Delhi Politics: दिल्ली में बिजली बिल को लेकर रेखा गुप्ता सरकार का बड़ा फैसला, जानें जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने क्या कहा

दिल्ली में बिजली बिल को लेकर रेखा गुप्ता सरकार का बड़ा फैसला, जानें जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने क्या कहा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली जल बोर्ड में शुक्रवार को कई मुद्दों को लेकर बैठक हुई। इस दौरान बैठक में दिल्ली सरकार ने बकाया बिल पर लेट चार्ज को पूरी तरह से माफ करने पर जोर दिया। इस बारे में दिल्ली के जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने बताया कि लोगों के लाखों के बिल आ रहे थे क्योंकि उसके ऊपर ब्याज दर 5 प्रतिशत थी, वो भी कंपाउंड, यानी 100 का बकाया 178 हो जाता था। हमने फैसला किया है कि बकाया बिल पर अब 2% ही ब्याज होगा। 31 जनवरी तक जो बकाया बिल जमा करेगा उसे लेट चार्ज पर 100 फीसदी छूट होगी और 31 मार्च तक जमा करने पर 70 फीसदी छूट होगी।

दिल्ली सरकार ने बकाया बिल पर लेट चार्ज लगाने को किया माफ

प्रवेश वर्मा ने कहा, "जब इंटरेस्ट रेट ज्यादा था तो व्यक्ति बिल नहीं देता था और इंतजार करता था कि सरकार बिल माफ करे। दिल्ली सरकार को कुल 87589 करोड़ बकाया वसूलना है, जिसमें पानी के इस्तेमाल का कुल बकाया 7125 करोड़ रुपए है और लेट चार्ज 80463 करोड़ रुपये है यानी कुल बकाया बिलों में 90 फीसदी बकाया तो लेट पेमेंट चार्ज है।"

जल मंत्री ने आगे कहा, "कोई व्यक्ति अगर अवैध पानी का कनेक्शन ले रखा था तो पहले उसे वैध कनेक्शन के लिए 26 हजार रुपये देने होते थे लेकिन अब 1 हजार ही देने होंगे। हालांकि ये 1 हजार मार्च तक ही लागू होगा। दिल्ली सरकार कैम्प लगा कर शिकायतों का संज्ञान लेगी, जिसकी शिकायत है कि बिल गलत है। अभी 8 हजार रुपये मीटर लगाने के इंस्टॉलेशन चार्ज होते हैं, अब प्राइवेट लाइसेंसधारक उसका चार्ज तय करेंगे।"


जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने दी जानकारी

उन्होंने आगे बताया कि लेट पेमेंट चार्ज की छूट का फीचर दिल्ली जल बोर्ड के सॉफ्टवेयर में ऐड करने में ही 6 महीने लग गए। अब किसी कमर्शियल यूनिट ने अगर अवैध पानी का कनेक्शन ले रखा था तो पहले उसे वैध कनेक्शन के लिए 6 1 हजार 56 रुपये देने होते थे लेकिन अब 5 हजार रुपये ही देंने होंगे। हालांकि ये 5 हजार मार्च तक ही लागू होगा।

दिल्ली के जल मंत्री ने आगे कहा, "जो लोग अपने मीटर लगाना चाहते हैं उनके लिए दिल्ली में पहले हजार प्लम्बर्स को लाइसेंस दिए थे, फिर बस 250 बचे थे। उसके बाद फिर एक पॉलिसी बनी कि जल बोर्ड ही मीटर लगाएगा। अब हम फिर से संख्या बढ़ायेंगे और ITI और पॉलिटेक्निक कॉलेज से बात करेंगे और चिन्हित करके लाइसेंस देंगे। दिल्ली में 1 लाख लोगों ने पानी के मीटर के लिए अप्लाई किया है लेकिन पेंडेंसी के कारण नहीं लागा पा रहे हैं, जिस कारण 51 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।"



Created On :   26 Sept 2025 7:35 PM IST

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