Bihar Congress: 'भावना झा जब जीतीं, तब जदयू के साथ गठबंधन...' कांग्रेस छोड़ने के बाद शकील अहमद ने दी सफाई

डिजिटल डेस्क, पटना। पूर्व केंद्रीय मंत्री शकील अहमद ने बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम जारी होने के कुछ मिनट बाद कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। यह इस्तीफा उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को सौंपा था। इसके बाद शकील अहमद की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने इस्तीफा देने को लेकर कहा कि विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण के दौरान इनकी जिम्मेदारी राष्ट्रीय कांग्रेस कमेटी के पास थी, लेकिन उन्होंने एक बार भी वरिष्ठ नेताओं के साथ विचार-विमर्श नहीं किया था। इसकी वजह से सभी जगह हार का सामना करना पड़ा।
इस्तीफे को लेकर दी ये प्रतिक्रिया
शकील अहमद ने मधुबनी में बीते शनिवार को एक निजी होटल के सभागार में मीडिया से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कहा, "जिनको भी ये लगता हो कि बेनीपट्टी विधानसभा से भावना झा के लिए हम प्रयासरत थे तो ये बात सही नहीं है।" उनका आगे कहना है, "मैंने छह महीने पहले ही भावना झा को चुनाव नहीं लड़ने के लिए बोल दिया था। इसका कारण था कि बेनीपट्टी, जाले ये सीट ऐसा है कि यहां आरजेडी गठबंधन के विरुद्ध मतदान होता है। आज तक यहां से आरजेडी गठबंधन में रहते कभी भी कांग्रेस यह सीट नहीं बचा पायी। यहां शालीग्राम यादव जदयू से जीते। राम अशीष यादव निर्दलीय जीते, युगेश्वर झा कांग्रेस से तब जीते जब गठबंधन नहीं था।"
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JDU को लेकर कही ये बात
पूर्व मंत्री का कहना है, "भावना झा जब जीतीं, तब जदयू के साथ गठबंधन था। जब भी आरजेडी से गठबंधन रहा कोई नहीं जीत सका। वहीं हरलाखी में सब्बीर अहमद को अगर टिकट मिलता तो वो सीट जीता जा सकता था। लेकिन शीर्ष नेतृत्व ने किसी से विमर्श नहीं किया। इसी कारण से मैंने कांग्रेस से इस्तीफा दिया है।"
उन्होंने आगे कहा कि वे किसी पार्टी में शामिल नहीं होंगे। वह कांग्रेस को हमेशा वोट और मदद करते रहेंगे। बता दें कि महागठबंधन ने कुल 35 सीटों पर जीत हासिल की है, जिसमें कांग्रेस 6 और जेडीयू 25 सीटों पर जीती थी। वहीं, एनडीए गठबंधन ने 243 में से कुल 202 सीटों पर जीत दर्ज की है।
Created On :   23 Nov 2025 1:00 AM IST














