बिहार विधानसभा चुनाव 2025: मुस्लिम बहुल बिस्फी विधानसभा सीट पर पिछले चुनाव में बीजेपी को मिली थी ऐतिहासिक जीत, अबकी बार पक्ष-विपक्ष में कड़ा मुकाबला

मुस्लिम बहुल बिस्फी विधानसभा सीट पर पिछले चुनाव में बीजेपी को मिली थी ऐतिहासिक जीत, अबकी बार पक्ष-विपक्ष में कड़ा मुकाबला
1967 में स्थापित बिस्फी विधानसभा सीट पर अब तक यहां 14 विधानसभा चुनाव हुए हैं, जिनमें से 5 बार सीपीआई, 4 बार कांग्रेस, आरेजडी और निर्दलीय उम्मीदवारों को 2-2 बार जीत मिली है। 2020 में पहली बार बीजेपी को जीत नसीब हुई थी। 2010 और 2015 में आरजेडी ने चुनाव जीता था।

डिजिटल डेस्क, पटना। 243 विधानसभा सीट वाले बिहार में बिस्फी विधानसभा क्षेत्र मधुबनी जिले में आती है। बिस्फी क्षेत्र मिथिला की सांस्कृतिक परंपरा से गहराई से जुड़ा हुआ है। बिस्फी मैथिली बौद्धिक परंपरा का प्रमुख केंद्र है।

1967 में स्थापित बिस्फी विधानसभा सीट पर अब तक यहां 14 विधानसभा चुनाव हुए हैं, जिनमें से 5 बार सीपीआई, 4 बार कांग्रेस, आरेजडी और निर्दलीय उम्मीदवारों को 2-2 बार जीत मिली है। 2020 में पहली बार बीजेपी को जीत नसीब हुई थी। 2010 और 2015 में आरजेडी ने चुनाव जीता था।

बिस्फी में करीब एक-तिहाई वोटर मुस्लिम समुदाय हैं, इस लिहाज से बीजेपी की जीत को ऐतिहासित जीत माना गया। बिस्फी में 31% मुस्लिम वोटर,11.02% एससी वोटर्स है। बिस्फी विधानसभा क्षेत्र पूरी तरह ग्रामीण क्षेत्र है, यहां शहरी वोटर्स शून्य हैं।

बिस्फी की भूमि समतल और उपजाऊ है, यहां के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि है। लेकिन सिंचाई की कमी के कारण किसान अब भी मानसून पर निर्भर रहते हैं। बाढ़ भी सबसे बड़ी समस्या है। सड़क, स्कूल और स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल स्थित में है। बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के चलते यहां के अधिकतर युवा पलायन कर जाते हैं। भले ही भाजपा ने कुछ समय से इलाके के वोटर्स के बीच मजबूत पकड़ बनाई हो, लेकिन अबकी चुनाव में पक्ष-विपक्ष के बीच कांटे टक्कर देखने को मिल रही है।

बिहार में दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को वोटिंग होगी, नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। आज 17 नवंबर को पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख है। दूसरे चरण के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 20 अक्टूबर है।

Created On :   26 Oct 2025 1:30 PM IST

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