छत्तीसगढ़ में पार्षद चुनेंगे महापौर और पालिकाध्यक्ष, मसौदा तैयार

Councilor will elect mayor and municipality in Chhattisgarh, draft prepared
छत्तीसगढ़ में पार्षद चुनेंगे महापौर और पालिकाध्यक्ष, मसौदा तैयार
छत्तीसगढ़ में पार्षद चुनेंगे महापौर और पालिकाध्यक्ष, मसौदा तैयार

रायपुर, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनावों में महापौर, नगर पालिका अध्यक्ष और नगर पंचायत अध्यक्षों का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाने का मसौदा तैयार हो चुका है। इसका आशय यह है कि पार्षद का चुनाव जनता करेगी और महापौर, अध्यक्ष का चुनाव पार्षद करेंगे। इसे लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है।

राज्य सरकार ने नगरीय निकाय चुनाव कराए जाने को लेकर मंत्रियों की एक उपसमिति बनाई थी। इस समिति ने मसौदा तैयार कर लिया है, जिसके मुताबिक महापौर, पालिका अध्यक्ष और नगर पंचायत अध्यक्ष का चुनाव पार्षद करेंगे। इस मसौदे को कैबिनेट में रखा जाएगा। इस बात की पुष्टि समिति के सदस्य और कैबिनेट मंत्री शिव डेहरिया ने की है।

लेकिन, भाजपा ने इस फैसले का विरोध करने का निर्णय लिया है। पार्टी के एक नेता ने कहा कि भाजपा बुधवार 16 अक्टूबर को एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन मोतीबाग के पास करेगी। धरना के पश्चात एक प्रतिनिधिमंडल सरकार के फैसले के खिलाफ राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपेगा और उनसे आग्रह करेगा कि वह इस अध्यादेश पर अपनी सहमति प्रदान न करें।

भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस सरकार अपनी विफलता से डरी हुई है, और इसी कारण जनता से सीधे अध्यक्ष व महापौर चुनने का अधिकार छीनना चाहती है, जिसका हर स्तर पर विरोध करने का निर्णय भाजपा ने किया है।

कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा, भारत की संसदीय प्रणाली में प्रधानमंत्री का चुनाव जनता द्वारा निर्वाचित सांसद और मुख्यमंत्री का चुनाव विधायक करते हैं तो पार्षदों द्वारा महापौर के चुने जाने पर भाजपा को आपत्ति क्यों है? भाजपा जान चुकी है कि उसके पार्षद जीत कर नहीं आने वाले हैं, इसीलिए वह विरोध कर रही है।

उन्होंने आगे कहा, राजनीति में सक्रिय छोटे और आम कार्यकर्ता प्रत्यक्ष प्रणाली में महापौर हेतु चुनाव क्षेत्र बड़ा होने और खर्चीली चुनाव प्रक्रिया के चलते सीधे तौर पर महापौर का चुनाव नहीं लड़ पाते और इस प्रकार से सक्रिय प्रतिभावान कार्यकर्ता पीछे रह जाते हैं। पार्षदों के माध्यम से महापौर के निर्वाचन में ऐसे ऊर्जावान कार्यकर्ताओं को अपनी काबिलियत साबित करने का मौका मिलेगा, जो स्वागत योग्य है। खरीद-फरोख्त की संभावना के आधार पर विरोध करने वाली भाजपा यह न भूले कि मोदी दो बार इसी प्रणाली से तो चुने गए हैं।

Created On :   15 Oct 2019 6:00 PM GMT

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