बिहार विधानसभा चुनाव 2025: NDA या महागठबंधन? 20 से 25 सीटें जीतने पर किसको समर्थन देंगे प्रशांत किशोर ? जानें सवाल पर जनसुराज पार्टी के चीफ का जवाब

- बिहार में इस साल होने है विधानसभा चुनाव
- एनडीए और महागठबंधन में से किसे सपोर्ट करेंगे प्रशांत किशोर
- जानें सवाल पर जनसुराज पार्टी के चीफ का जवाब
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में जैसे जैसे विधानसभा चुूनाव नजदीक आते जा रहे हैं, राज्य में वैसे वैसे सियासी पारा हाई होता जा रहा है। इस क्रम में जनसुराज पार्टी के चीफ प्रशांत किशोर भी जोर-शोर से चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं। दरअसल, पिछले तीन सालों से प्रशांत किशोर बिहार में लोगों को नया विक्लप देने की बात कर रहे हैं। हालांकि, एक सवाल उनसे हमेशा पूछा जाता है कि अगर चुनाव में उनकी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला तो वह क्या करेंगे। क्या वो किसी गठबंधन के साथ जाएंगे?
बिहार विधानसभा चुनाव में किसके साथ जाएंगे पीके
हाल ही में बीबीसी से बातचीत के दौरान जब प्रशांत किशोर से चुनाव में बहुमत न मिलने पर किसी एक गठबंधन के साथ जाने का सवाल पूछा गया। तो इस पर उन्होंने कहा कि या तो अर्श पर रहेंगे या फर्श पर। किसी को सपोर्ट करने का सवाल ही नहीं है। उन्होंने यहां तक कह दिया कि "20-25 सीट आई तो मैं अपने विधायकों से कहूंगा कि वो किसी और दल से हाथ मिला लें। मैं फिर मेहनत कर चुनाव लड़ंगूा।"
उन्होंने कहा कि वो बिना पूर्ण बहुमत आए किसी और के साथ सरकार नहीं बनाएंगे। हमें मंत्री नहीं बनना है, जो किसी से हाथ मिला लें। त्रिशंकू सरकार की स्थिति में भी वो किसी का साथ नहीं देंगे। दोबारा चुनाव में जाएंगे।"
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उन्होंने ये भी कहा कि पहली बार बिहार में पलायन का मुद्दा जनसुराज ने उठाया है, इससे पहले की सरकारें बिहार के लोगों का बिहार से बाहर जा कर काम करना अपनी तारीफ समझती थी, कि देखिए बिहारी हर जगह हैं, अपना जलवा दिखाते हैं, लेकिन ये उनकी मजबूरी है, ये कोई अच्छी बात नहीं। प्रशांत किशोर ने ये भी दावा कि नीतीश कुमार इस बार किसी भी तरह से सीएम नहीं बनेंगे।
इससे पहले प्रशांत किशोर ने पटना में ये भी कहा कि, "हम केवल एक समीकरण में विश्वास करते हैं और वह है विचारधारा आधारित समीकरण। इस देश में आधे से ज़्यादा हिंदू विचारधारा के आधार पर भाजपा के साथ नहीं हैं। जन सुराज का फॉर्मूला एमवाई फॉर्मूला नहीं है, जन सुराज का फॉर्मूला यह है कि सभी हिंदू जो विचारधारा के आधार पर गांधी, जयप्रकाश, बाबा साहेब अंबेडकर, लोहिया को मानते हैं, उन्हें मुसलमानों के साथ एक सामाजिक-राजनीतिक गठबंधन बनाना चाहिए, अगर ऐसा हुआ तो हम भाजपा को बुरी तरह हरा देंगे।"
ऐसे में अब देखना होगा कि प्रशांत किशोर एक नई पार्टी और नई विचारधारा के साथ इन तमाम दिग्गज पार्टियों को कैसे मात देंगे। इनके जाति अधारित समीकरण के कैसे तोड़ेंगे। बिहार में वो अर्श पर रहेंगे या फर्श पर, यानी पूर्ण बहुमत के साथ बिहार में नई विचारधारा की सरकार बना पाएंगे या नहीं।
Created On :   18 Aug 2025 12:05 AM IST