कोरोना के खौफ से मप्र में जिंदगी की रफ्तार पड़ी धीमी
- कोरोना के खौफ से मप्र में जिंदगी की रफ्तार पड़ी धीमी
भोपाल, 19 मार्च (आईएएनएस)। चीन के वुहान से फैले कोरोनावायरस का मध्यप्रदेश में एक भी मामला अब तक सामने नहीं आया है, मगर लोगों में खौफ बढ़ता ही जा रहा है। यही कारण है कि इस भय का यहां के जन-जीवन पर असर पड़ा है। बाजारों में चहल-पहल कम हो गई है, कारोबार प्रभावित हो रहा है तो दूसरी ओर मजदूर वर्ग के लिए रोजी-रोटी का जुगाड़ करना मुश्किल होता जा रहा है।
राज्य में कोरोना वायरस की आशंकाओं से निपटने के लिए राज्य सरकार ने अपने स्तर पर व्यापक इंतजाम किए हैं। स्कूल, कॉलेज, सिनेमा हॉल, मैरिज हॉल, सार्वजनिक पुस्तकालय, वटर पार्क, जिम, स्वीमिंग-पूल, आंगनवाड़ी आदि को आगामी आदेश तक के लिए बंद किया जा चुका है। कार्यालयों में कर्मचारियों की बायोमेट्रिक उपस्थिति की व्यवस्था को बंद किया गया है।
सांस्कृतिक समारोह, सार्वजनिक समारोह, आधिकारिक यात्राओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को स्थगित किया गया है। इसके साथ ही, 20 से अधिक लोगों की सभाओं को रोकने के लिए कानूनी उपाय भी किए जा रहे हैं। इसी तरह धार्मिक स्थलों पर भी भीड़ को रोकने के लिए इंतजाम किए गए हैं, कई मंदिरों में तो श्रद्धालुओं का प्रवेश ही प्रतिबंधित कर दिया गया है।
केारोनावायरस के खौफ का असर राज्य के बाजारों में साफ नजर आ रहा है। कई बाजारों में तो सन्नाटा पसरा है, वहीं कई प्रौद्योगिकी क्षेत्र के निजी संस्थानों ने अपने कर्मचारियों केा घर में रहकर ही काम करने के निर्देश दिए हैं। सरकारी दफ्तरों में भी पिछले दिनों जैसी चहल-चहल नहीं है।
भवन निर्माण के काम में लगे सुरेश कुमार का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि कोरोनावायरस है क्या और इससे क्या होगा, मगर इसका उनकी रोजी-रोटी पर असर पड़ रहा है, क्योंकि जिस ठेकेदार के यहां पर काम करते हैं, उसने एक साथ मजदूरों को भवन निर्माण के काम में लगाना बंद कर दिया है। हर रोज अब गिनती के मजदूरों को भेजा जाता है। इसका नतीजा यह हुआ है कि जिन मजदूरों को एक दिन काम मिल जाता है, उन्हें अगले काम के लिए तीन दिन तक इंतजार करना पड़ता है। इस कारण उनके लिए परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है। पत्नी और वे दोनों ही मजदूरी कर परिवार चलाते हैं।
होटल का व्यवसाय से जुड़े रामचंद्र का कहना है कि पिछले कुछ दिनों में उनके यहां खाना खाने आने वाले लोगों की संख्या में काफी गिरावट आ गई है। यह सब कोरोना वायरस के भय के चलते हुआ है, क्योंकि लोगों को लगने लगा है कि अगर वे घर से बाहर जाकर खाना खाएंगे और लोगों से ज्यादा मेल मुलाकात करेंगे तो इस बीमारी का शिकार हो सकते हैं।
मंत्रालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक का कहना है कि कोरोना वायरस का खौफ कर्मचारियों में भी है। मंत्रालय में सेनटाइजर आदि की व्यवस्था न होने से कर्मचारियों में यह डर और भी बढ़ गया है। वरिष्ठ अधिकारियों से मांग की जा चुकी है कि मंत्रालय में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों के साथ देश और विदेश के लोग भी आते हैं, इसके लिए स्क्रीनिंग मशीन लगाई जाए, मगर अब तक ऐसा नहीं हुआ है।
वहीं देश और विदेश से आने वाले पर्यटकों की संख्या भी काफी कम हो गई है। इससे पर्यटन उद्योग बुरी तरह प्रभावित हेा रहा है। टूर एंड टूर एंड ट्रैवेल्स के अजय कश्यप का कहना है कि कोरोनावायरस का पर्यटन व्यवसाय पर व्यापक असर पड़ा है। विदेशी पर्यटकों की संख्या नगण्य है, जिन पर्यटकों ने आने का कार्यक्रम बनाया था, उन्होंने भी यात्रा निरस्त करा ली है।
दूसरी ओर, देशी पर्यटकों की संख्या भी लगातार कम होती जा रही है। यह मौसम पर्यटन के कारोबार के अनुकूल था, मगर कोरोनावायरस ने इसे बुरी तरह प्रभावित किया है।
Created On :   19 March 2020 5:00 PM IST