MP चुनाव 2023: चंबल-ग्वालियर की 9 सीटों पर बीजेपी-कांग्रेस के साथ बसपा की नेक टू नेक लड़ाई

चंबल-ग्वालियर की 9 सीटों पर बीजेपी-कांग्रेस के साथ बसपा की नेक टू नेक लड़ाई
चंबल-ग्वालियर में बीजेपी-कांग्रेस के साथ बसपा की नेक टू नेक लड़ाई

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी तीन दर्जन सीटों पर असर डाल सकती है। गोंड़वाना गणतंत्र पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनावी मैदान में उतरी बीएसपी ने कई सीटों पर कांग्रेस- बीजेपी के मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। बीएसपी के बढ़ते -घटते वोट परसेंट से मप्र में सत्ता बनती बिगड़ती नजर आ रही है।

ग्वालियर-चंबल,बुंदेलखंड के साथ साथ विंध्य रीजन में बहुजन समाज पार्टी ने बीजेपी और कांग्रेस की नींद उड़ा दी है। भले ही ये बात सही है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों को राज्य में प्रमुख राजनैतिक दल माना जाता है। लेकिन अब की बार बीएसपी ने चुनावी मैदान में कांग्रेस बीजेपी की सीधी टक्कर को त्रिकोणीय बना दिया है, कई सीटों पर मुकाबला कांग्रेस –बीजेपी से न होकर बीजेपी –बसपा और कांग्रेस-बसपा में साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। उत्तरप्रदेश से सटे होने के कारण चंबल क्षेत्र में बीएसपी के हाथी का दबदबा है, यहां हाथी की चुनावी हुंकार में कांग्रेस को 2018 के विधानसभा चुनाव की अपेक्षा कुछ नुकसान हो सकता है। कांग्रेस संविधान बचाने के जिस नारे के साथ जनता के बीच पहुंच रही थी, उसे बीएसपी चीफ मायावती की दहाड़ ने धीमा कर दिया है। बीएसपी के मूल वोटबैंक के साथ प्रत्याशी समुदाय के मतदाता इस बार यूपी की चार बार की सीएम मायावती पर भरोसा जता रहे है।

ग्वालियर,भिण्ड और मुरैना के चुनावी दंगल में बीएसपी प्रदेशाध्यक्ष इंजी रमाकांत पिप्पल ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के नेतृत्व में प्रत्याशियों के चयन से जातीय समीकरण को साधने की भरपूर कोशिश की है। बसपा ने चुनावी लड़ाई में एससी पिछड़ों के साथ ब्राह्ण क्षत्रिय समेत सामान्य वर्ग को भी बराबर मौका दिया है। भिण्ड जिले की भिण्ड, गोहद और मेहगांव सीट पर बीएसपी बीजेपी और कांग्रेस को चुनौती दे रही है। भिण्ड की इन तीनों पर बीएसपी ने कभी ना कभी जीत दर्ज की है। 2018 में भिण्ड से संजीव कुशवाह ने बीएसपी प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज की। हालांकि करीब एक साल पहले उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया था, लेकिन बीजेपी की ओर से प्रत्याशी न बनाए जाने से विधायक कुशवाह ने बसपा में पुन वापसी की और हाथी की सवारी करना ही उचित समझा। मुरैना जिले की दिमनी सीट चंबल इलाके की सबसे हॉट सीट बनी हुई है, यहां क्षत्रिय और ब्राह्ण की लड़ाई खुलकर सामने आ गई है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, कांग्रेस के मौजूदा विधायक रविन्द्र सिंह तोमर और आप प्रत्याशी सुरेन्द्र सिंह तोमर क्षत्रिय समाज से है, जबकि बीएसपी के उम्मीदवार बलवीर सिंह डण्डोतिया ब्राह्मण वर्ग से है। यहां बसपा के विधानसभा प्रभारी पूर्व सरपंच शकंर सिंह राजौरिया की अहम भूमिका सामने आ रहे है। राजौरिया बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा के गांव से नाते रखते है,2013 के विधानसभा चुनाव में बलवीर सिंह डण्डोतिया दिमनी से बीएसपी प्रत्याशी के रूप में विजयी हुए थे।

क्षत्रिय समाज के वोटर्स बंटने से भाजपा, कांग्रेस को दिमनी में नुकसान हो सकता है। मुरैना विधानसभा सीट पर बीजेपी, कांग्रेस और बसपा से इलेक्शन में खड़े हुए तीनों उम्मीदवार गुर्जर समुदाय से है। यहां बसपा प्रत्याशी की गिनती गुर्जर वर्ग में शिक्षित परिवार के तौर पर होती है। सुमावली विधानसभा में बीजेपी से गुर्जर समाज ,कांग्रेस से कुशवाह और बसपा से क्षत्रिय समाज का प्रत्याशी मतदान में है। पिछले चुनाव में जौरा विधानसभा सीट पर बीएसपी दूसरे नंबर रही थी, यहां कब बाजी पलट जाए कोई कुछ नहीं कह सकता। जौरा पर किसी एक राजनैतिक दल का एकाधिकार नहीं है।यहां पर बीजेपी ने उपचुनाव मे जीते मौजूदा विधायक सूबेदार सिंह रजौधा पर जो क्षत्रिय समाज से ,कांग्रेस ने ब्राह्ण वर्ग से पंकज उपाध्याय और बीएसपी से सोनेराम कुशवाह चुनावी मैदान में है। जो 1993 में बीएसपी प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज कर चुके है। सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशी चयन को लेकर बीजेपी पर परिवारवाद का आरोप लगता रहा है। जबकि कांग्रेस के बैजनाथ कुशवाह मौजूदा विधायक है, यहां भी बीएसपी बीजेपी और कांग्रेस के लिए मुसीबत खड़ी कर रही है। वैसे आपको बता दें मुरैना जिले की सभी सीटों पर बीएसपी ने कभी ना कभी जीत दर्ज की है। ग्वालियर पूर्व सीट, ग्वालियर दक्षिण और ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा सीट पर बसपा प्रत्याशी मजबूत स्थिति में है।

ग्वालियर चंबल में बीएसपी के चुनावी समीकरण को लेकर हमारे संवाददाता ने बीएसपी प्रदेशाध्यक्ष इंजी रमाकांत पिप्पल से बात की , पिप्पल ने बताया कि 14 नवंबर को बसपा प्रमुख मायावती की मुरैना शहर में महारैली का आयोजन है। बहनजी की रैली से एक बार फिर इलाके की जनता का रूख बसपा की ओर होगा। ग्वालियर चंबल की सभी सीटों पर बसपा मजबूती से चुनाव लड़ रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के नेतृत्व में हमारे सभी स्थानीय नेता, कार्यकर्ता और जनता एकजुटता से एकसाथ एक आवाज में चुनाव लड़ रहे है। गरीब मतदाता जानते है कि संविधान बचाने की असली लड़ाई बीएसपी ही लड़ रही है। बीएसपी सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय पर भरोसा करती है। इसलिए अबकी बार जनता हाथी का साथ दे रही है। पिप्पल ने आगे बताया कि बीएसपी चंबल के साथ साथ शिवपुरी, विंध्य और बालाघाट की सीटों पर मजबूत स्थिति में है।

Created On :   13 Nov 2023 11:52 AM GMT

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