विज्ञान/प्रौद्योगिकी: अमेरिका के बहुचर्चित 'आर्टेमिस' कार्यक्रम से दक्षिण कोरिया भी जुड़ेगा

अमेरिका के बहुचर्चित आर्टेमिस कार्यक्रम से दक्षिण कोरिया भी जुड़ेगा
दक्षिण कोरिया की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ने बुधवार को कहा कि वह चंद्रमा पर खोज के लिए अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी (नासा) के साथ हाथ मिलाएगी। दोनों की यह साझेदारी नासा के नए चंद्र कार्यक्रम 'आर्टेमिस' के लिए होगी।

सियोल, 30 अक्टूबर (आईएएनएस)। दक्षिण कोरिया की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ने बुधवार को कहा कि वह चंद्रमा पर खोज के लिए अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी (नासा) के साथ हाथ मिलाएगी। दोनों की यह साझेदारी नासा के नए चंद्र कार्यक्रम 'आर्टेमिस' के लिए होगी।

दक्षिण कोरिया की समाचार एजेंसी योनहाप के मुताबिक कोरिया एयर स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (कासा) ने नासा के साथ आर्टेमिस कार्यक्रम पर समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य चंद्रमा के सतत अन्वेषण और मंगल ग्रह के अन्वेषण की तैयारी के लिए अनुसंधान परियोजनाएं संचालित करना है।

कोरियाई अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, दक्षिण कोरिया नासा के साथ इस तरह के समझौते पर हस्ताक्षर करने वाला पांचवां देश बन गया है।

इस समझौते के तहत, कासा और नासा चंद्र लैंडर, अंतरिक्ष संचार, स्थिति निर्धारण, नेविगेशन और समय निर्धारण, अंतरिक्ष यात्रियों की सहायता के लिए उपकरण व अंतरिक्ष आधारित जीवन विज्ञान और चिकित्सा कार्यों पर अध्ययन करने के लिए सहयोग करेंगे।

परियोजनाओं में चंद्रमा की सतह विज्ञान और स्वायत्त ऊर्जा और रोबोटिक्स जैसे तमाम विषय शामिल हैं।

बता दें कि दक्षिण कोरिया उन 47 देशों में से एक है, जिन्होंने आर्टेमिस समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जो चंद्रमा पर खोज के लिए अमेरिका के नेतृत्व वाला एक अंतर्राष्ट्रीय समझौता है।

सितंबर में, कासा ने अंतरिक्ष और एयरोस्पेस अनुसंधान से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के लिए नासा के साथ एक संयुक्त वक्तव्य पर हस्ताक्षर किए थे।

दोनों एजेंसियों ने लाग्रांज प्वाइंट एल 4 पर परिचालन के लिए एक मिशन के संयुक्त डिजाइन के समझौते पर भी हस्ताक्षर किए हैं। लाग्रांज प्रवाइंट का मतलब पृथ्वी और सूर्य के बीच ऐसे प्वाइंट्स से है, जहां पृथ्वी और सूर्य के बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल बराबर हो जाता है। इससे सूर्य पर खोज के लिए भेजे गए मिशनों को एक जगह पर स्थापित करने में मदद मिलती है।

इस बीच, दक्षिण कोरिया और अमेरिका सूर्य के बाहरी वायुमंडल (कोरोना) और सौर हवा के बारे में जानकारी जुटाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर एक संयुक्त रूप से विकसित सौर कोरोनाग्राफ भेजने की भी योजना बना रहे हैं।

कोरोनल डायग्नोस्टिक एक्सपेरिमेंट (कोडेक्स), कोरिया खगोल विज्ञान और अंतरिक्ष विज्ञान संस्थान और नासा के बीच 20 बिलियन-वॉन ($ 14.5 मिलियन) का सहयोग है।

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Created On :   30 Oct 2024 1:33 PM IST

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