'करवा चौथ' में गलती से भी ना करें इन रंगों का प्रयोग, माने जाते हैं अशुभ

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। करवा चौथ का व्रत महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। इसके लिए सुहागिनें खास तैयारी करती हैं। इस दिन श्रंगार का भी बहुत महत्व है। सुहाग की निशानी के तौर पर मेहंदी से लेकर चूड़ियां और बिंदी तक सभी चीजें श्रृंगार में शामिल होती हैं। लाल रंग को सौभाग्य की निशानी माना जाता है, लेकिन कुछ ऐसे भी रंग हैं जिनका प्रयोग खासतौर इस दिन वर्जित माना गया है। इस अवसर पर हम आपको ऐसे ही 5 रंगों के बारे में बताने जा रहे हैं...
काला रंग: मंगलसूत्र की माला के अतिरिक्त इस रंग का प्रयोग अन्य किसी भी चीज में ना करें। ये अशुभता का प्रतीक है। सौभाग्यवती स्त्री को इसका प्रयोग आमदिनों में भी करने से बचना चाहिए।
सफेद रंगः वैसे तो इसे शांति का प्रतीक माना गया है, लेकिन व्रती को इसका प्रयोग करने से बचना चाहिए। यही नहीं इस दिन सफेद साड़ी किसी भी स्थिति में धारण ना करें। शक्कर, दूध सहित सफेद वस्तुएं भी किसी को दान ना करें।
नीला रंग: यह भी ऊर्जा और उमंग से भी भरपूर बेहद सुंदर रंग है। लेकिन उत्तरप्रदेश और राजस्थान के कुछ भागों में मोर की गर्दन वाले नीले रंग को पूजन में शामिल नहीं किया जाता। इसलिए इसका प्रयोग भी करने से बचें।
भूरा : यह रंग राहु और केतु का प्रतिनिधित्व करता है। अत: भूरे रंग से भी यथासंभव बचें।
स्लेटी या दबा हुआ हल्का रंग: इस दिन खुले, खिले और भरे हुए रंगों का इस्तेमाल करना चाहिए। जिन्हें धर्म के अनुसार परंपरागत रूप से शुभ माना गया है। दबे हुए रंग जीवन में नकारात्मकता का संचार करते हैं व्रतधारी महिला के लिए ये शुभ नही है।
लाल रंग: हिंदू धर्म में शुभ माना गया है। इसलिए शादी का जोड़ा भी लाल रंग का ही होता है। इस दिन आप लाल साड़ी या शादी का जोड़ा भी पहन सकती हैं। इसके अतिरिक्त केसरिया, पीला, हरा, गुलाबी, महरून और शोख रंग का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।





Created On :   7 Oct 2017 11:55 AM IST