राष्ट्रीय: बहिष्कार के आह्वान के बीच, मणिपुर में गणतंत्र दिवस शांतिपूर्ण तरीके से मनाया गया

बहिष्कार के आह्वान के बीच, मणिपुर में गणतंत्र दिवस शांतिपूर्ण तरीके से मनाया गया
जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर में 75वां गणतंत्र दिवस शांतिपूर्ण तरीके से मनाया गया। छह प्रमुख छात्र संगठनों के साथ-साथ कई उग्रवादी संगठनों ने पहले लोगों से शुक्रवार के समारोह का बहिष्कार करने की अपील की थी।

इंफाल, 26 जनवरी (आईएएनएस)। जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर में 75वां गणतंत्र दिवस शांतिपूर्ण तरीके से मनाया गया। छह प्रमुख छात्र संगठनों के साथ-साथ कई उग्रवादी संगठनों ने पहले लोगों से शुक्रवार के समारोह का बहिष्कार करने की अपील की थी।

ऑल मणिपुर स्टूडेंट यूनियन सहित छह प्रभावशाली छात्र संगठनों ने पहले छात्रों और लोगों से अनुरोध किया था कि वे गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा न लें। जातीय हिंसा के प्रतीकात्मक विरोध के रूप में काले झंडे का उपयोग करें।

मणिपुरी समाज के विभिन्न वर्गों का प्रतिनिधित्व करने वाले छात्र संगठनों ने राज्य में नौ महीने से अधिक लंबे जातीय संकट के प्रति सरकार की नीतियों की वर्तमान स्थिति पर असंतोष व्यक्त किया। पिछले वर्षों की तरह, कई उग्रवादी संगठनों ने गणतंत्र दिवस समारोह का बहिष्कार करने का आह्वान किया था।

हालांकि, उन 16 जिलों में से किसी से भी अब तक कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है, जहां भारी सुरक्षा घेरे के बीच गणतंत्र दिवस मनाया गया।

मुख्य समारोह इंफाल के प्रसिद्ध कांगला किले में आयोजित किया गया, जहां राज्यपाल अनुसुइया उइके ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और विभिन्न मार्च-पास्ट टुकड़ियों की सलामी ली। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, उनके कैबिनेट सहयोगियों और गणमान्य व्यक्तियों ने हिस्सा लिया।

इस बीच, प्रथम बटालियन मणिपुर राइफल्स परेड ग्राउंड में मार्च-पास्ट में हिस्सा लेने वालों को मुख्यमंत्री ने संबोधित किया। सीएम ने राज्य में वर्तमान में चल रही स्थिति पर नाखुशी व्यक्त करते हुए कहा कि "वर्तमान संकट का सामना तभी किया जा सकता है, जब हम एकजुट होंगे।"

मुख्यमंत्री ने लोगों से संविधान का सम्मान करने और मणिपुर की एकता और भारत की एकता की रक्षा के लिए अपने अधिकारों का प्रयोग करने और अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान के प्रति सम्मान दिखाना प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य है। इसी संविधान के तहत देश के नागरिक अपने अधिकारों का प्रयोग करते हैं और जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए अपने कर्तव्यों को पूरा करते हैं।

उन्होंने कहा, "ऐसी लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत, हमें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए। धर्मनिरपेक्ष होना चाहिए और दूसरों को अपनी संस्कृति, भाषा, परंपराओं को विकसित करने और संरक्षित करने के उनके प्रयासों में बाधा नहीं डालनी चाहिए।"

मुख्यमंत्री ने माचिहान सासा (नुंगपी पॉटरी) को पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया और आर्टिस्ट को भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने 2014 के बाद से बड़े पैमाने पर विकासात्मक बदलाव देखे हैं। अंतरिक्ष, रक्षा, अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में दुनिया की महाशक्तियों में अपना स्थान बना लिया है।

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Created On :   26 Jan 2024 10:47 PM IST

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