क्या है मोदी सरकार की चीन को लेकर DDLJ नीति!: जिस पर निशाना लगाने से थक नहीं रही कांग्रेस, समझें जयराम रमेश के इन 8 सवालों से

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस के दिग्गज नेता जयराम रमेश ने चीन के साथ सीमा विवाद को सुलझाने के तरीके पर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है। इस संबंध में उन्होंने एक्स पर पोस्ट भी किया है। उन्होंने कहा है कि 15 जून 2020 को गलवान में जब हमारे 20 बहादुर सैनिक शहीद हुए तभी से हर देशभक्त भारतीय के मन में कुछ जरूरी सवाल उठ रहे हैं।
जयराम रमेश ने केंद्र सरकार पर उठाए तीखे सवाल
इसके अलावा जयराम रमेश ने कहा है कि बीते 5 सालों में मोदी सरकार ने इन सवालों के जवाब देने के बजाय सच्चाई को छुपाने और भटकाने की नीति अपनाई है, जिसे हम DDLJ कह सकते हैं। DDLJ का मतलब समझाते हुए उन्होंने लिखा, Deny (इनकार), Distract (ध्यान भटकाओ), Lie (झूठ बोलो) और Justify (सफाई दो)
* 19 जून 2020 को यानी गलवान में हमारे सैनिकों की शहादत के महज चार दिन बाद प्रधानमंत्री ने यह क्यों कहा कि 'ना कोई हमारी सीमा में घुस आया है, ना ही कोई घुसा हुआ है?' क्या यह चीन को दी गई क्लीन चिट नहीं थी?
* सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा है कि हम अप्रैल 2020 की यथास्थिति पर लौटना चाहते हैं। क्या 21 अक्टूबर 2024 को हुआ वापसी समझौता हमें वास्तव में उसी यथास्थिति पर ले जाता है?
* क्या यह सच नहीं है कि आज भारतीय गश्त दलों को डेपसांग, डेमचोक और चुमार में अपने ही पेट्रोलिंग प्वाइंट तक जाने के लिए अब चीनी सहमति की जरूरत पड़ती है, जबकि पहले वे भारत के क्षेत्रीय अधिकारों का स्वतंत्र रूप से उपयोग करते थे?
* क्या यह सही नहीं है कि गलवान, हॉट स्प्रिंग और पैंगोंग झील क्षेत्र में भारतीय गश्ती दलों को उन इलाकों तक पहुंचने से 'बफर जोन' के कारण रोका जा रहा है, जबकि ये बफर जोन भारत के दावे की रेखा के भीतर ही स्थित हैं?
* क्या 2020 में यह व्यापक रूप से रिपोर्ट नहीं किया गया था कि पूर्वी लद्दाख का लगभग 1,000 वर्ग किलोमीटर इलाका चीनी नियंत्रण में आ गया है, जिसमें डेपसांग का 900 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र भी शामिल हैं?
मोदी सरकार पर चीन के साथ सांठगांठ करने का आरोप
* क्या यह सच नहीं है कि लेह के पुलिस अधीक्षक ने पुलिस महानिदेशकों के वार्षिक सम्मेलन में एक पेपर प्रस्तुत किया था, जिसमें कहा गया था कि भारत ने पूर्वी लद्दाख में 65 में से 26 पेट्रोलिंग प्वाइंट तक अपनी पहुंच खो दी है?
* क्या यह सच नहीं है कि चीन से आयात तेजी से बढ़ रहा है- विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स, बैटरी और सौर सेल जैसे क्षेत्रों में? भारत का टेलीकॉम, फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर चीनी आयात पर अत्याधिक निर्भर हो गया है? क्या यह भी सही नहीं है कि 2024-25 में चीन के साथ व्यापार घाटा रिकॉर्ड 99।2 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया?
* क्या यह सच नहीं है कि मोदी सरकार आज एक ऐसे देश के साथ रिश्ते सामान्य करने की कोशिश कर रही है, जो ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की सैन्य कार्रवाई में अहम भूमिका निभाया था। उसने पाकिस्तान को J-10C लड़ाकू विमान और हवा से हवा में मार करने वाली PL-15 मिसाइल जैसी हथियार प्रणालियां प्रदान की थीं और जैसा कि 4 जुलाई, 2025 को उप-सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर। सिंह ने कहा था कि भारतीय सैन्य अभियानों पर लाइव इनपुट भी उपलब्ध कराया।
जयराम रमेश ने कहा, "सच्चाई ये है कि मोदी सरकार 1962 के बाद भारत को हुए अब तक के सबसे बड़े भूभाग के नुकसान के लिए जिम्मेदार है। अपनी कायरता और गलत आर्थिक प्राथमिकताओं के चलते वह अब चीन जैसे दुश्मन देश के साथ सब कुछ सामान्य करने की कोशिश कर रही है।"
Created On :   4 Aug 2025 7:49 PM IST