डिजिटल डेस्क, मुंबई। जमानत दिलाने में मदद करने के नाम पर तीन लाख रुपए की घूस मांगने और पहली किस्त के रुप में 80 हजार रुपए ले रहे एक पुलिस इंस्पेक्टर को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। आरोपी इंस्पेक्टर का नाम दत्तात्रय गोविंद चौधरी (50) है। चौधरी मुंबई के देवनार पुलिस स्टेशन में तैनात है। इस मामले में शिकायतकर्ता के भाई और दोस्त के खिलाफ मारपीट के आरोप में देवनार पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज है। इस मामले में पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया था। लेकिन कुछ दिनों पहले शिकायतकर्ता के भाई को अदालत ने अंतरिम जमानत दे दी थी। मामले की छानबीन कर रहे चौधरी ने शिकायतकर्ता से कहा कि अगर वह चाहता है कि पुलिस मामले में नरमी बरते जिससे भाई और दोस्त को आसानी से जमानत मिल जाए तो तीन लाख रुपए घूस देनी होगी। यही नहीं चौधरी ने पैसे न देने पर आरोपियों को फंसाने की भी धमकी दी। मोलभाव के बाद चौधरी ढाई लाख रूपए लेकर मामले में कमजोर पैरवी के जरिए जमानत दिलाने में मदद के लिए तैयार हो गया। शिकायतकर्ता ने कहा कि उसके पास इतने पैसे एक साथ नहीं हैं इसलिए वह किस्त में ही पैसे दे पाएगा। इस बीच शिकायतकर्ता ने चौधरी द्वारा घूस मांगे जाने की जानकारी एसीबी को दे दी। इसके बाद एसीबी ने मंगलवार रात जाल बिछाया और घूस की पहली किस्त के रूप में 80 हजार रुपए ले रहे चौधरी को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया।
यवतमाल में मंडल अधिकारी, पटवारी रिश्वत लेते गिरफ्तार
उधर यवतमाल में भी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने बुधवार को पुश्तैनी खेती के सातबारा पर मृतक और शिकायतकर्ता का नाम निकालकर छोटे भाई का नाम दर्ज कराने के एवज में 7 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। जिसकी शिकायत मिलने के बाद मंडल अधिकारी और पटवारी को रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया। मामले में 12 फरवरी को शिकायत की जांच पड़ताल के दोपहर गांधी लेआउट स्थित पटवारी कार्यालय में जाल बिछाकर रिश्वत लेते हुए रालेगांव तहसील स्थित वरध के मंडल अधिकारी संजीव सुदामराव रोहणकर और पटवारी राजेश मोतीराम ताकसांडे को दबोचा गया। अधिकारी और पटवारी ने पहले 10 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। जिसमें दोनों पक्षों के बीच 7 हजार रुपए में मामला तय हुआ था।