राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023: सचिन पायलट के गढ़ में बीजेपी और AIMIM की एंट्री! नए चुनाव प्रभारी की नियुक्ति कर समीकरण बदलने में लगी भाजपा, बढ़ सकती है कांग्रेस नेता की मुश्किल

सचिन पायलट के गढ़ में बीजेपी और AIMIM की एंट्री! नए चुनाव प्रभारी की नियुक्ति कर समीकरण बदलने में लगी भाजपा, बढ़ सकती है कांग्रेस नेता की मुश्किल
  • पायलट की बढ़ सकती है मुश्किल
  • टोंक विधानसभा पर बीजेपी की खास नजर

डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी एवं कांग्रेस अपनी-अपनी कमर कस चुकी हैं। प्रदेश में हमेशा से ही दोनों पार्टियों में चुनावी तकरार होता रहा है लेकिन इस बार तीसरा मोर्चा खड़ा होता हुआ दिखाई दे रहा है। जी हां, एआईएमआईएम इस बार अपनी किस्मत राजस्थान विधानसभा चुनाव में अजमाने जा रही है। हाल ही में पार्टी के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने घोषणा की थी कि पार्टी राजस्थान विस चुनाव लड़ेंगी और बीजेपी और कांग्रेस को कड़ी टक्कर देने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

जानकारी के मुताबिक, ओवैसी की पार्टी राजस्थान के उन 40 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी जहां मुस्लिम वोटर्स की संख्या अधिक है ताकि ज्यादा से ज्यादा फायदा मिल सके। उन्हीं सीट में से एक टोंक विधानसभा सीट भी है जहां मुस्लिम वोटर्स की संख्या कुल मतदाताओं की संख्या में से आधा है जो जीत एवं हार का फैसला बड़े ही आसानी से कर सकते हैं। इस सीट को लेकर खासा चर्चा इसलिए भी है क्योंकि इस क्षेत्र से कांग्रेस के दिग्गज नेता पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट विधायक हैं। असदुद्दीन ओवैसी के अलावा इस विधानसभा सीट पर बीजेपी की भी खास नजर है। हाल ही में बीजेपी ने इस किले में सेंध लगाने के लिए भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी को टोंक जिले का चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है, जो पायलट के लिए नई मुसीबत बन सकता है।

टोंक जिले का चुनाव प्रभारी बिधूड़ी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, टोंक विधानसभा में मतदाताओं की संख्या करीब 2 लाख हैं। जिनमें से आधे मुस्लिम और गुर्जर समुदाय से आते हैं। इसी का ख्याल रखते हुए ओवैसी टोंक विधानसभा पर अपनी नजर बनाए हुए हैं। जबकि बीजेपी ने बिधूड़ी को टोंक जिले का चुनाव प्रभारी बनाकर एआईएमआईएम और कांग्रेस को ये बताने की कोशिश की है कि आने वाले चुनाव में यहां जीत दर्ज करना इतना आसान नहीं होगा। रमेश बिधूड़ी जाट समुदाय से आते हैं और आधे से ज्यादा मतदाता इसी समुदाय से आते हैं। साथ ही प्रदेश के 200 विधानसभा सीटों में से 40 सीटों पर गुर्जर समुदाय का अच्छा-खासा प्रभाव है जो बिधूड़ी के आने से बीजेपी को फायदा मिल सकता है।

टोंक पर त्रिकोणीय मुकाबला

राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, रमेश बिधूड़ी टोंक समेत राजस्थान के गुर्जर समुदाय को साधने में जुटी है। एक तीर से बीजेपी दो शिकार करना चाहती है। सियासत के जानकारों का कहना है कि, आगामी विधानसभा चुनाव तो दिलचस्प होगा ही साथ ही टोंक विधानसभा पर पेंच भी फंस सकता है क्योंकि कांग्रेस के मौजूदा विधायक सचिन पायलट का भी दबदबा कमाल का है लेकिन ओवैसी और बिधूड़ी के आ जाने से त्रिकोणीय मुकाबला होता हुआ दिखाई दे रहा है।

पिछले चुनाव का क्या रहा आकड़ा?

साल 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान टोंक विधानसभा पर कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने बड़ी जीत दर्ज की थी। उस समय उन्हें 1 लाख 9 हजार वोट मिले थे। जबकि बीजेपी के प्रत्याशी यूनूस खान को 54 हजार 841 वोट ही हासिल हुए थे। सचिन पायलट भी गुर्जर समुदाय से आते हैं लेकिन मुस्लिम समुदाय के लोगों ने उन्हें भरभर कर वोट किया था। जिसकी वजह से बीजेपी को यहां हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन इस बार की स्थिति बदलती हुई नजर आ रही है।

Created On :   29 Sep 2023 5:42 AM GMT

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