जानिए दो दिग्गज नेताओं के बीच पुत्रों के लिए सियासी जमीन तैयार करने में कैसे पनप रही है दरार?

Know how the rift is growing between two veteran leaders in preparing the political ground for sons?
जानिए दो दिग्गज नेताओं के बीच पुत्रों के लिए सियासी जमीन तैयार करने में कैसे पनप रही है दरार?
दो गुटों में बटी मध्य प्रदेश कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं जानिए दो दिग्गज नेताओं के बीच पुत्रों के लिए सियासी जमीन तैयार करने में कैसे पनप रही है दरार?
हाईलाइट
  • कांग्रेस से कब खत्म होगी गुटबाजी
  • पुत्रमोह से कब बाहर निकलेगी कांग्रेस

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस में सब कुछ ठीक ठाक चल रहा है ये कहना आसान नहीं है। बयानों और बैठक से लेकर मंचों से  कांग्रेस के दो प्रमुख नेता अलग- थलग नजर आ रहे हैं। कमलनाथ के सीएम  शिवराज सिंह चौहान मिलने से उपजे विरोध के बीज अब अंकुरित होने लगे है। कमलनाथ सरकार गिरने के बाद विधानसभा की 24 सीटों के उपचुनावों में टिकटों के वितरण के दौरान भी दोनों के बीच खासी खींचतान देखने को मिली। हर बार की तरह सब कुछ ठीक होती है तो दोनों नेता बार बार सफाई देते हुए नजर आ जाते है। वर्तमान दौर में भी कई मीडिया खबरों में ये सुर्खियां बनी हुई है कि दोनों दिग्गज नेताओं के बीच दरार बढ़ती जा रही है। 

आपको बता दें एक विरोध प्रदर्शन के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सड़क पर बैठे रहे और पूर्व सीएम कमलनाथ गुप चुप तरीके से सीएम शिवराज सिंह से मुलाकात कर आए। इस मुलाकात से न केवल दिग्विजय सिंह कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं में नाराजगी के आंसू फूट पड़े। हालांकि ये पहली बार नहीं था जब दरार की ये दीवार बनी इससे पहले भी कई बार विरोध के स्वर उठें थे , हालांकि दोनों नेता कई दफा ऐसी अफवाहों को गलत बता चुके है। 


कहां से पनपी दरार
2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल कर सरकार बनाई। सरकार और सूबे के मुखिया की बागडोर  कमलनाथ के हाथों सौपी गई। कमलनाथ एक तरफ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे तो दूसरी तरफ मुख्यमंत्री की गद्दी संभाली। तीन गुटों सिंधिया, सिंह और नाथ   में बटी कांग्रेस में पनपी नाराजगी से नाराज होकर  सिंधिया ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया। इसके पीछे की वजह दिग्गी और नाथ को अपने बेटों के लिए सियासत स्थापित करने के समाचार सुर्खियों में छाए रहे।  नकुलनाथ तो सांसद बन गए लेकिन  सोशल मीडिया पर जयवर्धन के पक्ष में रैंगती सीएम फॉर एमपी की पोस्ट दौडती नजर आने से  कमलनाथ को चिंता में डाल दिया। 

तेज रफ्तार में दिल्ली से भोपाल चले कमलनाथ ने एक साल के भीतर ही प्रदेश अध्यक्ष की कमान के साथ साथ सूबे के मुखिया की गद्दी पर भी कब्जा कर लिया, जब प्रबंधन में माहिर कमलनाथ और सियासत के फील्ड मार्शल  दिग्गविजय सिंह एक साथ थे। इन्हीं संबंधो और दिग्गी के भरासे के बाद 15 साल बाद सत्ता में आई कांग्रेस 15 माह में चली गई जिससे कमलनाथ में दिग्विजय सिंह के भरोसे के प्रति विश्वास हट गया। यहीं मुख्य वजह मानी जाती है कि दोनों दिग्गज नेताओं के बीच दरार पैदा हो गई, समय के साथ ये दरार खाई में बदलती हुई नजर आने लगी है। सरकार भी गई और भरोसे के रिश्ते की मिठास भी फीकी पड़ी हुई है।  कई दिनों के बाद भी दोनों नेता एक साथ एक मंच पर नजर नहीं आए है। हालांकि दिग्विजय सिंह को मुख्यमंत्री बनाने के पीछे कमलनाथ का हाथ था। जिसके चलते दिग्विजय सिंह मध्यप्रदेश के सीएम बने। 

Created On :   25 Feb 2022 9:13 AM GMT

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