राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023: 20 मंत्रियों की हार से बीजेपी की राजे सरकार को गंवानी पड़ी थी सत्ता, 2023 में गहलोत सरकार के मंत्रियों की चुनावी परीक्षा

20 मंत्रियों की हार से बीजेपी की राजे सरकार को गंवानी पड़ी थी सत्ता,  2023 में गहलोत सरकार के मंत्रियों की चुनावी परीक्षा
  • राजस्थान में मतदान जारी
  • 200 में से 199 सीटों पर हो रही है वोटिंग
  • सरदारपुरा सीट से सीएम अशोक गहलोत कांग्रेस उम्मीदवार

डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव में आज शनिवार सुबह से मतदान शुरू हो गया। 200 में से 199 सीटों पर वोटिंग जारी है। आज 5.2 करोड़ वोटर्स चुनवाी मैदान में उतरे 1863 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। सुबह 9 बजे तक करीब साढ़े नौ फीसदी मतदान किया जा चुका है। एक सीट श्रीगंगानगर जिले की करणपुर सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन होने के चलते चुनाव स्थगित है।

199 सीटों पर जारी मतदान में उन सीटों की अधिक चर्चा हो रही जहां से कांग्रेस की गहलोत सरकार में शामिल मंत्री चुनाव लड़ रहे है। चुनावी जंग में कुछ मंत्रियों को फिर से मौका मिला कुछ के टिकट कटे। आज हम आपको बताएंगे गहलोत के किन मंत्रियों के सामने बीजेपी का कौन प्रत्याशी खड़ा हुआ है। वहां की क्या स्थिति है। साथ ही गहलोत सरकार में शामिल कितने मंत्री चुनाव लड़ रहे है।

राजस्थान की कांग्रेस सरकार में सीएम अशोक गहलोत समेत कुल 29 मंत्री हैं। इनमें से मुख्यमंत्री गहलोत समेत 19 कैबिनेट मंत्री हैं, जबकि नौ राज्य मंत्री हैं। कांग्रेस ने गहलोत सरकार के तीन कैबिनेट मंत्रियों के टिकट काटे हैं। जिनमें महेश जोशी, हेमाराम चौधरी,लालचंद कटारिया का टिकट कटा था, उनकी जगह कांग्रेस पार्टी ने अन्य चेहरे को मौका दिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र से मैदान में हैं। उनके सामने बीजेपी से डॉ. महेंद्र सिंह राठौड़ हैं।

हवामहल सीट से मंत्री महेश जोशी की जगह आरआर तिवाड़ी, गुड़ामालानी सीट से हेमाराम चौधरी की जगह कर्नल सोनाराम को टिकट दिया गया है। कर्नल सोनाराम ने चुनाव से ठीक पहले बीजेपी का साथ छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा। झोटवाड़ा सीट से कृषि मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक लालचंद कटारिया की जगह अभिषेक चौधरी को चुनावी मैदान में उतारा। कटारिया ने इस बार चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। अभिषेक चौधरी का मुकाबला बीजेपी के दिग्गज नेता राज्यवर्धन राठौड़ से है।

कहा जाता है कि राजस्थान सरकार में जो भी परिवहन मंत्री रहता है और वह अगला चुनाव लड़ता है तो हार जाता है। गहलोत सरकार के परिवहन मंत्री बृजेंद्र सिंह ओला भी इस चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबले में फंस गए हैं

गहलोत सरकार के मंत्री

शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला बीकानेर पश्चिम सीट से चुनाव मैदान में हैं। मंत्री बीडी कल्ला की टक्कर बीजेपी के जेठानन्द व्यास से है।

कोटा उत्तर से कानून मंत्री शांति धारीवाल के सामने भाजपा से वसुंधरा राजे के करीबी प्रह्लाद गुंजल चुनावी मैदान में है।

लालसोट सीट से स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा के सामने बीजेपी के रामबिलास मीणा

बागीदौरा विधानसभा क्षेत्र से जल संसाधन मंत्री महेंद्र जीत सिंह के सामने बीजेपी उम्मीदवार कृष्णा कटारा

मांडल सीट से राजस्व मंत्री रामलाल जाट का मुकाबला बीजेपी के गौतम सिंह डाक

अंता सीट से खनिज और गोपालन मंत्री प्रमोद भाया के सामने बीजेपी के कंवर लाल मीणा

डीग-कुम्हेर विघानसभा सीट से पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह के सामने भाजपा के डॉ. शैलेश सिंह

सपोटरा सीट से ग्रामीण विकास मंत्री रमेश चंद्र मीणा का मुकाबला भाजपा उम्मीदवार हंसराज मीणा

निंबाहेड़ा सीट से सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के विरोध में बीजेपी से श्रीचन्द कृपलानी प्रत्याशी

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास सिविल लाइंस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी हैं। उनके सामने भाजपा से गोपाल शर्मा चुनावी मैदान में है।

पोकरण सीट से अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री शाले मोहम्मद के खिलाफ भाजपा से महंत प्रतापपुरी महाराज चुनाव लड़ रहे है।

सिकराय सीट से महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश के सामने बीजेपी से विक्रम बंशीवाल उम्मीदवार हैं।

वैर विधानसभा सीट से लोक निर्माण मंत्री भजनलाल जाटव का सामना भाजपा के उम्मीदवार बहादुर सिंह कोली से हैं।

अलवर ग्रामीण सीट विधानसभा से सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली का मुकाबला भाजपा के जयराम जाटव से है।

खाजूवाला सीट से राहत एवं आपदा प्रबंधन मंत्री गोविंद राम मेघवाल का मुकाबला भाजपा उम्मीदवार डॉ. विश्वनाथ मेघवाल से है।

बानसूर सीट से उद्योग मंत्री शकुंतला रावत के सामने भाजपा की देवी सिंह शेखावत चुनावी मैदान में है।

2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की राजे सरकार में शामिल आधे से अधिक मंत्रियों को हार का मुंह देखना पड़ा था, जिसके चलते बीजेपी को सत्ता गंवानी पड़ी थी। इस चुनाव में राजे के दो मंत्रियों ने खुद चुनाव न लड़कर अपने बेटों को चुनाव में उतारा था। कुल मिलाकर 2018 में बीजेपी के 20 मंत्रियों को हार मिली थी। जिनमें 12 कैबिनेट और 8 राज्यमंत्री शामिल थे। आपको बता दें 2018 में कांग्रेस ने बीजेपी को मात देते हुए सत्ता पर काबिज हुई थी जिसमें से राजे समेत 30 मंत्रियों में से केवल 8 मंत्री ही अपनी सीट बचा पाए थे। इन 8 मंत्रियों में से भी चार ऐसे मंत्री थे जो बीजेपी से बागी होकर चुनाव लड़े थे। लेकिन अब गहलोत सरकार के मंत्री चुनाव लड़ रहे है। ऐसे में देखना होगा कि 3 दिसंबर को किस मंत्री की किस्मत साथ देती है?

आपको बता दें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कई मंत्री चुनावी चक्रव्यूह में फंसे हुए नजर आ रहे हैं। 2013 के विधानसभा चुनाव में गहलोत समेत कैबिनेट के पांच मंत्री ही चुनाव जीत पाए थे। जबकि 2003 के चुनाव में गहलोत सरकार के 25 में से दो उपमुख्यमंत्री समेत 18 मंत्री हार गए थे। 22 राज्य मंत्रियों में से मात्र तीन जीत पाए थे।

Created On :   25 Nov 2023 5:19 AM GMT

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