भारत रत्न का सम्मान: केंद्र सरकार ने किया बड़ा एलान, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को किया जाएगा भारत रत्न से सम्मानित

केंद्र सरकार ने किया बड़ा एलान, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को किया जाएगा भारत रत्न से सम्मानित
  • बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और स्वतंत्रता सेनानी रहे हैं कर्पूरी ठाकुर
  • कल उनकी 100वीं जयंती पर किया जाएगा भारत रत्न से सम्मानित

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और स्वतंत्रता सेनानी कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का एलान किया है। पिछड़े वर्गों के हितों की वकालत करने वाले स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर को उनकी जयंती (24 जनवरी) पर मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। साल 1924 में पैदा हुए कर्पूरी ठाकुर की कल यानि की बुधवार को 100वीं जयंती है। आज से करीब 36 साल पहले 17 फरवरी साल 1988 में कर्पूरी ठाकुर का निधन हुआ था। कर्पूरी ठाकुर बिहार की राजनीति में बहुत बड़ा नाम थे। वह बिहार के दूसरे उपमुख्यमंत्री थे। जबकि उन्होंने दो बार राज्य के मुख्यमंत्री का पद भी संभाला था।

जेडीयू ने जताया अभार

बता दें कि जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने की मांग की थी। जिसके बाद उनकी 100वीं जयंती से कुछ ही घंटे पहले इस संबंध में राष्ट्रपति भवन की ओर से बयान जारी करके इसका एलान किया गया। इस एलान के बाद जेडीयू ने मोदी सरकार का आभार जताया है।

बेटे ने भी किया अभार

अपने पिता कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न दिए जाने के एलान के बाद बेटे रामनाथ ठाकुर ने कहा "हमें 36 साल की तपस्या का फल मिला है। मैं अपने परिवार और बिहार के 15 करोड़ो लोगों की तरफ से सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं।"

कौन थे कर्पूरी ठाकुर?

कर्पूरी ठाकुर का जन्म 24 जनवरी साल 1924 में समस्तीपुर जिले के पितौझिया गांव में हुआ था। महज 16 साल की उम्र में साल 1940 में वह स्वतंत्रता की लड़ाई में उतर आए थे। इसके करीब दो साल बाद 1942 में कर्पूरी ठाकुर ने महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में हिस्सा लिया। इसकी वजह से उन्हें जेल की हवा भी खानी पड़ी थी। लगभग तीन साल बाद 1945 वह जेल से बाहर आए और धीरे-धीरे समाजवादी आंदोलन का मुख्य चेहरा बन गए। इस आंदोलन का उद्देश्य अंग्रेजों से आजादी के साथ-साथ देश में जातीय व सामाजिक भेदभाव से भी आजादी पाना था।

आजादी के बाद राजनीति में एंट्री

देश को आजादी दिलाने के बाद कर्पूरी ठाकुर ने राजनीति में एंट्री मारी थी। साल 1952 में वह ताजपुर विधानसभा क्षेत्र से सोशलिस्ट पार्टी की ओर से पहली बार विधायक बने थे। साल 1967 में कर्पूरी ठाकुर के नेतृत्व में संयुक्त सोसलिस्ट पार्टी बिहार में अपनी सरकार बनाने वाली पहली गैर-कांग्रेस पार्टी बनी। इसके बाद महामाया प्रसाद सिन्हा मुख्यमंत्री और कर्पूरी ठाकुर उपमुख्यमंत्री बने। लेकिन फिर बिहार की राजनीति ने ऐसी करवट बदली कि कर्पूरी ठाकुर राज्य के मुख्यमंत्री बन गए। उन्होंने अपने कार्यकाल में कई ऐसा कार्य किए जिनके लिए आज भी याद किया जाता है।

Created On :   23 Jan 2024 2:40 PM GMT

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