मानसून सत्र: दोनों सदनों में उठी SIR पर चर्चा की मांग, DMK सांसद तिरुचि शिवा ने राज्यसभा में कार्य स्थगन नोटिस दिया

- ऑपरेशन सिंदूर के बाद बिहार एसआईआर पर दोनों सदनों में हंगामा
- विपक्ष की बात ही नहीं सुनना चाहता सत्तापक्ष -माझी
- सदन में चर्चा करें, हमारे सवालों को स्पष्ट करें, हमें विश्वास में लें- कांग्रेस
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र चल रहा है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद बिहार एसआईआर पर दोनों सदनों में शोर गुल मचा हुआ है। DMK सांसद तिरुचि शिवा ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत राज्यसभा में कार्य स्थगन नोटिस दिया है।
जेएमएम सांसद महुआ माझी ने SIR के मुद्दे पर कहा, SIR के मुद्दे को लेकर विपक्ष लगातार कोशिश कर रहा है कि उस पर(सदन में) बहस होनी चाहिए लेकिन उसपर बात नहीं हो रही है। हम रोज इसको लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। मुझे लगता है कि सत्तापक्ष विपक्ष की बात ही नहीं सुनना चाहता और वो ही नहीं चाहते कि सदन ठीक से चले।
सांसद महुआ माझी ने आगे कहा SIR के मुद्दे पर आज सदन स्थगित हुआ। यह मुद्दा बहुत गंभीर है। हम विपक्षी पार्टियां चाहते हैं कि बिहार में जो हो रहा है वैसा महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल या झारखंड के साथ ना हो। क्योंकि जिन लोगों को खारिज किया जा रहा है, उन्हीं लोगों के मत से लोकसभा चुनाव किया गया। उस समय तो उनके मतों को निरस्त नहीं किया गया। वहीं बिहार के बहुत सारे मजदूर जो पूरे देश में मजदूरी करने जाते हैं, उन्हें उनके दस्तावेज दिखाने तक का समय नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में थोड़ा समय बढ़ाया जाना चाहिए और उन्हें अपने आप को साबित करने का समय देना चाहिए।
कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने SIR पर कहा विपक्ष दोनों सदनों में SIR पर चर्चा की मांग कर रहा है। हमें पारदर्शिता पर संदेह है। आप कह रहे हैं कि 65 लाख में से 36 लाख लोग लापता हैं। हम चाहते हैं कि अगर चुनाव आयोग पारदर्शिता बरत रहा है और सरकार को भरोसा है तो सदन में इस पर चर्चा करें, हमारे सवालों को स्पष्ट करें, हमें विश्वास में लें। अगर मतदाताओं के अधिकार छीने जाएंगे तो हम चुप कैसे बैठ सकते हैं।
RJD सांसद मनोज झा ने SIR पर कहा, देश और ख़ासकर बिहार के लिए इस समय सबसे गंभीर मुद्दा SIR है। विशेष गहन पुनरीक्षण को विशेष गहन विलोपन में बदल दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद, चुनाव आयोग इस प्रक्रिया में आधार कार्ड को शामिल नहीं कर रहा है। पता नहीं चुनाव आयोग को क्या स्क्रिप्ट थमा दी गई है। हमने इस पर चर्चा की मांग की थी। सदन और वेल के बीच तिहाड़ जेल जैसी बैरिकेडिंग कर दी गई। हमने ऐसा पहले कभी नहीं देखा था। SIR, 'वोटबंदी' का दूसरा नाम है।
Created On :   1 Aug 2025 6:19 PM IST