20 सालों तक रहे CM, लेकिन नहीं है कोई घर, अब यहां रहेंगे माणिक सरकार

Manik Sarkar and wife live in CPM office after defeat in Tripura
20 सालों तक रहे CM, लेकिन नहीं है कोई घर, अब यहां रहेंगे माणिक सरकार
20 सालों तक रहे CM, लेकिन नहीं है कोई घर, अब यहां रहेंगे माणिक सरकार

डिजिटल डेस्क, अगरतला। त्रिपुरा में 20 सालों तक मुख्यमंत्री रहे माणिक सरकार के पास रहने के लिए अपना खुद का घर तक नहीं है। राज्य में लेफ्ट की करारी हार के बाद अब माणिक सरकार को सीएम हाउस छोड़ना पड़ रहा है। जिसके बाद माणिक अपनी पत्नी पांचाली भट्टाचार्जी के साथ CPM ऑफिस में रहेंगे। हार के बाद माणिक सरकार ने विधायकों को मिले घर में रहने की बजाय CPM हाउस में बने 2BHK फ्लैट में रहना पसंद किया। बता दें कि माणिक सरकार की इमेज देश के सबसे "गरीब" मुख्यमंत्री की रही है। 

पहले भी पार्टी ऑफिस में ही रहते थे माणिक

2018 के विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद माणिक सरकार ने सीएम हाउस छोड़ दिया है और अब पार्टी ऑफिस में अपनी पत्नी के साथ शिफ्ट हो गए हैं। माणिक सरकार 20 सालों तक त्रिपुरा के मुख्यमंत्री रहे लेकिन उनके पास रहने के लिए अपना खुद का घर भी नहीं है। उन्होंने विधायकों को दिए जाने वाले सरकारी आवास में भी रहने से मना कर दिया है। ये कोई पहली बार नहीं है जब माणिक सरकार CPM ऑफिस में रहने जा रहे हैं। इसके पहले भी वो पार्टी ऑफिस में रह चुके हैं। बता दें कि माणिक की पत्नी पांचाली भट्टाचार्जी एक रिटायर्ड अफसर हैं। 

पार्टी ऑफिस में सिर्फ जरूरी सुविधाएं

माणिक सरकार और उनकी पत्नी पांचाली भट्टाचार्जी अब CPM ऑफिस में रहेंगे। इस ऑफिस में ज्यादा हाईटेक सुविधाएं तो नहीं है, लेकिन जरूरत का सारा सामान यहां है। त्रिपुरा में पार्टी के सेक्रेटरी बिजन धर ने मीडिया को बताया कि "हमारे ऑफिस में बुनियादी जरूरतों की सारी सुविधा है। हमारी पार्टी के ज्यादातर नेता सादा जीवन ही जीते हैं।" 

जमीन है, लेकिन वो भी विवादों में फंसी

माणिक सरकार के पास अभी कोई घर नहीं है। उन्होंने अपनी सारी पैतृक संपत्ति को भी अपनी बहन को दे दिया था। उनकी बहन भी पार्टी ऑफिस में ही रहा करती थीं। माणिक सरकार के पास खुद की कोई संपत्ति नहीं है। हालांकि उनकी पत्नी के नाम पर एक जमीन है, लेकिन जमीन भी एक बिल्डर को दिए जाने के बाद विवादों में घिर गई और वहां अभी तक घर बनने का काम पूरा नहीं हो पाया है। 

3 पूर्व विधायक भी अपने गांव लौटे

हार के बाद पार्टी के कुछ विधायक जहां विधायकों के हॉस्टल में रह रहे हैं, तो वहीं कुछ पूर्व मंत्री अपने विधायक आवास में शिफ्ट हो रहे हैं। जबकि 3 पूर्व विधायक अपने गांव लौट चुके हैं। इनमें माणिक डे, नरेश जमातिया और माणिंद्र रिएंग का नाम शामिल हैं। 

उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिलेगा : बिप्लब

त्रिपुरा में बीजेपी सरकार आने के बाद नए सीएम बनने जा रहे बिप्लब देब ने कहा कि माणिक सरकार को कैबिनेट मिनिस्टर का दर्जा दिया जाएगा। बिप्लब देब ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि "पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में माणिक सरकार एक अच्छा सरकारी घर और बाकी सुविधाओं के हकदार हैं। त्रिपुरा में विपक्ष के नेता को भी कैबिनेट मिनिस्टर का दर्जा दिया जाएगा और वो सभी भत्तों के हकदार होंगे।" उन्होंने कहा कि "त्रिपुरा में सरकार चलाने के लिए भले ही हमें चुना गया है, लेकिन एक नए त्रिपुरा के निर्माण के लिए माणिक सरकार ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है।"

सबसे गरीब मुख्यमंत्री रहे हैं माणिक

हाल ही में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (ADR) और नेशनल इलेक्शन वॉच (NEW) ने अपनी एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में देशभर के मुख्यमंत्रियों और उनकी संपत्तियों के बारे में डाटा दिए गए थे। इस रिपोर्ट के मुताबिक माणिक सरकार देश के सबसे गरीब मुख्यमंत्री थे। उनके पास सिर्फ 26,83,195 रुपए की प्रापर्टी है। बता दें कि इस रिपोर्ट के मुताबिक आंध्र प्रदेश के सीएम एन चंद्रबाबू नायडू सबसे अमीर मुख्यमंत्री हैं, जिनकी टोटल प्रॉपर्टी 1,77,48,95,611 यानी 117 करोड़ रुपए से ज्यादा है।

त्रिपुरा में कल होना है शपथ समारोह

बता दें कि बीजेपी गठबंधन सरकार में बिप्लब देब सीएम रहेंगे। शुक्रवार को स्वामी विवेकानंद ग्राउंड में होने वाले कार्यक्रम में बिप्लब देब त्रिपुरा के सीएम के तौर पर शपथ लेंगे। उनके साथ जिष्णु वर्मा डिप्टी सीएम पद की शपथ लेंगे। बीजेपी इस कार्यक्रम को भव्य बनाने की तैयारी में जोरों से लगी है। बताया जा रहा है कि इस कार्यक्रम में बीजेपी राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे। इसके साथ ही खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समारोह में मौजूद रहेंगे।

क्या रहे त्रिपुरा के नतीजे? 

त्रिपुरा की 59 विधानसभा सीटों के लिए 17 फरवरी को वोटिंग हुई थी, जबकि नतीजे 3 मार्च को घोषित किए गए। इन चुनावों में बीजेपी ने इंडीजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (IPFT) के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। जिसमें बीजेपी ने 51 सीटों पर अपने कैंडिडेट उतारे थे और 35 सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं IPFT ने 9 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे और 8 पर जीत हासिल की। इन चुनावों में लेफ्ट को सिर्फ 16 सीटें ही मिल पाई। जबकि कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल सकी।  

25 सालों बाद ढहा लेफ्ट का किला

त्रिपुरा में इन चुनावों में बीजेपी ने 25 सालों से सत्ता में काबिज लेफ्ट के किले को ढहा दिया। त्रिपुरा में 1978 के बाद से सिर्फ लेफ्ट सिर्फ एक बार 1988-93 के दौरान सत्ता से दूर रहा है। 1993 के बाद से 25 सालों से यहां CPI-M का कब्जा है और 1998 से लगातारा त्रिपुरा में 3 बार माणिक सरकार मुख्यमंत्री थे। 2013 के विधानसभा चुनावों में लेफ्ट ने यहां की 60 सीटों में 50 सीटों पर कब्जा किया था और कांग्रेस को 10 सीटें मिली थी। जबकि बीजेपी अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी। वहीं 2018 में बीजेपी ने 35 सीटों पर कब्जा किया है।

Created On :   8 March 2018 5:28 AM GMT

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