लोकसभा चुनाव 2024: चार राज्यों के विधानसभा चुनाव से होगा लिटमस टेस्ट, पांच साल पहले इन राज्यों में बीजेपी का ये हाल!

लोकसभा चुनाव 2024: चार राज्यों के विधानसभा चुनाव से होगा लिटमस टेस्ट, पांच साल पहले इन राज्यों में बीजेपी का ये हाल!
  • बीजेपी ने की चुनावी तैयारी
  • विधानसभा से लोकसभा चुनाव जीतने की तैयारी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी इस साल के अंत में चार राज्यों के विधानसभा चुनाव को लेकर मथापच्ची करने में लगी हुई है। हाल के दिनों में भाजपा को दो बड़े झटके लगे हैं। पहला पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश के चुनाव में कांग्रेस से हार का मुंह देखना पड़ा। जबकि बीते महीने दक्षिण राज्य कर्नाटक के चुनावी नतीजों में कांग्रेस ने प्रचंड जीत हासिल कर बीजेपी को यह संदेश देने की कोशिश की कि अभी भी उसके 'बाजुओं' में दम है। करीब एक साल के अंदर बीजेपी को 2 महत्वपूर्ण राज्यों के विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा है। लेकिन पार्टी आने वाले चुनाव में किसी तरह का कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है क्योंकि बीजेपी के शीर्ष नेताओं को लगता है कि चार राज्यों के चुनाव साल 2024 के लोकसभा चुनाव की दिशा तय करेंगी।

विस चुनाव को देखते हुए पार्टी के शीर्ष नेता बैठक पर बैठक कर रहे हैं ताकि आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना के चुनाव में बेहतर से बेहतर प्रदर्शन किया जा सके। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, हाल ही में पीएम मोदी ने आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए तमाम बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की थी। जिसमें इन चार राज्यों के विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा हुई थी। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी का सबसे बड़ा फोकस मध्यप्रदेश होने वाला है क्योंकि यहां बीजेपी सत्ता में है। अगर भाजपा सत्ता में यहां नहीं आई तो भगवा पार्टी के लिए 'नाक' का सवाल हो जाएगा। कहा तो यह भी जा रहा है कि अगर मोदी के नेतृत्व में बीजेपी एमपी विधानसभा चुनाव 2023 में हार जाती है तो इससे प्रधानमंत्री की लोकप्रियता पर सीधा असर पड़ेगा। साथ ही विपक्ष भी इसे मुद्दा बनाने की कोशिश करेगा, जो बीजेपी विपक्ष को मौका नहीं देना चाहती है।

तीन राज्य, दो प्रमुख पार्टियों में लड़ाई

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत पर कांग्रेसी नेता पहले ऐसे सवाल उठा चुके हैं। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा था कि अगर बीजेपी कर्नाटक जीत जाती है तो मोदी की लोकप्रियता का कमाल है, वहीं हार गई तो भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की गलती है। इसी बात का ख्याल रखते हुए बीजेपी कोई भी मौका विपक्ष को नहीं देना चाहती कि वो पीएम की साख पर सवाल खड़ा कर सके। इसी को देखते हुए चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में बीजेपी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है। खास करके बीजेपी की नजर मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव पर है ताकि कांग्रेस को किसी प्रकार का कोई मौका न दिया जा सके।

कर्नाटक की तरह ही बीजेपी-कांग्रेस की टक्कर मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में होने वाली है। अगर हम बता करें तेलंगाना में तो दोनों ही पार्टियों की स्थिति खास्ता ही है। लेकिन दोनों पार्टियों को बखूबी पता है कि तेलंगाना पर कम फोकस कर तीनों राज्यों में अगर जीत हासिल कर ली जाए तो उसकी भरपाई आसानी से की जा सकती है।

मध्यप्रदेश

मध्यप्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। जिसमें कांग्रेस-बीजेपी दोनों ही आमने-सामने होगी। कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए चुनावी बिगुल फूंकने जा रही है। दरअसल, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी 12 जून को जबलपुर में एक जनसभा को संबोधित करने वाली हैं। जहां एक लाख लोगों की पहुंचने की उम्मीद जताई गई है। प्रियंका गांधी से पहुंचने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी भोपाल का दौरा कर चुके हैं। हाल ही में पीएम मोदी ने प्रदेश को वंदे भारत ट्रेन की सौगात दी थी। पीएम के इस दौरे ने प्रदेश की सियासत को गरमाने का काम किया था।

विधानसभा चुनाव को देख भाजपा भी कमर कसती हुई दिखाई दे रही है। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, कांग्रेस इस बार साल 2018 से भी ज्यादा मजबूत स्थिति में दिखाई दे रही है। अगर कांग्रेस जिस तरह मौजूदा शिवराज सरकार पर हमलावर है। ऐसे ही चुनाव के आखिरी डेट तक डटी रही तो उसके पक्ष में नतीजे आ सकते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, बीजेपी हाईकमान शिवराज सिंह चौहान के 18 साल के कार्यकाल को भांपने में लगी है। स्थानीय नेताओं से बीजेपी यह पता लगाने में लगी हुई है कि कहीं मौजूदा शिवराज सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी तो नहीं है, अगर है तो कैसे कम किया जा सके ताकि पार्टी को विधानसभा चुनाव में कम खामियाजा भुगतना पड़े।

