दिल्ली में मुफ्त बिजली का झूठ फैलाने के लिए करदाताओं के करोड़ों रुपये विज्ञापनों पर हो रहे खर्च: गौतम गंभीर

Crores of taxpayers rupees are being spent on advertisements to spread the lie of free electricity in Delhi: Gautam Gambhir
दिल्ली में मुफ्त बिजली का झूठ फैलाने के लिए करदाताओं के करोड़ों रुपये विज्ञापनों पर हो रहे खर्च: गौतम गंभीर
नई दिल्ली दिल्ली में मुफ्त बिजली का झूठ फैलाने के लिए करदाताओं के करोड़ों रुपये विज्ञापनों पर हो रहे खर्च: गौतम गंभीर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हाल ही में हुई बिजली शुल्क में बढ़ोतरी को लेकर अरविंद केजरीवाल की आलोचना करते हुए भारतीय जनता पार्टी के सांसद गौतम गंभीर ने शनिवार को कहा कि पिछले आठ सालों में दिल्ली के लोगों को सिर्फ दुष्प्रचार का शिकार होना पड़ा है।

पूर्वी दिल्ली से लोकसभा सदस्य, गंभीर ने उल्लेख किया कि मुख्यमंत्री बनने से पहले, केजरीवाल और उनके सहयोगियों ने दावा किया था कि पद संभालने के बाद, वे सिस्टम को साफ कर देंगे, जिसके परिणामस्वरूप सरकारी खजाने के लिए बड़ी बचत होगी।

गंभीर ने आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने दावा किया था कि स्वच्छ शासन और प्रशासन के साथ, बिजली की कीमतों में भारी कमी आएगी। हालांकि, पिछले 8 वर्षों में, दिल्ली के लोग सिर्फ प्रचार ही देख रहे हैं। क्रिकेटर से राजनेता बने गंभीर ने उल्लेख किया कि बिजली की खपत करने वाले 58 लाख घरों में से केवल आधे (लगभग 30 लाख) 200 यूनिट से कम का उपयोग करते हैं, जो सीधे बिजली वितरण कंपनियों द्वारा चार्ज नहीं किया जाता है।

उन्होंने कहा, अन्य 16 लाख लोग 800 रुपये तक की सब्सिडी का लाभ उठाते हैं। इसलिए, दिल्ली में 11 लाख परिवारों को 10 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली का भुगतान करना पड़ता है, जो पूरे देश में सबसे अधिक है। उन्होंने शनिवार को एक साथ कई ट्वीट किए और केजरीवाल सरकार पर लोगों को लूटने का आरोप लगाया है।

गौतम गंभीर ने हिंदी में किए गए ट्वीट कर कहा, पिछले 7 सालों में बिजली कंपनियों की कमाई में कोई कमी नहीं आयी। कंपनियां दिल्ली से हर साल 20 हजार करोड़ कमाती हैं। 20 हजार करोड़ में से 16 हजार करोड़ का भुगतान दिल्ली के 11 लाख परिवारों की कमर तोड़कर होता है, जो 10 रूपये यूनिट देते हैं, पूरे देश में सबसे ज्यादा!

उन्होंने आगे कहा, बाकी 4 हजार करोड़ का भुगतान दिल्ली सरकार करती हैं। ये पैसा आम आदमी पार्टी अपने फंड से नहीं देती, दिल्ली के टैक्सपेयर देते हैं। पिछले 7 सालों में सब्सिडी के नाम पर दिल्ली सरकार ने गरीब जनता के 28 हजार करोड़ कंपनियों को दिए हैं।

उन्होंने कहा, बिजली मुफ्त है, के झूठ को फैलाने के लिए भी टैक्सपेयर के हजारों करोड़ विज्ञापनो पर खर्च किये जाते है। 2012 के मुकाबले 2022 तक दिल्ली सरकार के विज्ञापन बजट में 4200 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। गंभीर ने कहा, सच यही है की दिल्ली में भ्रष्टाचार कम नहीं हुआ है, टैक्सपेयर को फायदा नहीं हुआ। सिर्फ़ एक ठग गरीबों के स्कूल, अस्पताल, फ्लाईओवर का पैसा कुर्सी के लिए लुटा रहा है! भाजपा सांसद ने दिल्ली की जनता से सवाल पूछते हुए कहा, मैं दिल्ली की जनता, खास तौर पर उन 11 लाख घरों से पूछना चाहता हूं, क्या आप दिन रात इसलिए मेहनत करते हैं, खून पसीना बहाते हैं ताकि एक ठग कुर्सी पर बैठा रहे?

 

(आईएएनएस)

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Created On :   16 July 2022 4:30 PM GMT

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