बिहार विधानसभा चुनाव 2025: दरौली विधानसभा सीट पर CPI(ML) का वर्चस्व बरकरार

डिजिटल डेस्क, पटना। 243 विधानसभा सीट वाले बिहार में दरौली विधानसभा सिवान जिले में आती है। सीट एससी आरक्षित सीट है। 1951 में स्थापित दरौली विधानसभा क्षेत्र शुरु में सामान्य सीट थी, लेकिन 2008 के परिसीमन के बाद इसे एससी के आरक्षित किया गया। अब तक दरौली में 17 बार विधानसभा चुनाव हुए है। दरौली में वाम और दक्षिणपंथी विचारधारा वाले दलों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलता है। दरौली में 14.49% एससी, 4.54% एसटी, जबकि साढ़े छह फीसदी मुस्लिम वोटर्स है। दरौली पूरी तरह ग्रामीण क्षेत्र है- यहां कोई भी शहरी वोटर्स नहीं है।
दरौली विधानसभा सीट पर राजनीतिक रूप से वामपंथी ताकतों का अधिक प्रभाव है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (लिबरेशन) यानी CPI(ML)(L) ने यहां से पांच बार जीत हासिल की है, जबकि कांग्रेस को चार बार, भारतीय जनसंघ और बीजेपी ने मिलकर तीन बार जीता है। जनता पार्टी, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, लोकदल, जनता दल और आरजेडी ने भी एक-एक बार इस सीट पर कब्जा जमाया है।
1995 , 2015 व 2020 में CPI(ML)(L) जीता, यानि परिसीमन के बाद भी सीपीआई एमएलएल का प्रभाव बरकरार रहा। जबकि 2010 में बीजेपी की जीत हुई। सीपीआईएमएलएल की दरौली में मजबूत स्थिति तो है, लेकिन बीजेपी आज भी उसकी वर्चस्व की स्थिति को चुनौती दे रही है।
जमीन के अधिक उपजाऊ होने के चलते दरौली की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि है। बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है, रोजगार की कमी के कारण हजारों लोग यहां से पलायन कर जाते है। अबकी चुनाव में कड़ा मुकाबला होने जा रहा है। दरौली का यह विधानसभा चुनाव वाम और दक्षिणपंथ के बीच टकराव को दिखाएगा, बल्कि यह भी तय करेगा कि बिहार की ग्रामीण राजनीति में किसका वर्चस्व आगे कायम रहेगा।
बिहार में दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को वोटिंग होगी, नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। आज 17 नवंबर को पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख है। दूसरे चरण के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 20 अक्टूबर रही।
Created On :   28 Oct 2025 2:42 PM IST












