धान के नुकसान का नहीं हुआ अब तक पंचनामा, इंतजार कर रहा अन्नदाता

Loss of paddy has not happened so far, panchnama is a food provider waiting
धान के नुकसान का नहीं हुआ अब तक पंचनामा, इंतजार कर रहा अन्नदाता
धान के नुकसान का नहीं हुआ अब तक पंचनामा, इंतजार कर रहा अन्नदाता

डिजिटल डेस्क, गोंदिया। प्रतिदिन कहीं न कहीं बेमौसम बारिश हो रही है। 30अक्टूबर को भी अर्जुनी मोरगांव तहसील में बारिश आफत बनकर बरसी। इस बारिश से हजारों हेक्टेयर में कटी फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है। किसानों द्वारा नुकसान के पंचनामे का इंतजार किया गया। किंतु अभी तक कृषि विभाग की ओर से नुकसान के पंचनामे नहीं किए जाने के कारण मजबूरन किसानों ने खेतों से धान उठा लिया है। अब इस धान को न तो इंसान खा सकता है और ना ही जानवरों को खिलाया जा सकता है। यदि इसी तरह बेमौसम बारिश होती रही तो खेत में बची खड़ी फसल भी नष्ट हो जाएगी। सरकार किसी भी पक्ष की हो, किसानों को पूरी तरह से न्याय मिलना चाहिए। लेकिन किसानों को हमेशा न्याय के लिए इंतजार करना पड़ता है।

28अक्टूबर को बेमौसम बारिश हुई। इस बारिश से कटी हुई फसल पूरी तरह से भीग गई। लेकिन फिर से  29-30 अक्टूबर को जिले में अनेक स्थानों पर आफत की बारिश हुई। जिससे बची धान की कटी हुई फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई। किसानों द्वारा मांग की गई थी कि शासन तत्काल खेतों में जाकर फसल नुकसान का पंचनामा कर जिला प्रशासन को नुकसान का रिपोर्ट प्रस्तुत करें। किंतु ऐसा नहीं हो पा रहा है। अभी तक पंचनामे नहीं किए जाने के कारण मजबूरन किसानों द्वारा नष्ट हुई फसल अपने घर या सड़क पर रखकर सूखाना पडा। धान पूरी तरह से नष्ट होने से अब इस धान के चावल को ना तो इंसान खा सकता है और ना ही जानवरों को खिलाया जा सकता है। इस तरह की नौबत अब किसानों पर आन पड़ी है। प्रशासन के खिलाफ किसानों में तीव्र नाराजगी जताई जा रही है। 

आदेश दिया 

नुकसानग्रस्त किसानों के खेतों में जाकर फसल नुकसान का पंचनामा करने के आदेश तहसील कृषि कार्यालय में कार्य करने वाले कर्मचारियों को दे दिया गया है। पंचनामे लिखित तौर पर मांगे जा रहे हैं। - अशोक मोरे, तहसील कृषि अधिकारी, गोरेगांव

खाड़ीपार ग्रापं ने लिखा पत्र

बेमौसम बारिश से धान की कटी हुई फसल नष्ट हो चुकी है और जो बची फसल है, वह भी नष्ट होने के कगार पर है। गोरेगांव तहसील के खाड़ीपार ग्राम पंचायत ने जिलाधिकारी, तहसीलदार, विधायक व पालकमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि तत्काल खाड़ीपार, कुरहाड़ी, तिमेझरी, आसलपानी, बोलुंदा, बागड़बंद, हीरापुर, मलपुरी, पाथरी इस प्रकार संपूर्ण तहसील के ग्रामों के खेतों में जाकर नुकसान के पंचनामे कर तत्काल किसानों को मदद की जाए। 

सिर्फ आश्वासन दे रहा है कृषि विभाग

बेमौसम बारिश से धान की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है। नष्ट फसल उठाने के पूर्व किसानों के खेतों में जाकर नुकसान का पंचनामा करें, इसके लिए तहसील कृषि अधिकारी को कई बार अवगत कराया। उनके द्वारा बताया गया कि संबंधित विभाग के कर्मचारियों को आदेश दे दिया गया है कि फसलों का पंचनामा करें। जबकि अब तक किसी भी किसान के खेत में कर्मचारियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कराई है। जिससे किसानों द्वारा नष्ट फसल को अपने घरों में ले जाकर सुखाने का कार्य किया जा रहा है। यदि इसके बाद भी पंचनामा नहीं किया गया तो मजबूरन अधिकारियों के खिलाफ तीव्र आंदोलन छेड़ा जाएगा।  - तेजेंद्र हरिणखेड़े, सरपंच, कटंगी बु. गोरेगांव

Created On :   31 Oct 2019 10:27 AM GMT

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