सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई स्थगित, काम पर लौटे डॉक्टर, सुविधाएं बहाल

Supreme Court Hearing on the petition filed for protection of doctors
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई स्थगित, काम पर लौटे डॉक्टर, सुविधाएं बहाल
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई स्थगित, काम पर लौटे डॉक्टर, सुविधाएं बहाल
हाईलाइट
  • डॉक्टरों की सुरक्षा पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई स्थगित
  • डॉक्टरों की हड़ताल खत्म काम पर लौटे

डिजिटल डेस्क, दिल्ली। पश्चिम बंगाल और दूसरे राज्यों में डॉक्टरों की हड़ताल समाप्त हो जाने के तथ्य को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की सुरक्षा के लिये दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई स्थगित कर दी। जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस सूर्यकांत की अवकाश पीठ ने कहा कि वह केन्द्र को नोटिस जारी नहीं करेगी, लेकिन डॉक्टरों की सुरक्षा के व्यापक मुद्दे को विचार के लिए खुला रखा जाएगा।

कोर्ट ने कहा, हम याचिका पर आज सुनवाई के लिए सहमत हो गए थे क्योंकि पश्चिम बंगाल और दूसरे राज्यों में डॉक्टरों की हड़ताल जारी थी। चूंकि हड़ताल खत्म हो गई है और ऐसा लगता है कि अब याचिका पर सुनवाई की जल्दी नहीं है। अब मामले को  उचित पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया है। इस बीच इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भी न्यायालय में दायर याचिका में पक्षकार बनने के लिए एक आवेदन दायर किया है। इस आवेदन में कहा गया है कि देश भर में चिकित्सकों को संरक्षण प्रदान किए जाने की आवश्यकता है।

कोर्ट ने कहा, डॉक्टरों को सुरक्षा प्रदान करने के मामले में समग्र दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है।  हम समझते है कि यह एक गंभीर विषय है, लेकिन हम दूसरे नागरिकों की कीमत पर डॉक्टरों को संरक्षण नहीं दे सकते। हमें व्यापक दृष्टिकोण अपनाना होगा। हमें व्यापक परिप्रेक्ष्य को देखना होगा। हम डॉक्टरों को संरक्षण प्रदान करने के विरुद्ध नहीं है। 

बता दें कि पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के प्रदर्शन के बाद शुक्रवार को यह याचिका दायर की गई थी। पिछले सोमवार रात दस बजे एक मरीज की मौत के बाद उसके परिवार वालों ने डॉक्टरों पर हमला कर दिया था, इसमें कुछ डॉक्‍टरों को चोटें आई थीं। इसी के बाद से पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों का प्रदर्शन शुरू हो गया था। 

याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने याचिका पर तुरंत सुनवाई की मांग की थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपक गुप्‍ता और जस्टिस सूर्यकांत की अवकाशकालीन पीठ ने मामले को मंगलवार के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया था। बता दें कि दायर याचिका में केंद्रीय गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और पश्चिम बंगाल सरकार को डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए देश भर के सभी सरकारी अस्पतालों में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती का निर्देश दिए जाने की मांग की गई थी। इसके अलावा कोलकाता मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर पर हमला करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश देने की भी मांग की गई थी। 

बता दें कि सोमवार को मेडिकल कॉलेजों के प्रतिनिधियों ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ नाबाना में बैठक की। इस बैठक के बाद जूनियर डॉक्टरों ने अपनी स्ट्राइक खत्म कर दी है। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने पुलिस से राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने के लिए कहा है। बता दें कि राज्य में करीब एक हफ्ते से जूनियर डॉक्टर अपनी सुरक्षा को लेकर हड़ताल पर है। इस हड़ताल से स्वास्थ सेवाएं पूरी तरह से चौपट हो गई है।

राज्य सचिवालय में हुई बैठक में, डॉक्टरों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बनर्जी को मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में होने वाली समस्याओं से अवगत कराया और कहा कि वे अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। इसके बाद बनर्जी ने बैठक में मौजूद पुलिस अधिकारियों को डॉक्टरों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए राज्य के अस्पतालों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने को कहा। बैठक में 31 जूनियर डॉक्टरों के अलावा पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य सचिव, MoS चंद्रिमा भट्टाचार्य और राज्य के अन्य अधिकारी मौजूद थे।

Created On :   18 Jun 2019 2:27 AM GMT

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