बीजेपी ने पहली बार इंटरव्यू लेकर चुना दिल्ली का प्रदेश अध्यक्ष (एक्सक्लूसिव)

BJP elected Delhis state president (exclusive) for the first time by interview
बीजेपी ने पहली बार इंटरव्यू लेकर चुना दिल्ली का प्रदेश अध्यक्ष (एक्सक्लूसिव)
बीजेपी ने पहली बार इंटरव्यू लेकर चुना दिल्ली का प्रदेश अध्यक्ष (एक्सक्लूसिव)

नई दिल्ली, 4 जून (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस नए दौर में लीक से हटकर राजनीति करने के फॉर्मूले पर चल निकली है। अब नेताओं को इंटरव्यू के जरिये बड़ी-बड़ी जिम्मेदारियां देने की शुरुआत हुई है। दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष पद पर आदेश कुमार गुप्ता की नियुक्ति से इसकी शुरुआत हुई है।

पार्टी के भरोसेमंद सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि मार्च में भाजपा के दीन दयाल उपाध्याय रोड स्थित राष्ट्रीय मुख्यालय में दिल्ली के नेताओं का 15-15 इंटरव्यू चला था। इस इंटरव्यू के फीडबैक के बाद भाजपा ने आदेश कुमार गुप्ता के नाम पर मुहर लगाई।

भाजपा ने सोची-समझी रणनीति के तहत पहली बार प्रदेश अध्यक्ष की तलाश के लिए इंटरव्यू फॉर्मूला अपनाया। दरअसल, यह कवायद संगठन से जुड़े जमीनी नेताओं और कार्यकर्ताओं में एक भरोसा जगाने के लिए हुई कि पार्टी वीटो पॉवर से किसी की ताजपोशी नहीं करती है बल्कि सबको आगे बढ़ने के लिए बराबर मौका देती है। इसी मंशा के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राष्ट्रीय महासचिव पी मुरलीधर राव को इस इंटरव्यू के संचालन की जिम्मेदारी दी थी।

भाजपा के राष्ट्रीय मुख्यालय में पी मुरलीधर राव के कार्यालय में एक से लेकर 15 मार्च तक दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष के लिए इंटरव्यू चला। कुछ इंटरव्यू होली से पहले हुए थे और कुछ नेताओं के इंटरव्यू होली के बाद हुए थे। पहले दिल्ली के सभी सात लोकसभा सांसद बुलाए गए। इसके बाद विधायकों को मौका दिया गया। फिर प्रदेश उपाध्यक्ष, महासचिव, सचिव और प्रवक्ता आदि स्तर के पदाधिकारियों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। हर स्तर के पदाधिकारियों के लिए इंटरव्यू का अलग-अलग दिन निर्धारित रहा।

इन सवालों से टटोला मन

इस इंटरव्यू में शामिल रहे दिल्ली बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने आईएएनएस को बताया कि राष्ट्रीय महासचिव पी मुरलीधर ने हर पदाधिकारी को 15 -15 मिनट का समय दिया था। सबसे पहले वह प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी के तीन साल के कार्यकाल पर राय मांगते थे। फिर पूछते थे कि क्या दिल्ली में नेतृत्व परिवर्तन की जरूरत है, अगर है तो फिर क्यों? यह भी सवाल होता था कि अरविंद केजरीवाल का मुकाबला करने के लिए भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष में क्या गुण होने चाहिए। जिसके बाद वह पूछते थे कि आप बताएं कि इन गुणों के आधार पर दिल्ली के कौन-कौन से नेता प्रदेश अध्यक्ष बनने की काबिलियत रखते हैं। आखिर में पी मुरलीधर राव इंटरव्यू देने वाले नेता का मन टटोलने से भी नहीं चूकते थे कि क्या आप भी प्रदेश अध्यक्ष बनना चाहते हैं। अगर कोई इच्छा जाहिर करता था तो फिर उससे पूछते थे कि आप प्रदेश अध्यक्ष बनने पर क्या कुछ नया करेंगे?

पार्टी सूत्रों ने बताया कि इस फॉर्मूले से राष्ट्रीय महासचिव पी मुरलीधर राव ने दिल्ली इकाई के सभी पदाधिकारियों, सांसदों और विधायकों के दिलो-दिमाग को टटोलकर सभी की ओर से सुझाए गए नेताओं के नामों की लिस्ट तैयार की। सूत्रों का कहना है कि इंटरव्यू में शामिल दिल्ली के अधिकांश नेता इस पक्ष में रहे कि कुछ सांसद, विधायक और प्रदेश इकाई में शामिल वरिष्ठ नेता गुटबंदी में ज्यादा ध्यान देते हैं, इस नाते किसी नए चेहरे को सामने लाना चाहिए जो किसी गुट में न हो।

पार्टी सूत्रों ने बताया कि शीर्ष नेतृत्व ने मंथन के बाद दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर नॉर्थ एमसीडी के पूर्व मेयर आदेश गुप्ता के नाम पर मुहर लगाकर सबको चौंका दिया। भाजपा की दिल्ली इकाई के एक और नेता से जब आईएएनएस ने बात की तो उन्होंने कहा कि इंटरव्यू से दिल्ली के नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर पार्टी नेताओं की राय जानने की कोशिश हुई थी। हालांकि इस नेता ने यह भी कहा कि आदेश गुप्ता का नाम इसी इंटरव्यू प्रक्रिया से उभरकर सामने आया, इसकी कोई गारंटी नहीं है।

Created On :   4 Jun 2020 12:32 PM GMT

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