GST Reforms: 'राहुल गांधी ने GST सुधार को कहा गब्बर सिंह टैक्स' जानिए विपक्ष ने पीएम मोदी की टैक्स नीति को लेकर क्या कहा?

राहुल गांधी ने GST सुधार को कहा गब्बर सिंह टैक्स जानिए विपक्ष ने पीएम मोदी की टैक्स नीति को लेकर क्या कहा?
  • पीएम मोदी ने यह फैसला लेकर देश के साथ किया विश्वासघात
  • यह नहीं है कोई ऐतिहासिक फैसला
  • वोट चोरी के मुद्दे को इस फैसले से धोने का कर रहे प्रयास

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ा फैसला लिया है। जीएसटी रेट में बदलाव करते हुए 12 फीसदी और 28 प्रतिशत स्लैब को खत्म कर दिया है। अब सिर्फ 5% और 18% के स्लैब होंगे। इसको लेकर बीजेपी नेता लगातार बढ़ाई कर रहे है। वहीं, विपक्षी नेता इसकी अलोचन करते हुए नजर आ रहे हैं। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस निर्यण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसा है।

देश के साथ किया विश्वासघात

पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने सोशल साइट एक्स पर कहा, "राहुल गांधी ने इसे (GST) गब्बर सिंह टैक्स कहा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे वन नेशन वन टैक्स कहकर देश के साथ विश्वासघात किया, लेकिन यह टैक्स 5 स्लैब में वसूला गया। इस टैक्स की वजह से छोटे व्यापारी सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। विपक्ष हमेशा इसके खिलाफ था। सरकार आखिरकार जागी है लेकिन ऐसा इसलिए है क्योंकि बिहार चुनाव करीब हैं।"

सिर्फ होना चाहिए दो टैक्स स्लैब

दिल्ली की कांग्रेस नेत्री शमा मोहम्मद ने केंद्र सरकार के इस फैसले पर कहा, "यह कोई ऐतिहासिक फैसला नहीं है। राहुल गांधी ने हमेशा 5 टैक्स स्लैब पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने हमेशा कहा कि केवल 2 टैक्स स्लैब होने चाहिए। दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर 5% टैक्स क्यों था? सीमेंट पर 28% टैक्स क्यों था? जैसा कि हम सभी कहते हैं, राहुल गांधी जो कहते हैं वह सही है और सरकार उनके सुझावों को स्वीकार करने में समय लेती है।"

नाकामियों को छिपाना

उत्तर प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष अजय राज ने जीएसटी सुधार पर बीजेपी की नाकामियों को छिपाना बताया है। उन्होंने कहा, "यह सरकार(भाजपा) केवल अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए बड़ी-बड़ी बात कर रही है। आज देश में वोट चोरी का मुद्दा सबसे बड़ा है। ये लोग इस दाग को धोने का प्रयास कर रहे हैं।"

हमने हमेशा एक ही दर की वकालत

पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा, "मैं कटौती का स्वागत करता हूं। दूसरी सच्चाई यह है कि यह 8 साल की देरी से किया गया है। हमने हमेशा एक ही दर की वकालत की है, जिसमें थोड़ा बहुत अंतर या घट-बढ़ हो। यह उनकी 6 या 7 दरों की तुलना में एक बड़ी प्रगति है। समय के साथ, मेरा मानना ​​है कि यह एक ही दर पर आ जाएगी।"

Created On :   5 Sept 2025 12:57 AM IST

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