2024 में विपक्ष की कमान संभालने के लिए कांग्रेस की रणनीति, जानें क्या है फॉर्मूला?
- 2024 के लिए कांग्रेस का फॉर्मूला
- विपक्ष को एकजुट करना पार्टी की रणनीति
- पार्टी की रणनीति में खड़गे का रहेगा अहम योगदान
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक का किला कांग्रेस ने फतह कर लिया है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली जीत के पीछे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का बड़ा रोल है। हिमाचल के बाद कर्नाटक में भी खड़गे का फॉर्मूला सही साबित हुआ है। सूत्र भी इसी ओर इशारा कर रहे हैं। पार्टी इसी फॉर्मूले को अन्य राज्यों के आगामी विधानसभा चुनाव में आजमाना चाहती है। इसी सिलसिले में कांग्रेस विपक्षी दलों की एक मीटिंग बुलाने वाली है। गौरतलब है कि खड़गे के आवास पर सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मुलाकात की।
कांग्रेस की रणनीति
इस मीटिंग के बाद कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने विपक्ष के सभी नेताओं के साथ बैठक होने के बात कही। वेणुगोपाल ने बताया कि जल्द ही विपक्ष के सभी नेता एक मंच पर दिखाई देंगे। उन्होंने कहा कि मीटिंग की तारीख और स्थान के बारे में भी जल्द ही सूचना दी जाएगी। विपक्ष में खुद को लीडर के तौर पर स्थापित करने के लिए कांग्रेस ने अगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज कर दी है। बता दें कि इस साल के अंत तक मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने वाला है। जहां कांग्रेस का दबदबा बहुत ज्यादा है।
अगर पार्टी राजस्थान और छत्तीसगढ़ में खुद को एक बार फिर से स्थापित कर लेती है। साथ ही पार्टी मध्य प्रदेश में भी अपनी सरकार बना लेती है तो अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में इसका असर देखने को मिलेगा। कर्नाटक में मिली एकतरफा जीत से कांग्रेस खेमा गदगद है। पार्टी इसे आगामी विधानसभा चुनाव और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए भी एक अवसर की तरह देख रही है। यहीं वजह है कि कांग्रेस की तरफ से विपक्ष को एकजुट करने की तैयारी शुरू कर दी है।
जीत और बस जीत पार्टी के लिए विकल्प
खास बात यह है कि कुछ दिन पहले अन्य दल कांग्रेस को इतना भाव नहीं दे रही थी। लेकिन फिर कांग्रेस को कर्नाटक में जीत मिली। इसके बाद कांग्रेस अचानक केद्र की सियासत में अहम किरदार में आ गई। कर्नाटक में कांग्रेस की जीत का परिणाम यह है कि ममता बनर्जी के सुर पार्टी के लिए अब बदलते हुए दिखाई दे रहे हैं। शरद पवार ने भी इस जीत को संपूर्ण विपक्ष की जीत बताते रहे हैं। ऐसे में अगर पार्टी खुद को स्थापित करना चाहती है तो उसे आने वाले विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करना ही होगा। तभी कांग्रेस को विपक्ष की कमान मिल सकती है।
Created On :   22 May 2023 10:14 PM IST