भ्रष्ट लोग देश को बर्बाद कर रहे हैं, भ्रष्टाचार से दूर हो जाओ: सुप्रीम कोर्ट

Corrupt people are ruining the country, get away from corruption: Supreme Court
भ्रष्ट लोग देश को बर्बाद कर रहे हैं, भ्रष्टाचार से दूर हो जाओ: सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली भ्रष्ट लोग देश को बर्बाद कर रहे हैं, भ्रष्टाचार से दूर हो जाओ: सुप्रीम कोर्ट

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कार्यकर्ता गौतम नवलखा के नजरबंदी के अनुरोध पर विचार करते हुए मौखिक रूप से कहा कि भ्रष्ट लोग देश को बर्बाद कर रहे हैं और वह पैसे की मदद से भ्रष्टाचार से दूर हो जाते हैं।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने न्यायमूर्ति केएम जोसेफ और हृषिकेश रॉय की पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ्तार नवलखा जैसे लोग देश को तबाह करना चाहते हैं और आरोप लगाया कि वह माओवादी समर्थक है और पाकिस्तान की आईएसआई से उसके संबंध हैं।

राजू ने आरोप लगाया कि वह निर्दोष लोग नहीं हैं और वह देश को नष्ट करना चाहते हैं। इस पर, जस्टिस जोसेफ ने टिप्पणी की- देश को कौन नष्ट कर रहा है, आप चाहते हैं कि मैं बता दूं..भ्रष्ट, हर कार्यालय में आप जाते हैं, क्या होता है?, भ्रष्टों के खिलाफ कौन कार्रवाई करता है? हमने लोगों का एक वीडियो देखा जहां लोग चुने हुए प्रतिनिधियों को खरीदने के लिए करोड़ों रुपये की बात करते हैं।

न्यायमूर्ति जोसेफ ने वकील से कहा, क्या आप कह रहे हैं कि वह हमारे देश के खिलाफ कुछ नहीं कर रहे हैं? मुद्दा यह है कि आप उनका बचाव नहीं करते हैं, लेकिन वह चलते रहता है। वह मजे से चलते हैं। मनी बैग हैं ना जो मदद कर सकते हैं..।

राजू ने जवाब दिया कि वह भ्रष्टों का बचाव नहीं कर रहे हैं और उन्होंने तर्क दिया कि भ्रष्ट लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। पीठ ने राजू से निर्देश मांगे और नवलखा को कुछ दिनों के लिए नजरबंद रखने के दौरान उन पर लगाये जा सकने वाले प्रतिबंधों के बारे में अवगत कराने को कहा। आगे कहा गया कि अदालत गुरुवार को उनकी सुनवाई के बाद आदेश पारित करेगी। साथ ही पीठ ने कहा- अगर वह कुछ भी करता है, तो वह अपनी स्वतंत्रता खो देगा।

नवलखा का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट से पता चलता है कि जेल के अंदर उनका इलाज संभव नहीं है और उनके मुवक्किल का वजन घट रहा है। सुनवाई के दौरान, पीठ ने राजू से उसकी उन्नत उम्र पर विचार करने के लिए कहा और कहा कि वह उसे जमानत पर रिहा नहीं कर रहे हैं, और साथ ही, वह सुधा भारद्वाज को मिली डिफॉल्ट जमानत का आनंद नहीं लेने वाला है।

राजू ने कहा- हम (नवलखा को) गद्दा और खाट सब कुछ मुहैया कराएंगे। हम उन्हें घर का खाना भी लाने देंगे। शीर्ष अदालत ने 29 सितंबर को तलोजा जेल अधीक्षक को नवलखा को तुरंत उपचार के लिए मुंबई के जसलोक अस्पताल में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया था।

नवलखा ने अप्रैल में पारित बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया, नवलखा ने मुंबई के पास तलोजा जेल में पर्याप्त चिकित्सा और अन्य बुनियादी सुविधाओं की कमी की आशंकाओं के मद्देनजर नजरबंदी का अनुरोध बंबई उच्च न्यायालय से किया था, लेकिन इसने 26 अप्रैल को यह अनुरोध ठुकरा दिया था। इसके बाद उन्होंने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है।

 

 (आईएएनएस)

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Created On :   9 Nov 2022 8:00 PM IST

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