पॉल्यूशन से निपटने के लिए ग्रीन फंड खर्च नहीं कर पाई दिल्ली सरकार

Delhi Government could not spend 1500 Cr rupees of green fund
पॉल्यूशन से निपटने के लिए ग्रीन फंड खर्च नहीं कर पाई दिल्ली सरकार
पॉल्यूशन से निपटने के लिए ग्रीन फंड खर्च नहीं कर पाई दिल्ली सरकार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली में स्मॉग का कहर जारी है। इस बीच खुलासा हुआ है कि दिल्ली सरकार ने पॉल्यूशन से लड़ाई के नाम पर जो ग्रीन फंड बनाया था, उस फंड का उपयोग सरकार नहीं कर पाई है। इस फंड का एक बड़ा हिस्सा सरकार ने खर्च नहीं किया है। यह राशि करीब 1500 करोड़ रुपए बताई जा रही है। दिल्ली में पिछले कईं दिनों से जहरीली धुंध छाए रहने के बाद भी दिल्ली सरकार एयर क्वालिटी सुधारने के लिए बनाए गए इस फंड को खर्च नहीं कर पाई।

बता दें कि केजरीवाल सरकार ने ग्रीन फंड के नाम पर दो साल में 1500 करोड़ रुपए वसूले हैं। एयर पॉल्यूशन से निपटने के लिए यह फंड बनाया गया था। एनवॉयरन्मेंट कम्पनसेशन चार्ज (ECC) के तौर पर ट्रकों से और पॉल्यूशन कंट्रोल के नाम पर डीजल पर लगे सेस के जरिए व अन्य चार्जों से यह राशि इकट्ठा की गई थी। 

ग्रीन फंड में ECC के तौर पर 10 नवंबर तक ट्रकों से करीब 1003 करोड़ रुपए आया। ECC सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली में आने वाले ट्रकों पर लगने वाला चार्ज है। शीला दीक्षित सरकार द्वारा 2007 के फैसले के तहत डीजल कारों पर सेस वसूलने के तहत 62 करोड़ रुपए जुटाए गए। यह सेस इसलिए लगाया गया था कि ताकि गाड़ियों के धुएं से एयर क्वालिटी को होने वाले नुकसान से बचा जा सके। इसके अलावा दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (DPCC) ने भी सालभर में एयर एम्बियंस फंड के नाम पर 500 करोड़ रुपए वसूल किए।

इस फंड में से दिल्ली सरकार ने कुछ इलाकों में रेडियो-फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस लगाने के लिए 120 करोड़ खर्च किए थे। इसके अलावा 2.5 करोड़ रुपए से एनसीआर में पॉल्यूशन मॉनीटरिंग सेंटर बनाए गए। मंगलवार को ही इस फंड के एक बड़े हिस्से से इलेक्ट्रिक बसें खरीदने के लिए भी ऑर्डर जारी किए गए हैं।

Created On :   15 Nov 2017 3:34 PM GMT

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