संगीतकार खय्याम का 92 साल की उम्र में निधन, पीएम मोदी ने ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि

संगीतकार खय्याम का 92 साल की उम्र में निधन, पीएम मोदी ने ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि

डिजिटल डेस्क, मुंबई। म्यूजिक कंपोजर खय्याम का सोमवार को कार्डिएक अरेस्ट के कारण मुंबई में निधन हो गया। वह 92 साल के थे। उम्र से संबंधित बीमारी के चलते उन्हें कुछ दिनों पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था। खय्याम की मौत की खबर सामने आने के बाद पीएम मोदी और भारतीय फिल्म उद्योग के कई कलाकारों ने संगीत के उस्ताद को याद करते हुए सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

खय्याम ट्रस्ट के प्रवक्ता प्रीतम शर्मा ने एक बयान में कहा, "दिग्गज संगीत संगीतकार खय्याम साहब नहीं रहे। उन्होंने 19/08/2019 को रात 9:30 बजे मुंबई में जुहू के सुजॉय अस्पताल में अंतिम सांस ली। उम्र से संबंधित बीमारी के चलते उन्हें पिछले कुछ दिनों से अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

गजल गायक तलत अजीज ने भी खबर की पुष्टि करते हुए कहा, "उनका निधन 9:30 बजे कार्डियक अरेस्ट से हुआ। उन्हें फेफड़े का संक्रमण भी था और उन्होंने 21 दिनों से अधिक समय तक बहादुरी से लड़ाई लड़ी।"

संगीतकार को 28 जुलाई को उनके घर में गिरने के बाद फेफड़ों में संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 92 वर्षीय कलाकार जूहू के सुजॉय अस्पताल में भर्ती थे। खय्याम की मौत की खबर सामने आते ही लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। पीएम मोदी और भारतीय फिल्म उद्योग के कई कलाकारों ने संगीत के उस्ताद को याद करते हुए सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

 

 

पीएम मोदी ने कहा, "सुप्रसिद्ध संगीतकार खय्याम साहब के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उन्होंने अपनी यादगार धुनों से अनगिनत गीतों को अमर बना दिया। उनके अप्रतिम योगदान के लिए फिल्म और कला जगत हमेशा उनका ऋणी रहेगा। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके चाहने वालों के साथ हैं।"

सुरों की मल्लिका लता मंगेशकर ने कहा, "महान संगीतकार और बहुत नेक दिल इंसान खय्याम साहब आज हमारे बीच नहीं रहे। ये सुनकर मुझे इतना दुख हुआ है जो मैं बयान नहीं कर सकती। खय्याम साहब के साथ संगीत के एक युग का अंत हुआ है। मैं उनको विनम्र श्रद्धांजलि अर्पण करती हूं।

प्रसिद्ध संगीत निर्देशक और गायक सलीम मर्चेंट ने कहा, "द लीजेंड खय्याम साहब का निधन पूर्व संध्या 9.28 बजे हुआ। ये संगीत और फिल्म जगत के लिए एक बड़ा नुकसान है। मैं आज सारा दिन उनके साथ था। अल्लाह उनकी आत्मा को शांति दे। इन्ना लिल्लाही वा इन्ना इलाही राजी"उन।"

मोहम्मद जहूर खय्याम हाशमी हिंदी फिल्म उद्योग के एक प्रसिद्ध संगीतकार थे। वह उमराव जान और कभी कभी जैसी फिल्मों में उनकी रचनाओं के लिए जाने जाते थे। उनके कुछ सबसे लोकप्रिय गीतों में बाजार फिल्म के "दिखाई दिए यूं", नूरी के "आजा रे", कभी कभी के "तेरे चहरे से", उमराव जान के "इन आंखो की" है। उन्होंने पहली बार 1961 की फ़िल्म शोला और शबनम के लिए संगीत तैयार करने के लिए ख्याति प्राप्त की।

उमराव जान में उनके काम के लिए उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्होंने उमराव जान और कभी कभी के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार भी जीता। उन्हें 2007 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। भारत सरकार ने उन्हें 2011 में पद्म भूषण से सम्मानित किया।

Created On :   19 Aug 2019 6:08 PM GMT

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