इन पांच वजह से नीतीश कुमार विपक्ष का चेहरा बनने की रेस में सबसे आगे

Due to these five reasons, Nitish Kumar is at the forefront of the race to become the face of the opposition
इन पांच वजह से नीतीश कुमार विपक्ष का चेहरा बनने की रेस में सबसे आगे
मिशन- 2024 लोकसभा चुनाव इन पांच वजह से नीतीश कुमार विपक्ष का चेहरा बनने की रेस में सबसे आगे

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार सियासत में हाल ही के दिनों में बड़ा फेरबदल देखने को मिला है। एनडीए के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने वाले नीतीश कुमार ने अचानक पाला बदल लिया जिसकी भनक दिल्ली को भी नहीं लगी। सियासत में अचानक आए इस भूकंप के बाद नीतीश ने आरजेडी के साथ महागठबंधन कर फिर से बिहार के मुख्यमंत्री के पद पर काबिज हुए हैं। अब बिहार की सियासत में नीतीश कुमार को ही दमदार सियासी रणनीतिकार माना जा रहा है। गौरतलब है कि नीतीश की आरजेडी के साथ गठबंधन सरकार बनने के बाद ही विपक्ष का पीएम चेहरा बनाए जाने की कवायद तेज हो गई है।

लोकसभा चुनाव होने में भले ही डेढ़ साल का वक्त है लेकिन प्रमुख विपक्षी दलों की तरफ से नरेंद्र मोदी के खिलाफ चेहरे की तलाश शुरू हो गई है। इसी कड़ी में नीतीश कुमार भी लगातार प्रमुख विपक्षी दलों से मुलाकात कर रहे हैं और दिल्ली में डेरा जमा लिए हैं। इस मुद्दे पर बिखरी विपक्ष को कैसे एकसूत्र में नीतीश कुमार बाधेंगे। इस वक्त सियासत में यही सवाल उठ रहे हैं। हालांकि, नीतीश कुमार पूरी ताकत के साथ प्रमुख विपक्षी दलों को एकजुट करने में जुटे हैं। आइए इन पांच फैक्टर से जानते हैं कि आखिर में नीतीश कुमार ही 2024 में विपक्ष का चेहरा बनने की रेस में सबसे आगे क्यों हैं?

1- विपक्ष को मोदी के खिलाफ चेहरे की तलाश

विपक्षी दलों को एक बात तो साफतौर पर पता है कि 2024 लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी को टक्कर देने के लिए उनके खिलाफ किसी मजबूत चेहरे को उतारना पड़ेगा। इसको लेकर विपक्षी दलों के अलग-अलग मत हैं। ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल की अलग राय है, कांग्रेस भी अपने में मस्त है फिर इन विपक्षी दलों की आपस में राय बन नहीं पा रही है। तो वहीं केसीआर नीतीश के साथ खड़े दिख रहे हैं। अखिलेश और तेजस्वी भी नीतीश का समर्थन कर रहे हैं। जेडीयू पार्टी की ओर से 2024 लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार को पीएम चेहरा बनाए जाना तय माना जा रहा है। ऐसे में सियासी बाजार में अटकलें लगाई जा रही है कि नीतीश कुमार को विपक्ष का चेहरे बनाने के लिए और भी विपतक्षी पार्टियों की सहमति मिल सकती है।

2-नीतीश कुमार की साफ सुथरी छवि

नीतीश कुमार की जहां साफ-सुथरी छवि है तो वहीं लंबा राजनीतिक अनुभव है। नीतीश बिहार में 15 साल से बतौर सीएम के पद पर रहे हैं लेकिन उनके ऊपर किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा है। इन्हीं वजह से नीतीश की पीएम उम्मीदवारी को लेकर माना जा रहा है कि विपक्ष एकजुट हो सकता है क्योंकि पीएम मोदी को कड़ी टक्कर देने के लिए ऐसे ही उम्मीदवारों को उनके खिलाफ उतारना पड़ेगा। क्योंकि बीजेपी हमेशा भ्रष्टाचार को लेकर विपक्ष को घेरती रही है और विपक्ष भी इसे चुनावी मुद्दा बनने नहीं देना चाहेगा। नीतीश कुमार विपक्ष के बैलेंस बनाकर चलने वाले नेताओं में से हैं, जिसके चलते प्रमुख विपक्षी दलों से उनके अच्छे तालमेल रहने के आसार हैं।

