चुनाव की आहट के बीच कोरोना के जाल में फंसा अमेरिका

America trapped in Coronas trap amid election call
चुनाव की आहट के बीच कोरोना के जाल में फंसा अमेरिका
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बीजिंग, 5 सितंबर (आईएएनएस)। अमेरिका में पिछले कई महीनों से कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप जारी है। लेकिन ट्रंप प्रशासन द्वारा त्वरित कदम न उठाए जाने से महामारी विकराल रूप लेती जा रही है। अगर चुनावों तक वैक्सीन तैयार नहीं हो पायी तो समूचे अमेरिका के लिए बहुत बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है। वायरस की रोकथाम में ढिलाई बरतने को लेकर व्हाइट हाउस की हर तरफ आलोचना हो रही है। क्योंकि इस मुद्दे को एक स्वास्थ्य संकट की तरह निपटने के बजाय अमेरिका ने इसे राजनीतिक मसला बना रखा है।

अमेरिका के तमाम स्वास्थ्य विशेषज्ञ कई बार चेतावनी दे चुके हैं कि ट्रंप सरकार को इस वायरस को गंभीरता से लेना चाहिए और इसका प्रसार रोकने के लिए समुचित उपाय किए जाने की जरूरत है। बावजूद इसके अमेरिका की जिम्मेदार एजेंसियों का रवैया नहीं बदल रहा है।

गौरतलब है कि छह महीने पहले, व्हाइट हाउस ने दावा किया था कि, जो कोई भी कोविड टेस्ट करवाना चाहता है वह ऐसा कर सकता है। लेकिन अब अमेरिकी सरकार अपने पूर्ववर्ती बयान से पलट गयी है, अब सिर्फ बुजुर्ग और स्कूली बच्चों से ही टेस्ट करवाने को कहा जा रहा है। दावा है कि जिन्हें सबसे अधिक जरूरत हो वे ही वायरस संबंधी परीक्षण करवाएं।

अमेरिका के रुख में आए बदलाव का अंदाजा व्हाइट हाउस के मेडिकल सलाहकार स्कॉट एटलस के बयान से साफ हो जाता है। उनका कहना है कि बुजुर्गों को बचाने के लिए व्यापक प्रयास किये जा रहे हैं।

न्यूज वेबसाइट पॉलिटिको के मुताबिक, अमेरिका ने एबॉट लैब से 150 मिलियन डॉलर की कीमत में एंटीजन टेस्ट खरीदे हैं। लेकिन अमेरिकी प्रशासन चाहता है कि टेस्ट्स का इस्तेमाल स्कूलों और अन्य जरूरी जगहों पर किया जाए। उसका इरादा आम लोगों के परीक्षण करने का नहीं है। लेकिन स्वास्थ्य जानकार आशंका जता रहे हैं कि आने वाले दिनों में टेस्ट न करने से मुसीबत और बड़ा रूप ले सकती है।

(लेखक :अनिल पांडेय, चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

Created On :   5 Sep 2020 1:30 PM GMT

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