बांग्लादेश: स्वतंत्रता सेनानियों का सांसद के खिलाफ कार्रवाई का अल्टीमेटम
- बांग्लादेश: स्वतंत्रता सेनानियों का सांसद के खिलाफ कार्रवाई का अल्टीमेटम
ढाका, 4 सितम्बर (आईएएनएस)। बांग्लादेश के बंदरगाह शहर चटगांव में स्वतंत्रता सेनानियों ने सांसद मुस्तफिजुर रहमान चौधरी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सात दिन का अल्टीमेटम दिया है और उनकी संसदीय सीट को रद्द करने और सत्ताधारी पार्टी बांग्लादेश अवामी लीग से निष्कासन की भी मांग की है।
गुरुवार को चटगांव प्रेस क्लब के परिसर में मुक्तियोद्धा संसद संतान कमांड चटगांव मेट्रोपॉलिटन और जिला समिति द्वारा आयोजित एक विरोध रैली में वक्ताओं ने यह मांग की।
इससे पहले, पिछले साल राजकीय सम्मान के बिना एक स्वतंत्रता सेनानी अली अशरफ को सुपुर्द-ए-खाक करने को लेकर हुई विरोध रैली पर हमले में पत्रकारों सहित कम से कम छह लोग घायल हो गए थे।
मुक्तियोद्धा कमांडर अबुल हाशम, चटगांव प्रेस क्लब के महासचिव, कृषक लीग के नेता जहीरुल इस्लाम, बीसीएल नेता अबू सआदत मोहम्मद सईम, अरमान हुसैन और जय सरकार घायल हुए थे।
गौरतलब है कि 2 अगस्त को, पूरबदेश डेली रिपोर्टर फारूक अब्दुल्ला, जो अशरफ के भतीजे भी हैं, के खिलाफ डिजिटल सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था, जिसमें कथित तौर पर सत्तारूढ़ पार्टी के सांसद के खिलाफ फेसबुक पर अपमानजनक टिप्पणी करने और उनके चाचा को राजकीय सम्मान के बिना दफनाने से इनकार के खिलाफ था।
आयोजकों और पीड़ितों ने कहा कि सांसद के समर्थक लोगों ने हमले को अंजाम दिया।
अशरफ, जो कि मुक्तियोद्धा संसद के शेखरखिल संघ इकाई के कमांडर थे और बांशखाली उपजिला अवामी लीग के श्रम मामलों के सचिव थे, का 26 जुलाई को निधन हो गया था और उन्हें अगले दिन उनके पैतृक घर में दफनाया गया था।
रैली में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए, इंटरनेशनल क्राइम ट्राइब्यूनल (आईसीटी) के लोक अभियोजक और एक स्वतंत्रता सेनानी, राणा दास गुप्ता ने कहा कि बांशखाली सांसद मुस्तफिजुर रहमान चौधरी के खिलाफ अंतिम फैसला आने तक आंदोलन जारी रहना चाहिए, जिन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों और पत्रकारों पर हमले का निर्देश दिया था।
उन्होंने कहा कि सांसद और उनका परिवार 1971 के युद्ध के दौरान मुक्ति-विरोधी ताकतों का हिस्सा थे।
गुप्ता ने कहा, अन्यथा, सत्तारूढ़ दल के एक सांसद के रूप में, वह टिप्पणी नहीं कर सकते कि मुक्ति युद्ध बांग्लादेश के बांशखाली में नहीं हुआ। यदि कोई सांसद स्वतंत्रता के इतिहास को बिगाड़ता है, जबकि स्वतंत्रता-समर्थक पार्टी सत्ता में है, तो मुक्ति युद्ध का सटीक इतिहास भविष्य की पीढ़ियों तक नहीं पहुंचेगा।
गुप्ता ने कहा कि इसलिए मैं सरकार से इन सांसदों के खिलाफ तत्काल दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग करता हूं जिन्होंने मुक्ति संग्राम के इतिहास को विकृत कर दिया।
इस बीच, चटगांव में एक स्थानीय दैनिक के स्टाफ रिपोर्टर फारुक अब्दुल्ला पर सोशल मीडिया पर सांसद के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने के लिए डिजिटल सुरक्षा अधिनियम के तहत मुकदमा दायर किया गया है।
वीएवी-एसकेपी
Created On :   4 Sept 2020 2:31 PM IST