत है कि इसमें किसी भी तरह की कोई चूक ना हो। शाम को पूजन के बाद छलनी में चंद्रमा और फिर पति के मुख दर्शन कर ही पति के हाथों जल ग्रहण कर व्रत खोलें।
- पूजा करने के बाद अठावरी और श्रृंगार के सामान का संकल्प करके अपनी सास या ननद को दे दें।

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Created On :   7 Oct 2017 10:05 AM IST
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