3- इस फैक्टर में नीतीश फिट

देश की राजनीति ओबीसी मुद्दा के इर्द-गिर्द सिमटी हुई है, सीएम नीतीश कुमार खुद ओबीसी कुर्मी समुदाय से आते हैं। ऐसे में नीतीश विपक्ष के तौर पर फिट भी बैठ रहे हैं क्योंकि बिहार के अलावा यूपी, मप्र व राजस्थान में कुर्मी समुदाय बीजेपी को वोटर है। अगर नीतीश कुमार विपक्ष की तरफ से पीएम उम्मीदवार बनते हैं तो बीजेपी की परंपरागत वोट में बड़ी सेंधमारी हो सकती है। जहां बीजेपी ने पीएम मोदी को ओबीसी चेहरा पेश कर अपनी वोट बैंक को और मजबूत किया था तो वहीं विपक्ष नीतीश को मोदी के सामने उतारकर ट्रंप कार्ड खेल सकता है। नीतीश के अलावा विपक्ष के सामने साफसुथरा ओबीसी चेहरा और कोई नहीं हैं। इस वजह से नीतीश कुमार सबसे प्रबल दावेदार हो सकते हैं। 

4- कांग्रेस भी दे सकती है सहमति
 
2024 लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी पार्टियों की तरफ से कवायद तेज कर दी गई है। नीतीश कुमार राहुल गांधी से सोमवार को मिल चुके हैं क्योंकि नीतीश कुमार को पता है कि विपक्ष कांग्रेस के बिना कुछ भी नहीं है। कांग्रेस के बगैर अगर विपक्षी दल गठबंधन करते भी हैं तो पूरे देश में बीजेपी को टक्कर देना नामुमकिन है। कांग्रेस ही देश की एकमात्र पार्टी है, जिसकी सियासी जड़ें पूरे देश में फैली हुई है। अभी तक कांग्रेस के सामने जितने चेहरे विपक्ष की तरफ से सामने आ रहे हैं, उनमे से कांग्रेस किसी पर भी सहमत नहीं है।

अब कयास ये लगाया जा रहा है कि पीएम मोदी को तीसरी बार सत्ता में आने से रोकने के लिए कांग्रेस नीतीश कुमार को विपक्ष का चेहरा बनाए जाने पर सहमति दे सकती है। इसके पीछे की वजह ये भी मानी जा रही है कि जेडीयू में नीतीश कुमार सबसे बड़ा चेहरा हैं और उनकी पार्टी में कोई वारिस नहीं है, इसलिए कांग्रेस को इस बात का डर नहीं रहेगा कि जेडीयू के बढ़ने से उसे नुकसान होगा। ऐसे में नीतीश को 2024 लोकसभा चुनाव में पीएम पद की   दावेदारी मिल सकती है।

5- तीसरे फ्रंट को मिला सकते हैं नीतीश

देश की सियासत में इस वक्त कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष बिखरा दिख रह है, उपराष्ट्रपति चुनाव में ये बात साफ हो चुकी है। ममता, चंद्रबाबू नायडू तक साथ नहीं दिखे थे। इससे साफ है कि बीजेपी के खिलाफ इस वक्त विपक्ष एकजुट होने की हालात में नहीं दिख रहा है। इन्हीं वजह से तीसरे मोर्चे को लेकर कवायद तेज है और राजनीतिक बाजार में हर दिन गरमी बढ़ती ही जा रही है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो नीतीश ही एक ऐसे विपक्षी नेता है, जो तीसरे फ्रंट को एकजुट कर सकते हैं। नीतीश कुमार इसीलिए गैरकांग्रेसी पार्टियों से लगातार मुलाकात कर उन्हें एकजुट करने में जुटे हैं। ये तय माना जा रहा है कि कई ऐसे दल है जो कांग्रेस के नेतृत्व में एकजुट नहीं हो सकते हैं लेकिन नीतीश के साथ आने में उन्हें कोई गुरेज नहीं होगी। 

Created On :   6 Sept 2022 5:05 PM IST

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