राजस्थान

राजस्थान में बीजेपी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त दिखाई पड़ रही है। बीजेपी के तमाम नेता यह दावा कर रहे हैं कि आने वाले चुनाव में गहलोत सरकार का जाना तय है। बता दें कि, राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की सरकार है। बीजेपी का दावा करना कि वो राजस्थान में सरकार बनाएगी, ये बात राजनीतिक विश्लेषकों के गले नहीं उतर रही है। क्योंकि साढ़े चार साल के कार्यकाल के दौरान गहलोत ने प्रदेश के हर वर्ग को साधने की कोशिश की है। हालांकि, सियासत के जानकारों का कहना है कि, शायद बीजेपी गहलोत-पायलट विवाद से आश्वस्त है। विश्लेषकों का कहना है कि, इन दोनों वरिष्ठ नेताओं के झगड़े का फायदा बीजेपी को ही मिलना है। लेकिन जानकार यह भी कहते हैं कि बीजेपी को अगर राजस्थान का किला फतह करना है तो कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी। वहीं बीजेपी ने राजस्थान विधानसभा चुनाव जीतने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। बीते महीने के 28 तारीख को पीएम मोदी ने अजमेर में एक जननसभा को संबोधित किया था। जहां पर उन्होंने मौजूदा सीएम अशोक गहलोत पर जमकर निशाना साधा था।

छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है लेकिन बीजेपी इसे जीतने की पूरी कोशिश में लगी हुई है। हालांकि, छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार को हटना बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती हो सकती है क्योंकि साढ़े चार साल के कार्यकाल के दौरान सीएम बघेल ने प्रदेश का कायाकल्प करने का काम किया है। सूत्रों की मानें तो, बीजेपी को बघेल सरकार के खिलाफ वैसा कोई ठोस मुद्दा नहीं मिल रहा जिससे वो आगामी चुनाव में उन्हें घेर सके। फिर भी बीजेपी के नेता भूपेश बघेल को घेरते रहे हैं। छत्तीसगढ़ में एक बार फिर कमल खिलाने के लिए बीजेपी की ओर से मास्टरप्लान बनाया जा रहा है ताकि कांग्रेस को सत्ता में आने से रोका जा सके।

तेलंगाना

तेलंगाना में बीजेपी-कांग्रेस किसी भी पार्टी की स्थिति कुछ खास नहीं है। लेकिन कांग्रेस की फिलहाल बीजेपी से ठीक बताई जा रही है। वहीं इस प्रदेश की बागडोर बीआरएस प्रमुख के. चन्द्रशेखर के हाथ में हैं। दक्षिण राज्य की राजनीति को समझने वालों का कहना है कि, ऐसा हो सकता है कि एक बार फिर के. चन्द्रशेखर ही सत्ता पर काबिज हो क्योंकि इनके कंपैरिजन में देखें तो ना ही कोई क्षेत्रीय पार्टी मजबूत स्थिति में दिख रही है, जो कड़ी टक्कर दे सके। भाजपा-कांग्रेस अभी इतनी मजबूत नहीं हो पाई हैं कि वो अचानक केसीआर को सत्ता से उखाड़ फेंक सके।

साल 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजे

दरअसल, चार राज्यों पर बीजेपी की नजर विधानसभा को लेकर हैं ही, साथ ही वो साल 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए भी जमीन तैयारी कर रही है ताकि एक तीर से दो निशाना लगाया जा सके। बता दें कि, इन चारों राज्यों में लोकसभा की 82 सीट हैं। जो काफी बड़ा आंकड़ा हैं अगर भाजपा इन सीटों में से आधे से ज्यादा सीटों पर भी जीत हासिल कर लेती है तो आम चुनाव में उसे बड़ी राहत मिल सकती है।

राज्य

भाजपा की जीत

कांग्रेस की जीत

अन्य

कुल सीट

मध्यप्रदेश

28

1

0

29

राजस्थान

25

0

0

25

तेलंगाना

4

3

10

17

छत्तीसगढ़

10

0

1

11

हम अगर इन चारों राज्यों में भाजपा की साल 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन को देखें तो काफी शानदार रहा है। चारों राज्यों को कुल 82 लोकसभा सीटों पर बीजेपी ने 67 सीटों पर जीत हासिल की थी। इसी को देखते हुए ,पार्टी एक बार फिर वही साल 2024 का प्रदर्शन दोहराना चाहती है ताकि एक बार फिर से केंद्र की सत्ता पर काबिज हो जाए।

Created On :   8 Jun 2023 10:36 AM GMT

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