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निबांलकर हत्या मामले में गवाही के लिए पहुंचे अन्ना, बोले - मीडिया से पता चला था मुझे मारने दी गई थी सुपारी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कांग्रेस नेता पवन राजे निंबालकर हत्याकांड मामले में मंगलवार को मुंबई की विशेष अदालत में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की गवाही हुई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पूर्व सांसद पद्म सिंह पाटील इस मामले में मुख्य आरोपी है। न्यायाधीश आनंद यावलकर के सामने हजारे ने कहा कि वे पाटील को एक चुने हुए जन प्रतिनिधि के रुप में जानते थे। उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। जिसकों लेकर अनशन किया था। इसके बाद सरकार ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश पीबी सावंत की अध्यक्षता में आयोग का गठन किया था। मुझे निंबालकर की हत्या के बारे में मीडिया में आयी खबरों से पता चला था। मुझे इस बात की भी खबर मीडिया से मिली थी मुझे मारने के लिए किसी को ठेका दिया गया था। इसके बाद मैने अहमदनगर के पारनेर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी।
न्यायाधीश के सामने हजारे ने कहा कि पुलिस में शिकायत करने से पहले मैंने राज्य सरकार को पत्र भी लिखा था लेकिन किसी ने न तो उसकी दखल ली और न ही कोई कार्रवाई की। निंबालकर की पत्नी ने गवाह के रुप में हजारे को बुलाने के लिए हाईकोर्ट में आवेदन किया था। लेकिन हाईकोर्ट ने इसकी इजाजत देने से इंकार कर दिया था। हाईकोर्ट के फैसले के बाद आनंदीबाई ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया था। इसके बाद हजारे को इस मामले में गवाही के लिए बुलाया गया है।
गौरतलब है कि 3 जून 2006 को राजनीतिक रंजिश के चलते निंबालकर व उसके ड्राइवर की मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे पर कंलोबोली में गोली मारकर हत्या कर दी थी। जुलाई 2011 में इस मामले से जुड़े मुकदमे की सुनवाई शुरु हुई। नवंबर 2012 में मामले से जुड़े गवाहों के मुकरने को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई को अलीबाग से मुंबई की सीबीआई कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया था। इस मामले में कारोबारी सतीश मांदडे, मोहन शुक्ला, पारसमल जैन, दिनेश तिवारी, पिंटू सिंह, कैलाश यादव व छोटे पांडे को आरोपी बनाया गया है।
Created On :   9 July 2019 3:36 PM GMT