जलसंकट दूर करने सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी, कृत्रिम बारिश के लिए बनी संचालन समिति

Approval of irrigation projects to overcome water conservation
जलसंकट दूर करने सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी, कृत्रिम बारिश के लिए बनी संचालन समिति
जलसंकट दूर करने सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी, कृत्रिम बारिश के लिए बनी संचालन समिति

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मध्यप्रदेश के चौराई स्थित बांध के चलते महाराष्ट्र के पेंच प्रकल्प में जलसंचय में कमी के कारण पैदा हुए जलसंकट को दूर करने के लिए चार लिफ्ट (उपसा) सिंचाई परियोजना को प्रशासनिक मंजूरी दी गई है। लिफ्ट सिंचाई परियोजना से नागपुर में पानी की कमी दूर हो सकेगी। शुक्रवार को राज्य सरकार के राजस्व विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया। नागपुर के पारशिवनी तहसील में बीड चिचघाट लिफ्ट सिंचाई परियोजना के लिए 180.85 करोड़, मौदा तहसील में माथनी उपसा सिंचाई परियोजना के लिए 131.01 करोड़, बाबदेव लिफ्ट सिंचाई परियोजना के लिए 43.03 करोड़ और कामठी तहसील में सिहोरा लिफ्ट सिंचाई परियोजना के लिए 132.90 करोड़ रुपए खर्च को मंजूरी दी गई है। इस परियोजना के जरिए कन्हान नदी के पेंच दाहिने नहर से जलसेतू के पास तटबंध बनाकर नहर में लिफ्ट कर पानी छोड़ा जाएगा। नागपुर के मौदा तहसील के मौदा शाखा नहर में पानी छोड़ने के लिए माथनी लिफ्ट सिंचाई परियोजना को मंजूरी दी गई है। इस परियोजना पर 131.01 करोड़ रुपए खर्च को मंजूरी मिली है। नागपुर के मौदा तहसील में बाबदेव स्थानीय नाले पर स्थित बांध से पानी पेंच बांए नहर की मौदा शाखा नहर में लिप्ट सिंचाई द्वारा छोड़ने के लिए परियोजना को मंजूरी दी गई है। बाबदेव उपसा सिंचाई योजना के लिए 43.03 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। नागपुर के कामठी तहसील में सिहोर लिफ्ट सिंचाई परियोजना को मंजूरी दी गई है। इस परियोजना पर 132.90 करोड़ रुपए खर्च होंगे। सिहोर पेंच प्रकल्प के दाहिनी नहर पर दो किमी के अंतर पर कन्हान नदी पर तटबंधन बनाकर नहर में लिफ्ट सिंचाई से पानी छोड़ा जाएगा। महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि मध्यप्रदेश सरकार ने पेंच नदी पर चौराई बांध बनाया है। चौराई बांध के निर्माणकार्य के कारण पेंच जलविद्युत परियोजना और तोतलाडोह बांध में जलसंग्रह में काफी कमी की संभावना है। इससे मद्देनजर लिफ्ट सिंचाई परियोजना को मंजूरी दी गई है। 

कृत्रिम बारिश के लिए बनी संचालन समिति

प्रदेश सरकार ने कृत्रिम बारिश के प्रयोग की देखरेख के लिए परियोजना संचालन समिति का गठन किया है। राज्य के आपदा प्रबंधन तथा मदद व पुनर्वसन विभाग के सचिव किशोर राजे निंबालकर की अध्यक्षता में समिति बनाई गई है। जबकि कृत्रिम बारिश के प्रयोग के लिए नोडल अधिकारी के रूप में औरंगाबाद के विभागीय उपायुक्त (राजस्व) की नियुक्ति की गई है। शुक्रवार को सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से इस संबंध में शासनादेश जारी किया गया। निंबालकर की अध्यक्षता वाली संचालन समिति को अगले तीन महीनों के लिए कृत्रिम बारिश के प्रयोग की रूपरेखा तैयार करनी होगी। संचालन समिति में सदस्य के रूप में आपदा प्रबंधन विभाग के निदेशक अभय यावलकर, कृषि आयुक्त सुहास दिवसे, आपदा प्रबंधन व मदद पुनर्वसन विभाग के उपसचिव सुभाष उमराणीकर समेत मौसम विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग से जुड़े अधिकारियों को शामिल किया गया है। वहीं औरंगाबाद में नियुक्त नोडल अधिकारी को कृत्रिम बारिश के लिए रडार के सौपी गई है। 
 

Created On :   26 July 2019 2:54 PM GMT

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