सांप्रदायिक तनाव के बीच, सीएम बोम्मई पर आरक्षण को लेकर बढ़ा दबाव

Amidst communal tension, pressure on CM Bommai for reservation increased
सांप्रदायिक तनाव के बीच, सीएम बोम्मई पर आरक्षण को लेकर बढ़ा दबाव
कर्नाटक सियासत सांप्रदायिक तनाव के बीच, सीएम बोम्मई पर आरक्षण को लेकर बढ़ा दबाव

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। राज्य में सांप्रदायिक अशांति और तनाव और कैबिनेट विस्तार की पीड़ा के साथ, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के पास अब 2ए श्रेणी के तहत पंचमसाली लिंगायत समुदाय के लिए आरक्षण के आश्वासन के मुद्दे को संभालने की चुनौती है। कुडलसंगम मठ के पंचमसाली संत बसवजय मृत्युंजय स्वामीजी ने सोमवार को घोषणा की है कि सत्तारूढ़ भाजपा सरकार को दी गई समय सीमा समाप्त हो गई है और वह 21 अप्रैल से आंदोलन शुरू करेंगे। स्वामीजी ने कहा, हम डेढ़ साल से कर्नाटक में भाजपा सरकार के आश्वासन के पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं।

उन्होंने समझाया, पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने सितंबर, 2021 तक आरक्षण प्रदान करने का वादा किया था। उन पर विश्वास करते हुए, हमने आंदोलन वापस ले लिया। वादा कभी पूरा नहीं हुआ। एक बदले हुए राजनीतिक परि²श्य में, बसवराज बोम्मई मुख्यमंत्री बने और उन्होंने 3 महीने की अवधि मांगी। दुर्भाग्य से, पंचमासली लिंगायत समुदाय को आरक्षण के संबंध में प्रगति के कोई संकेत नहीं हैं।

फिर से सीएम बोम्मई को 14 अप्रैल तक की समय सीमा दी गई। चूंकि, मांग पूरी नहीं हुई है, हम आंदोलन शुरू कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि सरकार आंदोलन के दौरान हमारी याचिका पर विचार करेगी। अगर यह विफल रहता है, तो जिला आयुक्तों के कार्यालयों के सामने राज्यव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा। सरकार पर दबाव बनाने के लिए पांच चरणों में आंदोलन जारी रहेगा।

अशांति की पृष्ठभूमि में राज्य में स्थिति को संभालने में व्यस्त सीएम बोम्मई इस मुद्दे को लेकर असमंजस में रहेंगे। आरक्षण का मुद्दा वर्तमान परिदृश्य में एक हॉर्नेट के घोंसले को हिलाने जैसा है। पिछड़े वर्ग के नेताओं ने चेतावनी दी है कि वे मौजूदा आरक्षण पैटर्न के साथ गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं करेंगे। पार्टी सूत्रों ने बताया कि कडू गोला और कुरुबा समुदाय ने भी अनुसूचित जनजाति वर्ग के तहत आरक्षण की मांग को लेकर बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू किया है।

(आईएएनएस)

Created On :   18 April 2022 12:30 PM GMT

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