विधानसभा चुनाव 2025: बिहार में बसपा के नक्शे कदम पर चलेगी आप, महागठबंधन से दूरी बनाकर सभी सीटों पर लड़ेगी चुनाव

- विधानसभा चुनाव में वोटकटवा बनकर सहयोगियों को सबक सिखाएगी आप
- सियासी रूप से संवेदनशील बिहार के चुनावों में नई पार्टियों के लिए कई नई- नई संभावनाएं
- जातिगत राजनीति से तंग आए मतदान आप की तरफ मुड़ सकते है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी अब बहुजन समाज पार्टी के नक्शों कदम पर चलने वाली है। आप ने बिहार विधानसभा चुनाव में सभी 243 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। ऐसे में कहा जा रहा है कि महागठबंधन से दूरी बनाने से आप को बिहार में क्या फायदा होगा, या आप अपने किसी खास मकसद को पूरा करने के लिए ऐसा कर रही है। आप पार्टी बिहार के मतदाताओं से ये उम्मीद रखती है कि वह उसे वोट देंगे। लेकिन आपको बता दें केजरीवाल ऐसे ही चुनावी मैदान में नहीं उतर रहें होंगे। क्योंकि चुनाव में भारी तादाद में पैसा और समय खर्च होता है। कहीं ऐसा न हो जाए कि पैसा भी खर्च हो जाए और वोट भी नहीं मिले। केजरीवाल को कुछ तो उम्मीद होगी। क्योंकि वोट ना मिलने पर पार्टी की साख में भी कमी आएगी। आप पार्टी कभी नहीं चाहेगी कि वेवजह चुनाव में उतरे। या फिर केजरीवाल सिर्फ चुनावी मैदान में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने चाहते है, क्योंकि यहां के चुनावी चर्चे राष्ट्रीय लेवल होते है।
आपको बता दें आप पार्टी बिहार में ना तो सरकार बनाने के दावे के साथ चुनाव में उतर रही है और न ही किंग मेकर की भूमिका निभाने के लिए। सियासी रूप से बेहद संवेदनशील बिहार राज्य के चुनावों में नई पार्टियों के लिए नई- नई संभावनाएं हमेशा से रही हैं। भविष्य की गर्त में छिपा सवाल आखिरकार कौन जाने आप की हथेली की रेखाओं में क्या लिखा है?
आप पार्टी इंडिया गुट में शामिल दलों को बिहार में वोटकटवा के रूप में उभरकर सबक सिखाने का काम करेगी। महागठबंधन के वोटों को बांट कर अप्रत्यक्ष रूप से बीजेपी या एनडीए को फायदा पहुंच सकता है। विधानसभा सीटों पर मतों का अंतर कम होता है। आप चुनावी मैदान में आकर अपनी जमीन बनाने में कामयाब हो सकती है। आप को बिहार की राजनीति समझने का मौका मिलेगा, जो उसे 2029 के लोकसभा चुनावों में काम आएगा।
दिल्ली और पंजाब की उपलब्धियों, जैसे मुफ्त बिजली, मोहल्ला क्लीनिक, और शिक्षा सुधार, को बिहार में प्रचारित कर आप अपनी ब्रैंडिंग कर सकती है। जिससे जातिगत राजनीति से तंग आए मतदान आप की तरफ मुड़ सकते है, जिसका भविष्य में आप को लाभ मिल सकता है।
केजरीवाल को बिहार के शहरी क्षेत्रों और दिल्ली में रहने वाले बिहारी प्रवासियों के बल पर उम्मीद है कि बिहार में नया राजनीतिक विकल्प बन सकती है। आप के राष्ट्रीय दर्जा को और अधिक मजबूती मिलेगी। बिहार में आप को राज्य पार्टी का दर्जा मिल सकता है। आपको बता दें 4 राज्यों में आप पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्तहै, अगर बिहार में भी आप को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलता है तो यह पार्टी के लिए सोने में सुहागा होगा। राष्ट्रीय पार्टी के दर्जे को बनाए रखने के लिए चार राज्यों में 6% वोट शेयर की शर्त होती है।
Created On :   4 July 2025 2:01 PM IST