बिहार विधानसभा चुनाव 2025: जानिए राजनीतिक उठापटक वाले महुआ विधानसभा क्षेत्र की अनोखी कहानी, दस साल बाद भी नीतीश को है पछतावा हैं

डिजिटल डेस्क, पटना। महुआ विधानसभा सीट बिहार के वैशाली जिले में आती है। जबकि संसदीय क्षेत्र हाजीपुर है। यहां से लोकसभा चुनाव में एलजेपी आर का उम्मीदवार चिराग पासवान निर्वाचित हुए। इस लिहाज से महुआ विधानसभा क्षेत्र में कौन कब बाजी मार जाए, कुछ निश्चित नहीं कहा जा सकता । सीट पर सभी राजनीतिक दलों की पकड़ मजबूत है। महुआ क्षेत्र का नाम यहां प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाले महुआ वृक्षों के कारण पड़ा। महुआ अपनी समृद्ध कृषि भूमि, महुआ वृक्षों और राजनीतिक उठापटक के लिए जाना जाता है। अब देखना है कि 2025 के विधानसभा चुनाव में महुआ से कौन बाजी मारता है।
महुआ, गंगा के मैदानी क्षेत्र में स्थित होने के कारण महुआ की भूमि अत्यंत उपजाऊ है और कृषि यहां की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. कृषि आधारित लघु उद्योगों, हस्तशिल्प और कुटीर उद्योगों का भी स्थानीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है।
1951 में विधानसभा के रूप में स्थापित हुए महुआ का राजनीतिक इतिहास धुंधला हुआ है। 1952, 1957 और 1962 के पहले तीन चुनावों के बाद महुआ निर्वाचन क्षेत्र इलेक्ट्रोरल मैप से ही गायब हो गया। आश्चर्य की बात यह है कि इस एक दशक में महुआ विधानसभा क्षेत्र कहां गायब हो गया, इसकी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है, ना ही कोई रिकॉर्ड है। 1977 में महुआ क्षेत्र दोबारा अस्तित्व में आया।
आपको बता दें राज्य और केंद्र में दोनों जगह कांग्रेस सत्ता में आई तब महुआ सीट को भंग कर दिया था। 1977 में इसके पुनः अस्तित्व में आने के बाद कांग्रेस को कभी जीत नसीब नहीं हुई। इसके बाद हुए 11 चुनावों में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने पांच बार, जनता पार्टी और जनता दल ने दो-दो बार तथा लोक दल और जद(यू) ने एक-एक बार जीत हासिल की।
महागठबंधन में शामिल होकर जेडीयू ने 2015 में इस सीट को आरजेडी को दे दिया था, जहां से लालू प्रसाद यादव के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव विधानसभा पहुंचे थे। जिसका जेडीयू को आज तक पछतावा है। महुआ विधानसभा सीट से 2020 में आरजेडी के मुकेश कुमार रौशन ने चुनाव जीता है। इससे पहले 2015 में भी आरजेडी के तेजप्रताप यादव ने यहां से जीत हासिल की थी। 2010 में जेडीयू के रविंद्र राय जबकि 2005 में बीजेपी के कृष्णा कुमार रिषी निर्वाचित हुए।
महुआ में यादव वोटर्स निर्णायक भूमिका में होते है। यहां 21.17 फीसदी एससी और 15.10 फीसदी मुस्लिम वोटर्स है, जो चुनाव के नतीजे को किसी भी तरफ मोड़ सकते है। इस बार नीतीश और चिराग बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन में है, जबकि आरजेडी कांग्रेस के साथ इंडिया गठबंधन में है। अब देखना ये है कि एनडीए और इंडिया से यहां कौन चुनाावी मैदान में उतरेगा।
Created On :   10 Oct 2025 2:58 PM IST












